Gender Hindi (हिंदी में लिंग, परिभाषा, भेद और उदाहरण

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Gender in Hindi

Gender Hindi definition, Types of Gender in Hindi, Gender examples in Hindi

Important Topics: समास, अलंकार, मुहावरे, विलोम शब्द, पर्यायवाची शब्द, उपसर्ग और प्रत्यय, तद्भव-तत्सम, कारक-विभक्ति, लिंग, वचन, काल

‘लिंग’ संस्कृत भाषा का एक शब्द है जिसका अर्थ होता है- ‘चिह्न’ या ‘निशान’. लिंग का अभिप्राय भाषा की ऐसी अनुकूल परिस्थितियों से है, जो वाक्य के कर्ता के अनुसार बदल जाते हैं और जिससे यह पता चलता है कि अमुक शब्द स्त्रीजाति के लिए प्रयुक्त हुआ है या पुरुषजाति के लिए.

विश्व की लगभग सभी भाषाओं में किसी न किसी प्रकार की लिंग व्यवस्था होती है।

हिंदी में दो लिंग होते हैं:

  • पुलिंग (Masculine gender in Hindi)
  • स्त्रीलिंग (Feminine gender in Hindi)

जबकि संस्कृत में तीन लिंग होते हैं:

  • पुलिंग (Masculine gender)
  • स्त्रीलिंग (Feminine gender)
  • नपुंसक लिंग (Neuter gender)

फारसी जैसी कुछ भाषाओं में लिंग नही होता है और अंग्रेजी भाषा में लिंग सिर्फ सर्वनाम में होता है।

कभी-कभी किसी शब्द के लिए लिंग की पहचान करना मुश्किल होता है. लिंग के कुछ नियम होते हैं जिसे हम इस आर्टिकल में विद्यार्थियों के समक्ष रख रहे हैं. यहाँ आप जानेंगे कि लिंग किसे कहते हैं? लिंग के कितने भेद हैं? लिंग की पहचान के क्या-क्या नियम हैं? इत्यादि

लिंग की परिभाषा (Definition of Gender in Hindi)

“संज्ञा के जिस रूप से किसी व्यक्ति या वस्तु की नर या मादा जाति का बोध हो, उसे हिंदी व्याकरण में ‘लिंग’ कहते है।”

दूसरे शब्दों में – “संज्ञा शब्दों के जिस रूप से उसके पुरुष या स्त्री जाति होने का पता चलता है, उसे लिंग कहते है।”

जैसे-

पुरुष जाति या पुलिंग  लड़का, मुर्गा, बैल, बकरा, मोर, मोहन आदि।

स्त्री जाति या स्त्रीलिंग  लड़की, मुर्गी, गाय, बकरी, मोरनी, मोहिनी आदि।

‘लिंग’ संस्कृत भाषा का एक शब्द है, जिसका अर्थ होता है ‘चिह्न’ या ‘निशान’। चिह्न या निशान किसी संज्ञा का ही होता है। ‘संज्ञा’ किसी व्यक्ति, वस्तु या स्थान के नाम को कहते है. अब व्यक्ति या वस्तु या तो पुरुषजाति की होगी या स्त्रीजाति की। तात्पर्य यह है कि प्रत्येक संज्ञा या तो पुलिंग होगी या स्त्रीलिंग।

संज्ञा के रूप

संज्ञा के भी दो रूप हैं:

  1. अप्राणिवाचक संज्ञा: जैसे- लोटा, प्याली, पेड़, पत्ता इत्यादि (केवल नपुंसक लिंग)
  2. प्राणिवाचक संज्ञा: जैसे- घोड़ा, घोड़ी, माता, पिता, लड़का, लड़की इत्यादि। (पुल्लिंग और स्त्रीलिंग)

लिंग का निर्धारण कैसे करें?

