TRAI Full Form (Telecom Regulatory Authority of India)

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TRAI Full Form

TRAI Full Form in Hindi, TRAI: Telecom Regulatory Authority of India (भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण)

TRAI का फुल फॉर्म Telecom Regulatory Authority of India यानि हिंदी में कहें तो भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण” है. TRAI भारत में दूरसंचार पर नियंत्रण हेतु एक स्वायत्त नियामक प्राधिकरण है। TRAI की स्थापना भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण अधिनियम 1997, एवं बाद में इसी अधिनियम के 2000 संशोधन के द्वारा यथासंशोधित करके की गई थी, जिसका मिशन भारत में दूरसंचार संबंधित व्यापार को नियमित करना था। भारत का दूर संचार नेटवर्क एशिया की उभरती अर्थ व्‍यवस्‍थाओं में दूसरा सबसे और विश्‍व का तीसरा सबसे बड़ा नेटवर्क है।

TRAI प्राधिकरण (TRAI Full Form) का लक्ष्य भारत में दूरसंचार के विकास के लिए ऐसी रीति तथा ऐसी गति से परिस्थितियां सृजित करना तथा उन्हें संपोषित करना है, जो भारत को उभरते हुए वैश्विक समाज में एक अग्रणी भूमिका निभाने में समर्थ बना सके। TRAI का उद्देश्य है एक ऐसा उचित और पारदर्शी परिवेश उपलब्ध हो  जो समान अवसरों के लिए प्रोत्साहित करें। TRAI का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।

ट्राई (TRAI) की स्थापना

TRAI की शुरुआत 20 फरवरी 1997 में कर दी गई थी। ट्राई एक ऐसी संस्था हैं, जिसमें एक अध्यक्ष एवं न्यूनतम दो और अधिकतम छह सदस्य शामिल किये जाते हैं और केंद्र सरकार द्वारा इनकी नियुक्ति की जाती है लेकिन TRAI में केवल वहीं अध्यक्ष शामिल किया जाता है, जो उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश है या फिर वह पहले रह चुका हो, इसके अलावा या फिर वह उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश हो या फिर पहले रह चुका हो। वहीं TRAI में उन सदस्यों को शामिल किया जाता है, जो दूरसंचार, उद्योग, वित्त लेखांकन, विधि प्रबंधन एवं उपभोक्ता मामलों के क्षेत्र में से किसी में विशेष ज्ञान एवं पेशेवर में पूर्ण रूप से अनुभव प्राप्त कर चुका हो और उसे हर बात की जानकारी हो।

TRAI की प्रमुख विशेषताएं

TRAI को अपने कुछ प्रमुख सिफारिशी, विनियामक एवं प्रशुल्क निर्धारण प्रकार्यों के तहत मामलों में सिफारिश करनी होती है। ये मामले निम्नलिखित हैं:  

  • नए सेवा प्रदाता की आवश्यकता और उनकी सेवा शुरूआत का समय निर्धारित करना
  • सेवा प्रदाता को दिए जाने वाले लाइसेंस की शर्त का निर्धारण करना
  • लाइसेंस संबंधी शर्त के अनुपालन को सुनिश्चित करना
  • स्पैक्ट्रम का कुशल प्रबंधन
  • सेवा प्रदाताओं द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवा की गुणवत्ता के मानकों का निर्धारण तथा दूरसंचार सेवा के ग्राहकों के हित की रक्षा करने हेतु सेवा प्रदाताओं द्वारा प्रदान की जाने वाली ऐसी सेवा का आवधिक सर्वेक्षण करना और सेवा की गुणवत्ता को सुनिश्चित करना
  • सार्वभौमिक सेवा दायित्वों का प्रभावी अनुपालन सुनिश्चित करना
  • इस अधिनियम के तहत भारत में और भारत से बाहर उपलब्ध दूरसंचार सेवाओं की दरों को अधिसूचित करना, इत्यादि।

