RAW Full Form (Research and Analysis Wing)

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RAW Full Form

RAW Full Form in Hindi, RAW: Research and Analysis Wing (अनुसंधान और विश्लेषण विंग)

RAW का फुल फॉर्म “Research and Analysis Wing” है जिसे हिंदी में “अनुसंधान और विश्लेषण विंग”कहा जाता है. Raw India की एक Intelligence Agency है जिसे हिंदी में खुफिया एजेंसी कहते हैं. खुफिया एजेंसियां किसी भी देश की सुरक्षा में अपना एक अलग महत्व रखती है.भारत की खुफिया एजेंसी का नाम RAW है. किसी भी देश की सुरक्षा के लिए सबसे जरुरी है कि उस देश की खुफिया एजेंसी चौकन्नी हो. खुफिया एजेंसी ही देश के अंदर और दूसरें देशों में अपने एजेंट्स के जरिये देश की सुरक्षा सम्बंधित गतिविधियों पर नजर रखती है. खुफिया एजेंसी का मुख्य काम आपने देश के लिए आतंकवाद से लड़ना है. अगर हम पूरे विश्व की बात करें तो वर्तमान में ज्यादातर देशो की अपनी खुफिया एजेंसियां हैं. हर एजेंसी का काम करने का तरीका अलग होता है. RAW का कानूनी दर्जा अभी भी पूरी तरह स्पष्ट नहीं है. आइये इस आर्टिकल में देखते हैं कि आखिर क्यो RAW एक Agency नही बल्कि एक Wing है.

RAW का इतिहास

RAW का गठन सन 1962 के India China युद्ध और 1965 के India Pakistan युद्ध के बाद तब किया गया था जब इंदिरा गांधी सरकार ने भारत की सुरक्षा की जरूरत को महसूस किया. यह एक सीक्रेट एजेंसी है. इस Agency के बारे में News में या कही और भी बहुत ज़्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है. इससे आप अंदाज़ा लगा सकते है कि RAW वास्तव में कितनी Secret Agency है. RAW का मुख्यालय नई दिल्ली में है.

RAW के गठन (RAW Full Form) से पहले विदेशी जानकारी को जमा करने का काम अन्वेषण ब्यूरो (आईबी) करती थी जिसे ब्रिटिशों ने बनाया था। 1933 में विश्व में राजनैतिक अनिश्चितता को देखते हुए, जिसके चलते द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत हुई, अन्वेषण ब्यूरो की ज़िम्मेदारिया बढ़ा दी गयीं ताकि भारत के सीमावर्ती इलाकों से जानकारी इकठ्ठा की जा सके। 1947 में स्वतंत्रता के बाद संजीवी पिल्लई ने आईबी के प्रथम भारतीय निदेशक के रूप में भूमिका संभाली. ब्रिटिशों के जाने के बाद मनुष्यबल में आई गिरावट के कारण पिल्लई ने ब्यूरो को MI5 का अनुसरण करते हुए चलाने की कोशिश की। 1949 में पिल्लई ने एक छोटे विदेशी जानकारियों के ऑपरेशन को शुरू किया परन्तु 1962 के भारत-चीन युद्ध में अक्षमता सामने आई। विदेशी जानकारी की भारत-चीन युद्ध के दौरान नाकामयाबी के कारण प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु ने एक विदेशी गुप्तचर संस्था के गठन का आदेश दिया। 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद भारतीय थल सेना के सचिव (चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ) जनरल जयंता नाथ चौधरी ने और अधिक जानकारी इकठ्ठा करने की ज़रूरत बताई।

1962 के अंत में एक अलग स्वतन्त्र विदेशी गुप्तचर संस्था को बनाने की योजना आकार लेने लगी। 1968 में इंदिरा गाँधी के प्रधानमंत्री बनने के बाद यह निश्चय किया गया की एक पूर्णतया अलग सुरक्षा संस्था की आवश्यकता है। आर.एन काओ, जों उस वक्त अन्वेषण ब्यूरो के उपनिदेशक थे, ने एक नई संस्था का ढांचा पेश किया। काओ को भारत की पहली अंतर्राष्ट्रीय गुप्तचर संस्था, RAW (रिसर्च और एनालिसिस विंग), का सचिव बनाया गया।

RAW की विशेषताएं

RAW की निम्नलिखित विशेषताएं हैं:

  • RAW भारत की एक बहुत ही सीक्रेट एजेंसी है इसके बारे में जानकारी निकालना बहुत कठिन है.
  • RAW पर RTI नहीं डाला जा सकता है क्योंकि कि यह देश की सुरक्षा का मामला है.
  • RAW में शामिल होने के लिए आपके माता-पिता का भारतीय होने जरूरी है.
  • RAW का सिद्धांत धर्मो रक्षति रक्षित है जिसका मतलब है कि जो शख्स धर्म की रक्षा करता है वह हमेंशा सुरक्षित रहता है.
  • RAW का मुख्य उद्देश्य बाहरी खुफिया जानकारी, आतंकवाद और गुप्त ऑपरेशन का संग्रह करना है. यह भारतीय नीति निर्माताओं को सलाह देने के लिए विदेशी सरकारों, निगमों और व्यक्तियों के बारे में जानकारी प्राप्त करने और उनका विश्लेषण करने के लिए भी जिम्मेदार है.
  • RAW भारत की सबसे शक्तिशाली एजेंसी है जो मुख्य रूप से पड़ोसी देशों और आतंकवाद से लड़ने वाले अन्य देशों की गतिविधियों पर पैनी नज़र रखती है. यह भारत के परमाणु कार्यक्रमों की सुरक्षा में भी शामिल है, RAW का कानूनी स्तर काफ़ी उलझा हुआ है, जिसके अनुसार यह एक “संस्था” नहीं बल्कि कैबिनेट का एक “विभाग” है और इसी वजह से रॉ भारतीय संसद को जवाबदार नहीं है और इसी कारण यह सुचना का अधिकार (RTI) के अंतर्गत नहीं आती।
  • RAW सीधे अपनी Report Prime Minister को भेजती है. इसके डायरेक्टर का चुनाव सेक्रेटरी Research द्वारा होता है. ऐसे Candidate जिनका चुनाव रक्षा बलों से हुआ हो उन्हें इसमें शामिल होने से पहले अपने मूल विभाग से इस्तीफा देना आवश्यक होता है और फिर वो इसमें शामिल हो सकते है. Mission पूरा होने के बाद अधिकारी को Permission होती है कि वह अपने मूल विभाग में वापस शामिल हो सकते है अगर आपके पास इतना साहस नहीं बचा है तो आप बेशक वापस जा सकते हैं.
  • अगर आपको RAW में शामिल होना है तो आपका RAW में शामिल होना एक राज होना चाहिए और ये राज किसी को नहीं पता चलना चाहिए.

RAW की उपलब्धियां

Sikkim को भारत में शामिल करने का श्रेय भी बहुत हद तक RAW को जाता है. RAW ने वहाँ के नागरिकों को भारत समर्थक Pro Indian बनाने में अहम भूमिका निभाई है.

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RAW का गठन (RAW Full Form) अमेरिका के सीआईए की तर्ज पर ही किया गया है. इसके ऑफिशल्स को अमेंरिका, यूके और इजरायल में Training प्रदान की जाती है. RAW में शामिल होने का सबसे बेहतर तरीका है UPSC Pass करके IPS या IFS पद पर चयनित होना और फिर RAW में शामिल हो जाना.

RAW का इतिहास

RAW का गठन सितंबर सन 1968 में रामेश्वर नाथ काओ के मार्गदर्शन में किया गया था. यह RAW के पहले निदेशक थे. RAW के निर्माण के पीछे मुख्य कारण 1962 में चीन और 1965 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्धों में इंटेलिजेंस ब्यूरो का खराब प्रदर्शन था.

विश्व की सबसे शानदार 10 Intelligence Agencies

  • Mossad – Israel
  • BND (Bundesnachrichtendienst) – Germany
  • MSS (Ministry of State Security) – China
  • RAW (Research and Analysis Wing) – India
  • ISI (Inter Services Intelligence) – Pakistan
  • CIA (Central Intelligence Agency) – America
  • M1-6 (Military Intelligence Section 6) – United Kingdom
  • DGSE (Directorate General for External Security) – France
  • FSB (Federal Security Service of Russian Federation) – Russia
  • ASIS (Australian Secret Intelligence Service) – Australia

RAW एजेंट कैसे बनें

दोस्तों अगर आप RAW Agent बनना (RAW Full Form) चाहते हैं तो इसके लिए सबसे पहले आपको Deputy Field Officer, Cabinet Secretariat और Government Of India में Form भरना होगा, इसके अलावा भी आप National Academy Of Administration की Entrance Exam देकर भी RAW में भर्ती हो सकते है. इसके अलावा RAW में उच्च पदों पर सिविल सर्विस में चयनित विद्यार्थियों को भी चुना जाता है, सिविल सर्विस का कोर्स खत्म होते ही RAW की टीम कैंपस भर्ती के लिए इस संस्था में आती है और कुछ मनोवैज्ञानिक परीक्षण के बाद Candidate को दो साल की Training के लिए रखा जाता है और Performance को जाँचने के बाद RAW का हिस्सा बनाया जाता है।

RAW एजेंट बनने के लिए योग्यताएं

RAW में Agent बनने के लिए आप के पास कुछ योग्यताओ का होना बहुत ही जरूरी है, जो निम्नलिखित हैं:

  • RAW में Agent बनने के लिए उम्मीदवार का भारत नागरिक होना आनिवार्य है।
  • आवेदक की अंग्रेजी भाषा में अच्छी पकड़ होनी चाहिये।
  • RAW में Agent बनने के लिए उम्मीदवार का किसी भी मान्यता प्राप्त विश्विद्यालय से स्नातक पास होना अनिवार्य है।
  • RAW में Agent बनने के लिए उम्मीदवार को कंप्यूटर Operation और कंप्यूटर भाषा का अच्छा ज्ञान होना चाहिये।
  • RAW में Agent बनने के लिए उम्मीदवार को किसी भी तरह के नशे की आदत नहीं होनी चाहिए.
  • आवेदक का किसी भी प्रकार का आपराधिक रिकॉर्ड नही होना चाहिये।
  • RAW में Agent बनने के लिए आवेदक विवाहित नहीं होना चाहिये।
  • उम्मीदवार शारीरिक ओर मानसिक रूप से पूरी तरह से फिट होना चाहिये।

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