हिंदी व्याकरण में भी लिंग के निर्णय का आधार संस्कृत के कुछ नियमों के अनुसार ही किया जाता है। संस्कृत में हिंदी से अलग एक तीसरा लिंग भी है, जिसे नपुंसकलिंग कहते हैं। नपुंसकलिंग में अप्राणीवाचक संज्ञाओं को रखा जाता है।

हिंदी न जानने वालों को सबसे अधिक कठिनाई अप्राणीवाचक संज्ञाओं के लिंग निर्धारण में ही होती है. इस तरह की गलतियाँ करते हुए हम अक्सर विदेशी लोगों या भारत में भी दक्षिण भारतीय लोगों को देख सकते हैं जिनकी मातृभाषा हिंदी नहीं है. जिनकी मातृभाषा हिंदी होती है, उन्हें सहज व्यवहार के कारण लिंग निर्णय में ज्यादा परेशानी नहीं होती लेकिन इनमें भी एक समस्या है कि कुछ पुल्लिंग शब्दों के पर्यायवाची स्त्रीलिंग हैं और कुछ स्त्रीलिंग के पुल्लिंग। जैसे – पुस्तक को स्त्रीलिंग कहते हैं और ग्रन्थ को पुल्लिंग।

लिंग के बारे में पता लगाने के नियम 

व्याकरण के आचार्यों  ने लिंग निर्णय के कुछ नियम बताये हैं –

  1. जब प्राणीवाचक संज्ञा पुरुष जाति का बोध कराएँ तो वे पुल्लिंग होते हैं और जब स्त्रीलिंग का बोध कराएँ तो स्त्रीलिंग होती हैं।

जैसे –  कुत्ता, हाथी, शेर, बकरा, घोडा आदि पुल्लिंग हैं

कुतिया, हथनी, शेरनी, बकरी, घोड़ी आदि स्त्रीलिंग हैं।

  1. कुछ प्राणीवाचक संज्ञा जब पुरुष और स्त्री दोनों लिंगों का बोध कराते हैं तो वे नित्य पुल्लिंग में शामिल किये जाते हैं।

जैसे – खरगोश, खटमल, गैंडा, भालू, उल्लु आदि।

  1. कुछ प्राणीवाचक संज्ञा जब पुरुष और स्त्री दोनों का बोध करे तो वे नित्य स्त्रीलिंग में शामिल हो जाते हैं।

जैसे – कोमल, चील, तितली, छिपकली आदि।

लिंग के भेद – Types of Ling (Types of Gender in Hindi)

इस पूरी सृष्टि में तीन मुख्य जातियाँ हैं-

  1. पुरुष
  2. स्त्री
  3. जड़

अनेक भाषाओं में इन्हीं तीन जातियों के आधार पर लिंग के तीन भेद किये गये हैं लेकिन इसके विपरीत, हिन्दी व्याकरण में दो ही लिंग ‘पुंलिंग’ और ‘स्त्रीलिंग’ हैं। हिन्दी व्याकरण में नपुंसकलिंग नहीं होता है. अतः हिन्दी में सारे पदार्थवाचक शब्द, चाहे वे चेतन हों या जड़ हों, स्त्रीलिंग और पुलिंग, इन दो लिंगों में ही विभक्त हैं।

पुल्लिंग (Masculine gender in Hindi)

जिन संज्ञा के शब्दों से पुरुष जाति का पता चलता है, उसे पुल्लिंग कहते हैं।

जैसे – पिता, राजा, घोड़ा, कुत्ता,  आदमी, शिव, हनुमान, शेर, सेठ, मकान, लोहा, चश्मा, खटमल, फूल, नाटक, पर्वत, पेड़, मुर्गा, बैल, भाई आदि।

पुल्लिंग के अपवाद

कुछ ऐसे भी शब्द होते हैं जिन्हें मुख्यतः अज्ञानता के कारण पुलिंग होते हुए भी स्त्रीलिंग समझने की भूल की जाती है. जैसे: पक्षी, फरवरी, एवरेस्ट, मोतिया, दिल्ली, स्त्रीत्व आदि।

