Amrood Guava in Hindi (अमरूद: जानकारी, खाने के फायदे और नुकसान)

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Amrood Guava in Hindi

Amrood Guava in Hindi/ अमरुद खाने के आश्चर्यजनक फायदे और नुकसान

अमरुद (Guava) का वानस्पतिक नाम सीडियम ग्वायवा है. यह सीडियम प्रजाति , ग्वायवा जाति और मिटसी कुल का एक फल है। वैज्ञानिकों का अनुसार अमरूद की उत्पति वेस्ट इंडीज़ से हुई है हालांकि संस्कृत के ग्रंथों में अमरूद जैसे एक फल का जिक्र हुआ है जिसका प्राचीन संस्कृत नाम ‘अमृत फल’ है।

अमरूद की उत्पत्ति के लिए भारत की जलवायु को सर्वोत्तम माना गया है. यहां इसकी खेती अत्यंत सरलता पूर्वक हो जाती है. इतिहासकारों के अनुसार 17वीं शताब्दी में यह फल भारत में आया था। अमरूद एक अत्यंत लाभकारी फल है.

इसमें विटामिन-C की प्रचुर मात्रा होती है जो लगभग (228.3mg) होता है। Amrood Guava in Hindi

अमरूद का सामान्य परिचय

अन्य फलों की भांति अमरुद भी हमारे देश का एक प्रमुख ‘फल’ है. भारत इसका सबसे बड़ा उत्पादक देश है। अमरूद का उत्पादन भारत के लगभग सभी राज्यों में होता है. ग्रामीण क्षेत्रों में अमरूद का पौधा घर-घर देखने को मिलता है. सहिष्ण होने के कारण बलुई दोमट मिट्टी में अमरुद के पौधे का विकास (वृद्धि) शीघ्रता से हो जाता है।

अमरूद स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होता है और खाने में स्वादिष्ट होने के कारण बहुत सारे लोग इसे खाना पसंद भी करते हैं.

अमरुद का स्वाद कसैला व मीठा होता है. एक अमरूद के अन्दर लगभग 50 से 60 छोटे-छोटे बीज होते हैं. यह फल बच्चों को काफी पसंद है.

अमरुद के फल जुलाई और अगस्त के महीने में बाजार में प्रचुरता से मिलते हैं. इसके अतिरिक्त सर्दी के मौसम में नवम्बर दिसम्बर से जेकर जनवरी तक भी इसके फल बाजार में मिलते हैं. सर्दी के दिनों में अमरुद खाना स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है. Amrood Guava in Hindi

अमरूद की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु

अमरूद के लिए गर्म तथा शुष्क जलवायु सबसे अधिक उपयुक्त है. अमरूद का पौधा गर्मी तथा पाला दोनों को सहन कर सकता है. सामान्य तौर पर अधिक पाला पड़ने पर भी अमरूद का कमजोर पौधा ही प्रभावित होता है। भारत में अमरूद की अनेक किस्म देखने को मिलती है, जो निम्नलिखित हैं:
इलाहाबादी सफेदा, बेदाना, लाल गुदेवाला, चित्तीदार आदि।

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अमरूद में खनिज तत्व व विटामिन

अमरूद में विभिन्न प्रकार के खनिज तत्व व  विटामिन पाए जाते हैं जैसे- कार्बोहाइड्रेट, शर्करा, वसा, प्रोटीन, आहार रेशे, विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन सी, विटामिन के, कैल्शियम, पोटैशियम, सोडियम, जस्ता, फास्फोरस, लौह व मैग्नीज आदि पाए जाते हैं जो मानव शरीर को विशेष ऊर्जा प्रदान करते हैं.

प्रति परोस का 100 ग्राम (3.5 औंस)
ऊर्जा285 कि॰जूल (68 किलोकैलोरी)
कार्बोहाइड्रेट14.32 g
शर्करा8.92 g
आहार रेशे5.4 g
वसा0.95 g
प्रोटीन2.55 g
विटामिन ए 31 μg (3%)
बीटा-कैरोटीन374 μg (3%)
थायमिन(विटा.बी१)0.067 mg (5%)
रिबोफ्लेविन(विटा.बी२)0.04 mg (3%)
नायसिन(विटा.बी३)1.084 mg (7%)
पैण्टोथेनिक अम्ल (बी५)0.451 mg (9%)
विटामिन बी६0.11 mg (8%)
फोलेट (Vit. B9)49 μg (12%)
विटामिन सी228.3 mg (381%)
विटामिन के2.2 μg (2%)
कैल्शियम18 mg (2%)
लौह0.26 mg (2%)
मैग्नेशियम22 mg (6%)
मैंगनीज़0.15 mg (8%)
फास्फोरस40 mg (6%)
पोटैशियम417 mg (9%)
सोडियम2 mg (0%)
जस्ता0.23 mg (2%)
Lycopene5204 µg
सोर्स: USDA Nutrient database

