Mahasagriy Jaldharaye Ocean Current Hindi महासागरीय जलधाराएँ

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Mahasagriy Jaldharaye Ocean Current Hindi

Mahasagriy Jaldharaye Ocean Current Hindi / महासागरीय जलधाराएँ / Ocean current in Hindi

एक निश्चित दिशा में बहुत अधिक दूरी तक महासागरीय जल की एक राशि के प्रवाह को महासागरीय जलधारा (Ocean Current) कहते हैं. इन्हें समुद्री धाराएँ भी कहते हैं.

महासागरीय या समुद्री धाराओं को जन्म देने में दो कारक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं:

पहला तो यह कि समुद्र के धरातल पर हवाओं का घर्षण किस प्रकार हो रहा है। जिस दिशा में हवाएँ बहती हैं, वे पानी को भी उसी दिशा में बहाकर ले जाती हैं।

दूसरा यह कि जहाँ कहीं भी जल के घनत्त्व में अन्तर होता है वहाँ असमान शक्ति उत्पन्न होती है, इससे भी जल की धारा प्रभावित होती है । इस तरह की धाराओं को थर्मोक्लाइन धाराएँ कहते हैं । इसका वैज्ञानिक सिद्धान्त यह है कि जो जल जितना अधिक गर्म होता है, उसका घनत्त्व उतना ही कम होता है। अर्थात् वह धारा हल्की हो जाती है। ठीक इसके विपरीत जो जल जितना अधिक ठण्डा होता है, उसका घनत्त्व उतना ही अधिक होता है। इस प्रकार ठण्डी जल धारा भारी होती है, और गर्म जलधारा हल्की । ऐसी स्थिति में जिस प्रकार ठण्डी वायु गर्म प्रदेशों की ओर प्रवाहित होती हैं, ठीक उसी प्रकार ठण्डी जलधाराएँ गर्म क्षेत्र की ओर प्रवाहित होने लगती हैं । इस तरह से अधिक घनत्त्व वाले क्षेत्र से कम घनत्त्व वाले क्षेत्र की ओर प्रवाहित होने लगता है। Mahasagriy Jaldharaye Ocean Current Hindi

कोरिओलिस बल के प्रभाव के कारण बहता हुआ जल मुड़कर दीर्घ वृत्ताकार रुप में बहने लगता है, जिसे गायर (वृत्ताकार गति) कहते हैं । इस वृत्ताकार गति में जल उत्तरी गोलार्ध में घड़ी की सूई के अनुकुल तथा दक्षिण गोलार्ध में घड़ी की सुई के प्रतिकुल बहता है।

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इसके अतिरिक्त भी समुद्री धरातल पर कभी जल नीचे की ओर जाता है, जिसे जल का ‘अप्रवाह’ कहते हैं । तो कहीं जल नीचे से ऊपर की ओर आता है, जिसे ‘उत्प्रवाह’ कहा जाता है।

जल के इस प्रकार ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर आने के निम्न कारण होते है:-

  • हवाओं की प्रक्रिया
  • सतह के जल का वाष्पीकरण होना
  • वर्षा द्वारा सतह के जल में वृद्धि करना
  • वाष्पीकरण एवं संघनन से जल के घनत्त्व में परिवर्तन होना आदि

महासागरीय जल काफी मात्रा में ऊपर से नीचे की ओर बहता है. इसका महत्त्वपूर्ण कारण यह है कि उच्च अक्षांशों में ठण्ड अधिक होने के कारण सतह का पानी बहुत ठण्डा हो जाता है । इससे जल की ऊष्मा कम हो जाती है । इसके कारण महासागरों की धाराएँ ध्रुवों की ओर बहने लगती हैं । ध्रुवों की ओर आने वाली गर्म धारा यहाँ आकर ठण्डी हो जाती हैं । ठण्डी होने के कारण इस धारा का घनत्त्व बढ़ जाता है । इसलिए यह जल समुद्री सतह के नीचे जाने लगता है ।

महासागरीय धाराओं के प्रकार

महासागरीय धारायें 2 प्रकार की होती है:

  • गर्म जलधारा
  • ठंडी जलधारा

गर्म जलधारा

निम्न अक्षांशों में उष्ण कटिबंधों से उच्च समशीतोष्ण और उपध्रुवीय कटिबंधों की ओर बहने वाली जलधाराओं को गर्म जलधारा कहते हैं

यह प्राय: भूमध्य रेखा से ध्रुवों की ओर चलती है. इनके जल का तापमान मार्ग में आने वाले जल के तापमान से अधिक होता है. अत: यह धाराएँ जिन क्षेत्रों में चलती हैं वहाँ का तापमान बढ़ा देती हैं

