Shashank Interview (शशांक त्रिपाठी यूपीएससी 2015 रैंक 5 का इंटरव्यू)

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Shashank Interview

Shashank Interview / शशांक त्रिपाठी यूपीएससी 2015 रैंक 5 का इंटरव्यू

शशांक त्रिपाठी यूपीएससी 2015 की परीक्षा में टॉपर बन के उभरे हैं उनकी आल इडिया रैंक 5 है

बायो डेटा

नाम: शशांक त्रिपाठी
रैंक: 5
पूर्व चयनित: भारतीय राजस्व सेवा (IRS)
स्नातक स्तर की पढ़ाई: B.Tech IIT कानपुर
प्रयासों की संख्या: 2
निवास स्थान: कानपुर उत्तरप्रदेश

शशांक त्रिपाठी ने यूपीएससी 2015 में जिसका परिणाम १० मई २०१६ को घोषित किया गया पुरे देश में 5वा स्थान प्राप्त किया. शशांक का जन्म कानपुर के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था. इनके पिता श्री नारायण त्रिपाठी एक इंटरमीडिएट स्कूल (जुगल देवी सरस्वती विद्या मंदिर) में अकाउंट हेड हैं. इसी स्कूल से शशांक ने अपनी स्कूली पढाई पूरी की और बाद में IIT कानपुर में प्रवेश लिया.. जब वे IIT कानपुर से अपनी इंजीनियरिंग की पढाई कर रहे थे तभी से उनके अंदर IAS बनने कि तीव्र ललक थी इसी कारण से वे प्लेसमेंट स्तर में भी नही बैठे. उन्हें अपने सपनों पे पूरा भरोसा था और उन्होंने उसे पूरा भी किया

Attempts

यह शशांक का दूसरा प्रयास था जिसमे उन्होंने ५वी रैंक अर्जित की और IAS के लिए चुने गए..जब परिणाम आया तो शशांक बहुत आश्चर्यचकित थे. उन्होंने पुरे देश में ५वीं रैंक हासिल की थी. साथ ही साथ वे बहुत ही गौरवान्वित भी थे कि उन्होंने अपना सपना पूरा कर लिया.. पुरे दिन उनको बधाई देने वालों का ताँता लगा रहा.. रिजल्ट के बाद वो सबसे पहले अपने माता पिता के पास गए जो अपने बेटे की इस सफलता से बहुत ही खुश थे

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पहला प्रयास

पहले प्रयास में उनका २७२ वा स्थान था और वे IRS भारतीय राजस्व सेवा (Indian Revenue System) के लिए चुने गए. उनका प्रशिक्षण नागपुर में चालू था. वे इससे संस्तुष्ट नहीं थे, वे IAS बनना चाहते थे और उनके पिता नारायण त्रिपाठी उन्हें इसके लिए हमेशा प्रोत्साहित करते रहते थे

सफलता का मन्त्र

शशांक की सफलता का एक मात्र मन्त्र उनकी कठिन मेहनत है.. जब वो IIT में थे तभी से उन्होंने अपने आप को UPSC के लिए पूरी तरह से समर्पित कर लिया था और वो अपनी सफलता को ले के आश्वस्त भी थे.. उन्हें पता था कि उनकी कठिन मेहनत एक दिन जरुर रंग लाएगी
पहले प्रयास में जब वो IRS के लिए सेलेक्ट हुए तब भी उनका लक्ष्य नही डिगा और उन्होंने ट्रेनिंग के साथ साथ अपनी तैयारी भी जारी रखी और अंततः अपने लक्ष्य में कामयाब हुए
बकौल शशांक “किसी को भी अपने सपने से नही डिगना चाहिए और उसको पूरा करने के लिए जी जान से जुट जाना चाहिए चाहे वो कितना भी बड़ा सपना हो”
शशांक ने साबित किया कि कठिन परिश्रम कभी व्यर्थ नही जाता अगर तुम्हे अपने सपनो को पाना है तो निरंतर प्रयास करते रहो और कभी अपना समय बर्बाद मत करो

शशांक की सफलता की कहानी उनके बचपन के मित्र की जुबानी

इस दिवाली जब मैं अपने घर गया तो मुझे पता चला कि शशांक ने UPSC की परीक्षा में पुरे देश में 5वा स्थान प्राप्त किया है.. सच पूछिये तो मुझे बिलकुल भी आश्चर्य नही हुआ.. वो बचपन से ही इतने सरप्राइज दे चुका है कि मुझे पूरी तरह पता था कि वो कुछ भी कर सकता है

मैंने उसे बचपन से देखा है और वो शुरू से ही सबसे अलग था. वो अपना समय कभी व्यर्थ में नष्ट नहीं करता था.. ना ही कभी गॉसिप करता था ना ही किसी से कोई शिकायत.
उसके पिता श्री नारायण त्रिपाठी एक इंटरमीडिएट स्कूल (जुगल देवी सरस्वती विद्या मंदिर) में अकाउंट हेड थे और वो उनके साथ ही स्कूल आता था.. क्लास ख़त्म होने के बाद भी वो वही रुकता था और उनके साथ ही घर जाता था शायद 6वी या 7वी तक जब तक कि उसको अपनी साइकिल नही मिल गयी.

यहीं पे उसके बारे में कुछ अनोखी चीजे पता चलीं.. उसका ऑब्जरवेशन बहुत सूक्ष्म था. वो घंटों मैप्स और ग्लोब को देखता और देशों और उनकी राजधानियों के बारे में पढता.. चूँकि हम दोनों स्टाफ के बच्चे थे इसलिए कोई ये नही पूछता कि यहाँ क्यूँ बैठे हो

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वो बचपन से ही बहुत इंटेलिजेंट था और केवल अपने सेक्शन और स्कूल में ही नहीं पुरे कॉलेज में टॉप करता था.. चूँकि हमारा स्कूल विद्याभारती था इसलिए नैतिकता और राष्ट्रीयता पर बेहद जोर दिया जाता था.. उसके पिताजी RSS के स्वयंसेवक थे शायद ये डिसिप्लिन ये उन्ही से सीखा था
उसके अंदर विल पॉवर भी बहुत जबरदस्त था जो शायद उसकी माँ से आया था.. उसकी माँ के बारे में एक बात का जिक्र करना चाहूँगा

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एक बार आंटीजी को लगा कि मुझे अपना वजन 10 किलो कम करना है और विश्वास मानिए उन्होंने 3-४ महीने में ही इसे कर दिखाया.. जब पड़ोस की महिलाओं ने पूछा कि ये कैसे किया तो उन्होंने बताया “कुछ खास नहीं बस लौकी खाती हूँ और सुबह पनकी मंदिर तक पैदल जाती हूँ” पनकी मंदिर उसके घर से 4 किलोमीटर दूर था इसका मतलब आंटी रोजाना 8 किलोमीटर चलती थी. ये बड़ी बात थी उस औरत के लिए जो अपना घर का सारा काम भी खुद करती हो.
शशांक में ये विलपॉवर अपनी माँ से आया

शशांक के बड़े भैया सोनू नार्कोटिक्स डिपार्टमेंट में हैं और हाँ शशांक का घर का नाम मोनू है 😀

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