अमरूद का उत्पादन (Guava production in Hindi)

सिर्फ भारत ही नहीं पूरे विश्व में अमरूद का उत्पादन दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है. सन 2011 की दृष्टि से अमरूद का उत्पादन निम्न प्रकार हैं:

अमरुद का उत्पादन 2011
देश10 लाख टन
भारत17.6
चीन4.4
थाईलैंड2.6
पाकिस्तान1.8
मेक्सिको1.6
इण्डोनेशिया1.3
ब्राज़ील1.2
बांग्लादेश1.1
Source: WorldAtlas

अमरूद खाने के लाभ (Guava khane ke fayde)

प्राचीन काल से ही अमरूद खाने के अनेक फायदे आयुर्वेद में बताए गए हैं। सर्दियों में अमरूद खाने के फायदे ही फायदे हैं। दंत रोगों के लिए अमरूद रामबाण साबित होता है। अमरूद के पत्तों को चबाने से दांतों के कीड़ा और दांतों से सम्बंधित रोग भी दूर हो जाते हैं। इसके अलावा भी अमरुद कई औषधीय गुणो के लिए जाना जाता है। अमरूद बहुत सस्ता व आसानी से मिल जाने वाला फल होने के कारण लोग इसके गुण को समझ नहीं पाते, बुजुर्गों का कहना है कि एक अमरूद का फल एक घड़ा पानी के बराबर होता है, इसलिए यह बहुत ठंडा माना जाता है इसका तासीर ठंडी होने के कारण यह पेट की लगभग सभी बीमारियों को दूर कर देता है अमरूद में विटामिन-C पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। Amrood Guava in Hindi

अमरुद खाने के प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं:

1. अमरूद मस्तिष्क के वृद्धि और विकास में सहायक होता है.

2. अमरूद तेज लगी प्यास को शांत करता है.

3. अमरूद मिर्गी को दूर करता है.

4. अमरूद माताओं में दूध की वृद्धि करता है.

5. अमरूद हृदय को बल देता है.

6. यह उल्टी रोकने व पेट को साफ करने में अत्यंत लाभकारी है।

7. अमरूद मुंह और दांत के रोग में भी काम आता है, यदि मुंह में छाले और दांत में तकलीफ होने पर अमरूद की पत्ती को पीसकर उसे मुंह में भरकर दो-तीन बार गलाला करें, ऐसा करने से आराम मिलेगा।

8. अमरूद के साथ अमरूद की पत्तियां भी हमारे स्वास्थ्य में सहायक सिद्ध होते है, जैसे जब दांत दर्द करता है तो अमरूद की छोटी पत्तियों को तोड़कर उसे हथेली पर मिसलकर नमक मिक्स करके उस दर्द वाले स्थान पर लगाने से दर्द से आराम मिलता है।

9. पाचन क्रिया को संतुलित बनाए रखने के लिए अमरुद को काले नमक के साथ सेवन करना चाहिए.

10. बच्चों के पेट में कीड़े पड़ जाने पर भी अमरूद का सेवन अत्यंत लाभकारी है.

11. डॉक्टरों का कहना है कि यदि आंखों के नीचे काले दाग या सूजन होने पर अमरूद की पत्तियों को बारीक पीसकर उसका लेप लगाने से आराम मिलता है।

12. अगर आपको उल्टी हो रही है तो अमरूद के पत्ते का काढ़ा बनाकर, एक छोटा कप काढ़ा पी ले इससे उल्टी में आराम मिलेगा.

13. अमरूद खूनी बवासीर में भी आराम दिलाता है. इसके लिए 5 से 10 ग्राम अमरूद की छाल के चूर्ण को, अमरूद का काढ़ा के साथ सेवन करने से बवासीर के कारण होने वाला रक्त स्राव दूर होता है. इसका सेवन एक निश्चित अनुपात में करना चाहिए। Amrood Guava in Hindi

अमरूद खाने के नुकसान (Guava khane ke nuksan)

जैसा कि हम जानते हैं अमरूद हमारे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभदायक है किंतु इसका अत्यधिक सेवन करने से नुकसान भी हो सकता है जो निम्न है:

1. अमरूद का अधिक मात्रा में सेवन करने से फाइबर में वृद्धि होती है, जो डायरिया का शिकायत पैदा करती है. अतः गर्भवती महिलाओं को अमरूद का सेवन अधिक नहीं करना चाहिए.

2. अमरूद के अधिक सेवन से सूजन, गैस आदि की समस्या बढ़ जाती है इसका सेवन अधिक होने पर हमें तरल पदार्थों का सेवन भी अधिक करना चाहिए।

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