पुल्लिंग की पहचान

  1. जिन शब्दों के पीछे , त्व, आ, आव, पा, पन, न आदि प्रत्यय आये वे पुल्लिंग होते हैं।

जैसे – मन, तन, वन, शेर, राम, कृष्ण, सतीत्व, देवत्व, मोटापा, चढ़ाव, बुढ़ापा, लड़कपन, बचपन, लेन-देन आदि।

  1. पर्वतों के नाम पुल्लिंग होते हैं।

जैसे – हिमालय, विघ्यांच्ल, आल्प्स, कंचनजंगा, एवरेस्ट, फूजियामा, कैलाश, मलयाचल, माउन्ट एवरेस्ट आदि।

  1. दिनों के नाम पुल्लिंग होते हैं

जैसे – सोमवार, मंगलवार, बुधवार, वीरवार, शुक्रवार, शनिवार, रविवार आदि।

  1. महीनों के नाम पुल्लिंग होते हैं

जैसे – फरवरी, मार्च, चैत्र, आषाढ़, फागुन आदि।

  1. धातुओं के नाम पुल्लिंग होते हैं

जैसे – सोना, तांबा, पीतल, लोहा,चाँदी, पारा आदि।

  1. कुछ नक्षत्रों के नाम पुल्लिंग होते हैं

जैसे – सूर्य, चन्द्र, राहू, आकाश, शनि, बुध, बृहस्पति, मंगल, शुक्र आदि।

  1. देशों के नाम पुल्लिंग होते हैं

जैसे – भारत, चीन, ईरान, यूरान, रूस, जापान, अमेरिका, हिमाचल, मध्य प्रदेश आदि।

  1. द्रवों के नाम पुल्लिंग होते हैं

जैसे – पानी, तेल, पेट्रोल, घी, शरबत, दही, दूध आदि।

  1. पेड़ों के नाम पुल्लिंग होते हैं

जैसे – केला, पपीता, शीशम, सागौन, बरगद, पीपल, नीम, आम, अमरुद, देवदार, अनार आदि।

  1. सागरों और महासागरों के नाम पुल्लिंग होते हैं

जैसे – हिन्द महासागर, प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर, अरब सागर आदि।

  1. समय के नाम पुल्लिंग होते हैं

जैसे – घंटा, पल, क्षण, मिनट, सेकेंड आदि।

  1. अनाजों के नाम भी पुल्लिंग होते हैं

जैसे – गेंहूँ, बाजरा, चना, जौ आदि।

  1. वर्णमाला के कुछ अक्षरों के नाम पुल्लिंग होते हैं

जैसे – अ, उ, ए, ओ, क, ख, ग, घ, च, छ, य, र, ल, व्, श आदि।

  1. कुछ प्राणीवाचक शब्द ऐसे होते हैं जो हमेशा पुरुष जाति का ही बोध कराते हैं

जैसे – बालक, गीदड़, कौआ, कवि, साधु, खटमल, भेड़िया, खरगोश, चीता, मच्छर, पक्षी आदि।

