Health Cleanness and Nutrition (स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण)

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Health Cleanness and Nutrition

Health Cleanness and Nutrition / स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण

बेहतर स्वास्थ्य के लिए पौष्टिक भोजन शरीर की एक महत्त्वपूर्ण आवश्यकता है। शरीर की जरूरतों को पूरा करने के लिए भोजन में उचित मात्रा में आवश्यक पोषक तत्वों का होना आवश्यक है। पोषक तत्वों की कमी से शारीरिक कमजोरी के अलावा व्यक्तिगत, पारिवारिक और सामुदायिक स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

विश्वभर में कुपोषण, सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी, मोटापा और आहार सम्बन्धी गैर-संक्रामक बीमारियों की समस्याओं में लगातार वृद्धि हो रही है। ऊर्जा/पोषण असंतुलन के परिणामस्वरूप शारीरिक और संज्ञानात्मक विकास, रुग्णता मृत्युदर पर दुष्प्रभाव पड़ने के साथ-साथ मानव क्षमता का बहुपक्षीय नुकसान भी हो सकता है तथा इस प्रकार सामाजिक/आर्थिक विकास को भी प्रभावित कर सकता है।

अभी भी कई देश आबादी को खिलाने मात्र के लिए संघर्ष कर रहे हैं। भारत जैसे विकासशील देश में भी एक तरफ कुपोषण की समस्या है तो दूसरी और लाखों लोग अत्यधिक या असंतुलित आहार के कारण गैर-संचारी रोगों से पीड़ित हैं और मोटापे को रोकने और आहार से सम्बन्धित गैर-संचारी रोगी (एनसीडी) के इलाज पर भारी खर्च का भी सामना कर रहे हैं। वर्ष 2019 ग्लोबल हंगर इंडेक्स के मुताबिक भारत 117 योग्य देशों में से 102 वें स्थान पर है।

अच्छे स्वास्थ्य और स्वस्थ जीवन के लिए अच्छा भोजन, नियमित शारीरिक गतिविधि और पर्याप्त नींद अति आवश्यक है। इस पोस्ट में हम आपको स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण (Health Cleanness and Nutrition) के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं.

(A) स्वच्छता –

स्वास्थ्य,उचित स्वच्छता से जुड़ा है जिसमें स्वास्थ्य जीवन के सभी घटकों को समाहित किया गया है। रोगों से मुक्ति पाने के लिए इस स्थिति को बनाए रखने की आदत ही स्वच्छता है।
स्वच्छता के मुख्य दो पक्ष होते हैं-
1-व्यक्तिगत स्वच्छता ।
2-वातावरण स्वच्छता ।

1- व्यक्तिगत स्वच्छता – स्वस्थ रहने तथा रोगों से मुक्त रहने के लिए स्वयं की देखरेख को ही व्यक्तिगत स्वच्छता कहते हैं।
जैसे- नियमित शौच, भोजन से पहले हाथ धोना, शरीर के अंगों ( त्वचा, बाल, दांत, आंख, कान, नाखून) की सफाई आदि आते हैं।

2- वातावरण स्वच्छता – स्वास्थ्य विज्ञान की बातों का पालन करना, समुदाय तथा समाज को स्वच्छ रखना वातावरण स्वच्छता होता है ।
जैसे – नालियों में पानी जमा न होना, घरेलू स्वच्छता, घर के आस-पास की सफाई आदि। मानव शरीर को स्वच्छ बनाए रखने में महत्वपूर्ण पहलू उसका पोषण है।

Health Cleanness and Nutrition

(B) पोषण –

पोषण उन सभी क्रियाओं का कुल योग है,जो भोजन के अंतर्ग्रहण पाचन, पचे हुए भोजन के अवशोषण और अपचित भोजन के बहिष्कार से संबंधित है।

यह मुख्य दो प्रकार का होता है-
1 – स्वपोषण (पादप)
2 – परपोषण (मनुष्य)

पौष्टिक भोजन स्वास्थ्य की एक महत्त्वपूर्ण आधारशिला है। इसलिए शरीर की जरूरतों को पूरा करने के लिए भोजन में उचित मात्रा में आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति होनी चाहिए। पोषक तत्वों की अधिकता और कमी-दोनों समान रूप से हानिकारक हैं और व्यक्तिगत, पारिवारिक और सामुदायिक स्वास्थ्य पर लम्बे समय तक चलने वाले प्रतिकूल प्रभाव हैं। इस प्रकार, इस मुद्दे को प्रभावी ढंग से सम्बन्धित करना और समुदाय को अच्छे स्वास्थ्य और इष्टतम पोषण के महत्व के बारे में जागरूक करना अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। अच्छा पोषण, नियमित शारीरिक गतिविधि और पर्याप्त नींद स्वस्थ जीवन के आवश्यक नियम हैं। सम्पूर्ण राष्ट्र में इष्टतम पोषण की अवधारणा को बढ़ावा देने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता है। 

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