TRAI की संरचना

TRAI यानि दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण अधिनियम (TRAI Full Form) के अनुसार प्राधिकरण में एक अध्यक्ष, दो पूर्णकालिक सदस्य और दो अंशकालिक सदस्य से अधिक नहीं होने चाहिये। अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए प्राधिकरण समय-समय पर नए नियम और आदेश जारी करता रहता है। इसके साथ ही भारतीय दूरसंचार बाजार को बेहतर बनाने के लिए प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण भी प्रदान करता है। TRAI के कॉमन चार्टर ऑफ टेलीकॉम सर्विस, 2005 के अनुसार सेवा प्रदाता को अपने उपभोक्ता की गोपनीयता का पूरा ध्यान रखना होता है। इसे लाइसेंस प्रदाता और लाइसेंस धारक के बीच, दो या दो से अधिक सेवा प्रदाताओं के बीच और एक सेवा प्रदाता तथा उपभोक्‍ताओं के समूह के बीच किसी विवाद को निपटाने के लिए अधिकार और ट्राई के किसी निर्देश, निर्णय या आदेश के विरुद्ध अपील की सुनवाई और उसके निपटान का अधिकार दिया गया है।

यदि उपभोक्ता को अपनी समस्या का समाधान सेवा प्रदाता कॉल सेंटर द्वारा नहीं मिलता तो वह अपनी शिकायत नोडल अधिकारी के यहां दर्ज करा सकता है। वहां से भी समस्या का उचित हल न मिल पाने पर उपभोक्ता अपीलेट अथॉरिटी में अपनी शिकायत कर सकता है। सेवा प्रदाता का दायित्व होता है कि वह अपने द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं के सक्रिय होने के एक सप्ताह के भीतर उपभोक्ता को टैरिफ योजना के बारे में जानकारी दे दे। बिना इसकी स्वीकृति के उसे मूल्य वर्धित सेवाओं यानि वैल्यू एडेड सर्विस प्रदान नहीं की जा सकती हैं।

TRAI के प्रमुख कार्य

TRAI के प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं:

  • जब किसी ग्राहक को टेलीकॉम ऑपरेटर के प्रति शिकायत करनी होती है वह अपनी शिकायत TRAI को ही करता है।
  • इसके बाद यदि कोई ऑपरेटर दिए गए रोल, रेगुलेशन का उल्लंघन करता है, तो TRAI उसके प्रति कार्यवाही कर सकता है।
  • TRAI नए सेवा प्रदाताओं के लिए समय एवं जरूरतों की अनुशंसा करने के काम करता है।
  • TRAI एक सेवा प्रदाता के लिए लाइसेंस की सेवा शर्तो की अनुशंसा करने के काम की जिम्मेदारी बखूबी निभाता है।
  • TRAI ही एक ऐसी संस्था है, जो विभिन्न सेवा प्रदाताओं के बीच तकनीकी सुसंगतता एवं प्रभावी बनाने का काम करता है।
  • TRAI का यह उद्देश्य है कि, वह सेवा प्रदाताओं को दूरसंचार सेवाओं के प्रदायन से प्राप्त राजस्व का सेवा प्रदाताओं के बीच हिस्सेदारी के प्रबंध का विनियमन कर सके।

इसे भी पढ़ें: DBTL का फुल फॉर्म क्या है?

  • TRAI लाइसेंस हेतु सेवा शर्तों के अनुपालन को सुनिश्चित करने का काम करता है।
  • TRAI द्वारा विभिन्न सेवा प्रदाताओं के मध्य दूरसंचार के स्थानीय एवं लम्बी दूरी सर्किटों की समयावधि सुनिश्चित करने का काम किया जाता है।
  • TRAI दूरसंचार सेवाओं के प्रचालन में प्रतिस्पर्द्धा को सुसाध्य बनाता है और इन सेवाओं में सफलता प्राप्त करने के लिए कार्यदक्षता को बढ़ावा देने का काम करता है।
  • TRAI दूरसंचार सेवा (TRAI Full Form) के उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करता है।
  • TRAI ही है जो सेवा की गुणवत्ता की निगरानी करता है और सेवा प्रदाताओं द्वारा मुहैया कराई जाने वाली   सेवाओं का आवधिक सर्वेक्षण करता है।
  • TRAI नेटवर्क में प्रयुक्त उपकरणों की जांच करता है और सेवा प्रदाताओं द्वारा उपकरणों के उपयोग के बारे में जानकारी प्राप्त करता है।
  • यह सेवा प्रदाताओं के मध्य विवादों की सभी समस्याओं का समाधान करता है।
  • यह संस्था विनियमों द्वारा निर्धारित,इन सेवाओं के संबंध में, दरों पर शुल्क एवं अन्य भारों का आरोपण करता है।
  • यह सार्वभौमिक सेवा दायित्वों के प्रभावी अनुपालन को सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाता है और केंद्र सरकार द्वारा सौंपे गए प्रशासनिक एवं वित्तीय कार्यों को करने की जिम्मेदारी निभाता है।

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