  1. समूह वाचक संज्ञा भी पुल्लिंग होती है

जैसे – मण्डल, समाज, दल, समूह, सभा, वर्ग, पंचायत आदि।

  1. भारी और बेडौल वस्तु भी पुल्लिंग होती हैं

जैसे – जूता, रस्सा, पहाड़, लोटा आदि।

  1. रत्नों के नाम भी पुल्लिंग होते हैं

जैसे – नीलम, पुखराज, मूँगा, माणिक्य, पन्ना, मोती, हीरा आदि।

  1. फूलों के नाम पुल्लिंग होते हैं

जैसे – गेंदा, मोतिया, कमल, गुलाब आदि।

  1. द्वीप भी पुल्लिंग होते हैं

जैसे – अंडमान-निकोबार, जावा, क्यूबा, न्यू फाउंलैंड आदि।

  1. शरीर के अंग पुल्लिंग होते हैं

जैसे – हाथ, पैर, गला, अंगूठा, कान, सिर, मुंह, घुटना, ह्रदय, दांत, मस्तक आदि।

  1. दान, खाना, वाला जैसे शब्दांशों से खत्म होने वाले शब्द हमेशा पुल्लिंग होते हैं

जैसे – खानदान, पीकदान, दवाखाना, जेलखाना, दूधवाला, दुकानवाला आदि।

  1. कुछ आकारान्त संज्ञा वाले शब्द भी पुल्लिंग होते है

जैसे – गुस्सा, चश्मा, पैसा, छाता आदि।

कुछ पुल्लिंग शब्द और उनके प्रयोग

आइये कुछ पुल्लिंग शब्द और उनके प्रयोग के उदाहरण देखते हैं। इनमें कुछ शब्द ऐसे भी हैं जिन्हें आप आकारांत या इकारांत होने के कारण स्त्रीलिंग समझने की भूल करते हैं

  1. प्राण – उसके प्राण उड़ गये।
  2. घी – घी महँगा है।
  3. आईना – आईना टूट गया।
  4. आयोजन – पूजा का आयोजन हो रहा है।
  5. अम्बार – किताबों का अम्बार लगा हुआ है।
  6. आँसू – सोहन के आँसू निकल पड़े।
  7. इत्र – यह गुलाब का इत्र है।
  8. ईंधन – ईंधन जला दिया गया।
  9. कुआँ – यह कुआँ बहुत गहरा है।
  10. कुहासा – सर्दियों में हर जगह कुहासा छाया रहता है।
  11. गिरगिट – गिरगिट रंग बदल सकता है।
  12. घाव – घाव पक कर गहरा हो गया है।
  13. चुनाव – चुनाव आने वाला है।
  14. जहाज – जहाज डूब गया है।
  15. जेल – यह मुम्बई का जेल है।
  16. जौ – जौ बहुत स्वास्थवर्धक होता है लेकिन उसका स्वाद अच्छा नहीं होता है।
  17. टिकट – यह बस का टिकट है।
  18. तकिया – यह राधा का तकिया है।
  19. तीर – हाथ से अचानक तीर छूट गया।
  20. नीड़ – पंछी नीड़ में रहते है।
  21. पतंग – पतंग उड़ रहा है।
  22. पहिया – पहिया टूट चूका है।
  23. बोझ – उसके सिर पर बोझ रखा है।
  24. मोती – मोती चमकता रहता है।
  25. मोम – मोम पिघल रहा है।
  26. सींग – गाय के दो सींग होते हैं।
  27. होश – उनके होश उड़ चुके हैं।
  28. पानी – पानी साफ है।
  29. दही – दही बहुत खट्टा होता है।
  30. गीत – वह गीत बहुत अच्छा है।

स्त्रीलिंग (Feminine gender in Hindi)

जिन संज्ञा शब्दों से स्त्री जाति का पता चलता है, उसे स्त्रीलिंग कहते हैं।

जैसे – हंसिनी, लड़की, बकरी, माता, रानी, जूं, सुईं, गर्दन, लज्जा, नदी, शाखा, मुर्गी, गाय, बहन, यमुना, बुआ, लक्ष्मी, गंगा, नारी, झोंपड़ी, लोमड़ी आदि ।

स्त्रीलिंग के अपवाद

जैसे – जनवरी, मई, जुलाई, मक्खी, ज्वार, अरहर, मूंग, चाय, लस्सी, चटनी, इ, ई, ऋ, जीभ, आँख, नाक, सभा, कक्षा, संतान, प्रथम, तिथि, छाया, खटास, मिठास, आदि।

स्त्रीलिंग प्रत्यय

जब पुल्लिंग शब्दों को स्त्रीलिंग बनाया जाता है, तब प्रत्ययों को शब्दों में जोड़ा जाता है, जिन्हें स्त्रीलिंग प्रत्यय कहते हैं ।

