SIDBI Full Form (Small Industries Development Bank of India)

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SIDBI Full Form

SIDBI Full Form in Hindi, SIDBI: Small Industries Development Bank of India (भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक)

SIDBI का फुल फॉर्म है “Small Industries Development Bank of India”. इसका हिंदी में अर्थ होता है “भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक”. SIDBI की स्थापना 2 अप्रैल, 1990 को भारतीय औद्योगिक विकास बैंक (IDBI) के एक सहायक बैंक के रूप में की गई थी.

SIDBI भारत की स्वतंत्र एक वित्तीय संस्था है जो सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों की वृद्धि एवं विकास के लक्ष्य  को पूरा करने के लिए स्थापित किया गया है। यह लघु उद्योग क्षेत्र के संवर्द्धन, वित्तपोषण और विकास तथा इसी तरह की गतिविधियों में लगी अन्य संस्थाओं के कार्यां में समन्वयन के लिए प्रमुख विकास वित्तीय संस्था है।

भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) भारत की एक प्रमुख विकास वित्तीय संस्था है। इसका उद्देश्य पुनर्वित्त सुविधाएं और उद्योगों को अल्पकालिक ऋण प्रदान करना है। यह सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र की शीर्ष वित्तीय संस्था के रूप में कार्य करता है। SIDBI इस प्रकार की गतिविधियों में संलग्न संस्थाओं के समन्वय का भी कार्य करता है। SIDBI भारत सरकार के वित्तीय सेवाएँ विभाग के तहत काम करता है।

IDBI, IFCI, IIBI industrial development banks की ही तरह SIDBI को लघु और लघुतर उद्योगों की स्थापना, वित्त पोषण, विकास आदि के लिए वित्त देने का दायित्व सौंपा गया है. SIDBI बैंक (SIDBI Full Form) का मुख्यालय (headquarter) लखनऊ में है. इसके अलावा इसके 15 क्षेत्रीय कार्यालय और 100 शाखा कार्यालय भी देश के विभिन्न शहरों में हैं. SIDBI लघु उद्योगों को व्यापारिक बैंकों, सहकारी और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों तथा राज्य औद्योगिक वित्त निगमों (Industrial finance corporations) के जरिये सहायता प्रदान करता है. SIDBI भारतीय पूँजी बाजार और विदेशी संस्थाओं से विदेशी मुद्रा (foreign currency) के रूप में ऋण भी ले सकता है.

SIDBI के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य

SIDBI के व्यापार क्षेत्र (SIDBI Full Form) में माइक्रो, स्माल और मझौले उद्यम (MSME) शामिल हैं, जो उत्पादन , रोजगार और निर्यात के मामले में राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं. MSME sector भारतीय अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण आधार है क्योंकि यह 5.1 करोड़ इकाइयों के विशाल नेटवर्क के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास के लिए बहुत हद तक मदद देता है.

  • SIDBI के जरिये लगभग 11.7 करोड़ रोजगार पैदा होते हैं.
  • SIDBI के तहत 6000 से अधिक उत्पादों का निर्माण किया जाता है.
  • SIDBI का सम्पूर्ण उत्पादन में 45% योगदान है.
  • SIDBI का विनिर्माण उत्पादन (manufacturing output) में लगभग 45% का योगदान है.
  • GDP में SIDBI का योगदान लगभग 37% है.
  • SIDBI विश्व के 30 शीर्षस्थ विकास बैंकों में एक माना जाता है. इस बैंक द्वारा 3 करोड़ 20 लाख लोगों को 3260 trillion राशि दी जा चुकी है.

SIDBI की अन्य गतिविधियाँ

SIDBI ने संबंधित गतिविधियों के लिए कई अन्य संस्थाओं की स्थापना की है, जिनमें निम्नलिखित संस्थाएं महत्वपूर्ण हैं:

  • सिडबी वेंचर कैपिटल लिमिटेड (SVCL): MSME को उद्यम पूंजी (वीसी) सहायता प्रदान करने के लिए
  • माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी (मुद्रा): देश में वित्त वंचित सूक्ष्म उद्यमों के निधीयन हेतु
  • रिसीवेबल एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (आरएक्सआईएल): MSME को प्राप्तियों की शीघ्र उगाही में समर्थ बनाने के लिए
  • स्मेरा रेटिंग्स लिमिटेड (एसएमईआरए): एमएसएमई की क्रेडिट रेटिंग के लिए, जिसका नाम बदलकर ऐक्विट रेटिंग्स एंड रिसर्च लिमिटेड रखा गया।
  • इंडिया एसएमई टेक्नोलॉजी सर्विसेज लिमिटेड (आईएसटीएसएल): प्रौद्योगिकी सलाहकार और परामर्श सेवाओं के लिए
  • इंडिया एसएमई असेट रिकन्स्ट्रकशन कंपनी लिमिटेड (आईसार्क): एमएसएमई क्षेत्र में गैर-निष्पादक आस्ति (एनपीए) के त्वरित समाधान के लिए.

Note: SIDBI एमएसएमई के विकास से जुड़ी भारत सरकार की पहलों का समर्थन करता है व कुछ योजनाओं जैसे मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया के लिए नोडल एजेंसी के रूप में काम करता है।

SIDBI के कारोबार का दायरा

SIDBI के कारोबार (SIDBI Full Form) के दायरे में लघु उद्योग इकाइयाँ सम्मलित हैं, जो उत्पादन, रोजगार और निर्यात की दृष्टि से राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय योगदान देती हैं। लघु एवं मध्यम उद्योग ऐसी औद्योगिक इकाइयाँ हैं, जिनमें प्लांट व मशीनरी में निवेश 10 करोड़ रुपये से अधिक न हो। ऐसी इकाइयों की संख्या लगभग 31 लाख है जिनमें 1.72 करोड़ व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त है और भारत के निर्यात में उनका हिस्सा 36 प्रतिशत तथा औद्योगिक विनिर्माण में 40 प्रतिशत है। साथ ही, SIDBI की सहायता परिवहन, स्वास्थ्य-सेवाओं और पर्यटन क्षेत्र के साथ-साथ ऐसे प्रोफेशनल और स्व-नियोजित व्यक्तियों को भी उपलब्ध है, जो लघु आकार के प्रोफेशनल उद्यम स्थापित करते हैं।

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भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) की स्थापना 2 अप्रैल 1990 को संसद के एक अधिनियम के तहत, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र के संवर्द्धन, वित्तपोषण एवं विकास के लिए और साथ ही इसी तरह की गतिविधियों में संलग्न संस्थाओं के कार्यों का समन्वय करने हेतु प्रमुख वित्तीय संस्था के रूप में की गई।

SIDBI का लक्ष्य

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के लिए ऋण प्रवाह सुगम और सुदृढ़ बनाना तथा एमएसएमई पारितंत्र की वित्तीय एवं विकास संबंधी कमियों की पूर्ति करना।

SIDBI का दर्शन

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र को सुदृढ़, ऊर्जावान तथा वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्द्धी बनाने के उद्देश्य से उसकी वित्तीय और विकास संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति का एकल केंद्र बनना, सिडबी की छवि श्रेयस्कर और ग्राहक-मैत्र संस्था के रूप में स्थापित करना तथा आधुनिक प्रौद्योगिकियों का उपयोग करते हुए शेयरधारकों के धन की वृद्धि और सर्वोत्तम नैगम मूल्यों का संवर्द्धन करना।

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