जैसे –

ई = बड़ा-बड़ी, भला-भली आदि।

इनी = योगी-योगिनी, कमल-कमलिनी आदि।

इन = धोबी-धोबिन, तेल-तेली आदि।

नि = मोर-मोरनी, चोर-चोरनी आदि।

आनी = जेठ-जेठानी, देवर-देवरानी आदि।

आइन = ठाकुर-ठकुराइन, पंडित-पण्डिताइन आदि।

इया = बेटा-बिटिया, लोटा-लुटिया आदि।

स्त्रीलिंग की पहचान

  1. जिन संज्ञा शब्दों के पीछे ख, ट, वट, हट, आनी आदि आयें वे सभी स्त्रीलिंग होते हैं।

जैसे – कड़वाहट, आहट, बनावट, शत्रुता, मूर्खता, मिठाई, छाया, प्यास, ईख, भूख, चोख, राख, कोख, लाख, देखरेख, झंझट, आहट, चिकनाहट, सजावट, इन्द्राणी, जेठानी, ठकुरानी, राजस्थानी आदि ।

  1. अनुस्वारांत, ईकारांत, उकारांत, तकारांत, सकारांत आदि संज्ञाएँ आती है वे स्त्रीलिंग होते हैं।

जैसे – रोटी, टोपी, नदी, चिट्ठी, उदासी, रात, बात, छत, भीत, लू, बालू, दारू, सरसों, खड़ाऊं, प्यास, वास, साँस, नानी, बेटी, मामी, भाभी आदि।

  1. भाषा, बोलियों तथा लिपियों के नाम स्त्रीलिंग होती हैं

जैसे – हिंदी, संस्कृत, देवनागरी, पहाड़ी, अंग्रेजी,पंजाबी गुरुमुखी, फ्रांसीसी, अरबी, फारसी, ज़र्मन, बंगाली, रुसी आदि।

  1. नदियों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं

जैसे – गंगा, यमुना, गोदावरी, सरस्वती, रावी, कावेरी, कृष्णा, व्यास, सतलुज, झेलम, ताप्ती, नर्मदा आदि।

  1. तारीखों और तिथियों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं।

जैसे – पहली, दूसरी, प्रतिपदा, पूर्णिमा, पृथ्वी, अमावस्या, एकादशी, चतुर्थी, प्रथमा आदि।

  1. कुछ नक्षत्रों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं।

जैसे – अश्विनी, भरणी, रोहिणी, रेवती, मृगशिरा, चित्रा आदि।

  1. कुछ संज्ञाएँ हमेशा स्त्रीलिंग रहने वाली होती हैं।

जैसे – मक्खी, कोयल, मछली, तितली, मैना आदि।

  1. कुछ समूहवाचक संज्ञाएँ स्त्रीलिंग भी होती हैं।

जैसे – भीड़, कमेटी, सेना, सभा, कक्षा आदि।

  1. कुछ प्राणीवाचक संज्ञा स्त्रीलिंग होती हैं।

जैसे – धाय, संतान, सौतन आदि।

  1. पुस्तकों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं।

जैसे – कुरान, रामायण, गीता, रामचरितमानस, बाइबल, महाभारत आदि।

  1. कुछ आहारों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं।

जैसे – सब्जी, दाल, कचौरी, पूरी, रोटी, पकोड़ी आदि।

  1. कुछ शरीर के अंगों के नाम भी स्त्रीलिंग होते हैं।

जैसे – आँख, नाक, जीभ, पलक, उँगली, ठोड़ी आदि।

  1. आभूषणों और वस्त्रों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं।

जैसे – साड़ी, सलवार, चुन्नी, धोती, टोपी, पेंट, कमीज, पगड़ी, माला, चूड़ी, बिंदी, कंघी, नथ, अंगूठी आदि।

  1. मसालों के नाम भी स्त्रीलिंग होते हैं।

जैसे – दालचीनी, लौंग, हल्दी, मिर्च, धनिया, इलायची, अजवाइन, सौंफ, चाय आदि।

  1. राशि के नाम स्त्रीलिंग होते हैं।

जैसे – कुम्भ, मीन, तुला, सिंह, मेष, कर्क आदि।

भ्रामक स्त्रीलिंग शब्द

कुछ स्त्रीलिंग के शब्द और प्रयोग जिन्हें कभी-कभी भ्रमवश पुलिंग समझा जाता है –

  1. आँख – उनकी आँख बहुत छोटी-छोटी हैं।
  2. आग – घर में आग लग गई।
  3. इच्छा – मेरी इच्छा सोने की हैं।
  4. ईट – ईंट बिलकुल पक चुकी है।
  5. उम्र – तुम्हारी उम्र लंबी है।
  6. कब्र – कब्र खोदी जा चुकी है।
  7. कसम – मैंने उनकी कसम खायी है।
  8. कलम – कलम टूट चुकी है।
  9. गर्दन – मेरी गर्दन फंस गई है।
  10. चाल – घोड़े की चाल अच्छी होती है।
  11. चील – चील आकाश में उड़ रही है।
  12. छत – छत टूट चुकी है।
  13. जीभ – जीभ कटी नहीं है।
  14. टाँग – मेरी टाँग टूटने से बच गई है।
  15. किताब – किताब बहुत पुरानी है।
  16. दीवार – दीवार गिर चुकी है।
  17. धूप – धूप निकल गई है।
  18. बर्फ – बर्फ गिर चुकी है।
  19. बूंद – पानी की बुँदे एक-एक करके गिर रही हैं।
  20. भीड़ – वहाँ पर भीड़ लग रही थी।
  21. शराब – शराब बहुत महंगी है।
  22. सजा – उसे दो साल की सजा हुई है।

लिंग के उदाहरण  (Example of Gender in Hindi)

शब्दों का लिंग परिवर्तन

क्रमांक  पुल्लिंग स्त्रीलिंग
1. कवि कवियित्री
2. विद्वान विदुषी
3. नेता नेत्री
4. महान महती
5. साधु साध्वी
6. दादा दादी
7. बालक बालिका
8. घोडा घोड़ी
9. शिष्य शिष्या
10. छात्र छात्रा
11. बाल बाला
12. धोबी धोबिन
13. पंडित पण्डिताइन
14. हाथी हथिनी
15. ठाकुर ठकुराइन
16. नर मादा
17. पुरुष स्त्री
18. युवक युवती
19. सम्राट सम्राज्ञी
20. मोर मोरनी
21. सिंह सिंहनी
22. सेवक सेविका
23. अध्यापक अध्यापिका
24. पाठक पाठिका
25. लेखक लेखिका
26. दर्जी दर्जिन
27. ग्वाला ग्वालिन
28. मालिक मालकिन
29. शेर शेरनी
30. ऊँट ऊंटनी
31. गायक गायिका
32. शिक्षक शिक्षिका
33. वर वधू
34. श्रीमान श्रीमती
35. भेड़ भेडा
36. नाग नागिन
37. पडोस पड़ोसिन
38. मामा मामी
39. बलवान बलवती
40. नर तितली तितली
41. भेडिया मादा भेडिया
42. नर मक्खी मक्खी
43. कछुआ मादा कछुआ
44. नर चील चील
45. खरगोश मादा खरगोश
46. नर चीता चीता
47. भालू मादा भालू
48. नर मछली मछली
49. घोडा घोड़ी
50. देव देवी

लिंग से सम्बंधित कुछ विशेष नियम

कुछ शब्द ऐसे भी होते  हैं, जो स्त्रीलिंग और पुल्लिंग दोनों रूपों में प्रयोग किए जाते है-
जैसे-

(1)- राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, चित्रकार, पत्रकार, प्रबंधक, सभापति, वकील, डॉक्टर, सेक्रेटरी, गवर्नर, लेक्चर, प्रोफेसर आदि।

(2)- बर्फ, मेहमान, शिशु, दोस्त, मित्र आदि।

इन शब्दों के लिंग का परिचय योजक-चिह्न, क्रिया अथवा विशेषण से मिलता है। यहाँ कुछ वाक्यों से ज्ञात करेंगे कि किस तरह से इन शब्दों के लिंग को पहचाना जा सकता है-

  • भारत के वर्तमान राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद हैं
  • भारतकी पूर्व राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा देवी सिंह पाटिल थी।
  • एम० एफ० हुसैन भारतके प्रसिद्ध चित्रकार हैं।
  • मेरीमित्र कॉलेज में लेक्चरर है।
  • हिमालय परजमी बर्फ पिघल रही हैं
  • दुख में साथ देने वाला हीसच्चा दोस्त कहलाता है।
  • मेरेपिताजी राष्ट्रपति के सेक्रेटरी हैं।

पुल्लिंग से स्त्रीलिंग बनाने के नियम

पुल्लिंग से स्त्रीलिंग बनाने के नियम निम्नलिखित हैं:

  1. अ, आ पुल्लिंग शब्दों को जब ‘ई’ कर दिया जाता है, तो वे स्त्रीलिंग हो जाते हैं।

उदाहरण –
(i) गूँगा = गूँगी
(ii) गधा = गधी
(iii) देव = देवी
(iv) नर = नारी
(v) नाला = नाली
(vi) नाना = नानी
(vii) मोटा = मोटी

  1. जब अ, आ, वा आदि पुल्लिंग शब्दों को स्त्रीलिंग में बदला जाता है, तो अ, आ, तथा वा की जगह पर ‘इया’ लगा दिया जाता है।

उदाहरण –
(i) लोटा = लुटिया
(ii) बन्दर = बंदरिया
(iii) बुढा = बुढिया
(iv) बेटा = बिटिया
(v) चिड़ा = चिड़िया
(vi) कुत्ता = कुतिया
(vii) चूहा = चुहिया

  1. अक जैसे तत्सम शब्दों में ‘इका’ जोडकर भी स्त्रीलिंग बनाए जाते हैं।

उदाहरण –
(i) अध्यापक + इका = अध्यापिका
(ii) पत्र + इका = पत्रिका
(iii) चालक + इका = चालिका
(iv) सेवक + इका = सेविका
(v) लेखक + इका = लेखिका
(vi) गायक + इका = गायिका

  1. जब पुल्लिंग को स्त्रीलिंग बनाया जाता है, तो कभी-कभी नर या मादा लगाना पड़ता है ।

उदाहरण –
(i) तोता = मादा तोता
(ii) खरगोश = मादा खरगोश
(iii) मच्छर = मादा मच्छर
(iv) जिराफ = मादा जिराफ
(v) खटमल = मादा खटमल
(vi) मगरमच्छ = मादा मगरमच्छ

  1. कुछ शब्द स्वतंत्र रूप से स्त्री-पुरुष के स्वंय में ही जोड़े होते हैं। कुछ पुल्लिंग शब्दों के स्त्रीलिंग बिलकुल उल्टे होते हैं।

उदाहरण –
(i) राजा = रानी
(ii) सम्राट = सम्राज्ञी
(iii) पिता = माता
(iv) भाई = बहन
(v) वर = वधू
(vi) पति = पत्नी

  1. कुछ शब्दों का स्त्रीलिंग न हो पाने की वजह से उनमें ‘आनी’ प्रत्यय लगाकर स्त्रीलिंग बनाया जाता है।

उदाहरण –
(i) ठाकुर + आनी = ठकुरानी
(ii) सेठ + आनी = सेठानी
(iii) चौधरी + आनी = चौधरानी
(iv) देवर +आनी = देवरानी
(v) नौकर + आनी = नौकरानी
(vi) इंद्र + आनी = इन्द्राणी
(vii) जेठ + आनी = जेठानी

  1. कभी-कभी पुल्लिंग के कुछ शब्दों में ‘इन’ जोडकर स्त्रीलिंग बनाया जाता है।

उदाहरण –
(i) साँप + इन = सांपिन
(ii) सुनार + इन = सुनारिन
(iii) नाती + इन = नातिन
(iv) दर्जी + इन = दर्जिन
(v) कुम्हार + इन = कुम्हारिन
(vi) लुहार + इन = लुहारिन

  1. कभी-कभी बहुत से शब्दों में ‘आइन’ जोडकर स्त्रीलिंग बनाए जाते हैं।

उदाहरण –
(i) चौधरी + आइन = चौधराइन
(ii) हलवाई + आइन = हलवाइन
(iii) गुरु + आइन = गुरुआइन
(iv) पंडित + आइन = पण्डिताइन
(v) ठाकुर + आइन = ठकुराइन
(vi) बाबू +आइन = बबुआइन आदि।

  1. जब पुल्लिंग शब्दों में ता की जगह पर ‘त्री, लगा दिया जाता है, तो वे स्त्रीलिंग बन जाते हैं।

उदाहरण –
(i) नेता = नेत्री
(ii) दाता = दात्री
(iii) अभिनेता = अभनेत्री
(iv) रचयिता = रचयित्री
(v) विधाता = विधात्री

  1. संस्कृत के पुल्लिंग शब्दों मान और वान को जब वती और मति में बदल दिया जाता है, तो वे स्त्रीलिंग में बदल जाते हैं।

उदाहरण –
(i) बुद्धिमान = बुद्धिमती
(ii) पुत्रवान = पुत्रवती
(iii) श्रीमान = श्रीमती
(iv) भाग्यवान = भाग्यवती
(v) आयुष्मान = आयुष्मती

  1. संस्कृत के अकारांत शब्दों में आ लगा देने से वे स्त्रीलिंग हो जाते हैं।

उदाहरण –
(i) तनुज + आ = तनुजा
(ii) चंचल + आ = चंचला
(iii) आत्मज + आ = आत्मजा
(iv) सुत +आ = सुता
(v) प्रिय + आ = प्रिया

लिंग (Gender Hindi) से सम्बंधित प्रश्नोत्तरी

प्रश्न1- लिंग किसे कहते हैं?
उत्तर- जिसके द्वारा यह पता चले की अमुक संज्ञा शब्द स्त्री जाति व पुरुष जाति के लिए प्रयुक्त हुआ है।

प्रश्न2- संस्कृत भाषा में लिंग के कितने भेद हैं?
उत्तर- संस्कृत भाषा में लिंग के तीन भेद हैं:
1-पुल्लिंग
2-स्त्रीलिंग
3-नपुंसकलिंग

प्रश्न3- पुल्लिंग शब्दों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर- पुल्लिंग शब्द के निम्न उदाहरण हैं:
पाकः, त्यागः, करः, गोचरः, लोक, मास, गोपा, शंखमध्या, सोमपा, जलधि, गिरि, सप्ति, अग्नि, रवि, आदि।

प्रश्न4- स्त्रीलिंग शब्दों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर- स्त्रीलिंग शब्द के निम्न उदाहरण हैं:
कला, निशा, धूलि(धूर), मति, बुद्धि, गति, भक्ति, शक्ति, शांति, निति, रीति, जाति, रात्रि, आदि।

प्रश्न5- नपुंसकलिंग शब्दों के उदाहरण दिजिए।
उत्तर- नपुंसकलिंग शब्द के निम्न उदाहरण हैं:
मित्र, मुख, बीज, तृण(घास), गगन, ज्ञान, जाँघ, आदि।

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