ठंडी जलधारा

उच्च अक्षांशों से निम्न अक्षांशों की ओर बहने वाली जलधारा को ठंडी जलधारा कहते हैं. यह प्राय: ध्रुवों से भूमध्य रेखा की ओर चलती है. इनका तापमान रास्तें में आने वाले जल के तापमान से कम होता है. अत: यह धाराएँ जिन क्षेत्रों में चलती हैं वहाँ का तापमान घटा देती हैं Mahasagriy Jaldharaye Ocean Current Hindi

महासागरीय जलधाराओं की विशेषता

महासागरीय जलधाराओं की निम्नलिखित विशेषताएँ होती हैं:

  • धाराएँ एक विशाल नदी की तरह समुद्रों में बहती हैं । लेकिन इनके प्रवाह की गति और चैड़ाई एक जैसी नहीं होती ।
  • जल धाराएँ भी कॉरिओलिस बल के प्रभाव के कारण हवाओं की तरह ही भूगोल के नियम का पालन करती हैं ।
  • लेकिन हिन्द महासागर के उत्तरी भाग में धाराओं की दिशा कॉरिओलिस बल से निर्धारित न होकर मौसमी हवाओं से निर्धारित होती हैं । यह जल धाराओं के नियम का एक अपवाद है ।
  • गर्म धाराएँ ठण्डे सागर की ओर तथा ठण्डी धाराएँ गर्म सागर की ओर प्रवाहित होती हैं ।
  • निम्न अक्षांशों में पश्चिमी तटों पर ठण्डी जल धाराएँ तथा पूर्वी तटों पर गर्म जल धाराएँ बहती हैं

महासागरीय जलधाराओं का प्रभाव

महासागरीय जलधाराओं का स्थानीय मौसम एवं उद्योग पर काफी प्रभाव पड़ता है.

इनके मुख्य प्रभाव निम्नलिखित हैं:

  • महासागरीय धाराएँ समुद्री तटों के तापक्रम को प्रभावित करती हैं । जैसे गर्म पानी की धारा अपनी ऊष्मा के कारण ठण्डे समुद्री तटों के बर्फ को पिघलाकर उसमें जहाजों के आवागमन को सुगम बना देती हैं । साथ ही पानी के पिघलने के कारण वहाँ मछली पकड़ने की सुविधा मिल जाती है ।
  • बड़ी महासागरीय धाराएँ पृथ्वी की उष्मा को संतुलित बनाए रखने में योगदान देती हैं ।
  • महासागरीय धाराएँ अपने साथ प्लेंकटन नामक घास भी लाती हैं, जो मछलियों के लिए उपयोगी होती हैं । पेरु तट पर अलनीनो प्रभाव के कारण प्लेंकटन नष्ट हो जाते हैं, जबकि गल्फस्ट्रीम की प्लेंक्टन, न्यू फाऊलैण्ड पर पहुँचकर वहाँ महाद्वीपीय उद्योग के लिए अनुकूल परिस्थियाँ बना देते हैं ।
  • गर्म और ठण्डी धाराओं के मिलन स्थल पर कुहरा छा जाता है, जिससे जहाजों को बहुत नुकसान उठाना पउ़ता है। न्यूफाऊलैण्ड में हमेशा कुहरा छाये रहने के कारण वहाँ गल्फस्ट्रीम नामक गर्म जल धारा तथा लेप्रोडोर नामक ठण्डी जल धारा का मिलना ही है ।
  • ठण्डी धाराएँ अपने साथ बर्फ के बड़े-बड़े खण्ड भी लाती है, जो जहाजों के टकरा कर दुर्घटना का कारन बनती हैं.
  • उत्तरी गोलार्ध की जलधाराएँ अपनी दाई ओर तथा दक्षिणी गोलार्ध की जलधाराएँ अपनी बाई ओर प्रवाहित होती हैं. यह कारिओलीस बल के प्रभाव के कारण होता है
  • महासागरीय जलधारों के संचरण की सामान्य व्यवस्था का एकमात्र अपवाद हिन्द महासागर से उत्तरी भाग में  पाया जाता है. इस भाग में धाराओं के प्रवाह की दिशा मानसूनी पवन के दिशा के साथ बदल जाती है
  • गर्म जलधाराएँ ठंडे सागरों के ओर और ठंडी जलधाराएँ गर्म सागरों की ओर बहने लगती हैं

विश्व की प्रमुख सागरीय जलधाराएँ

प्रशांत महासागर की गर्म जलधाराएँ

  • उत्तरी विषुवत रेखीय जलधारा
  • क्युरेशियो की जलधारा
  • उत्तरी प्रशांत जलप्रवाह
  • अलास्का की जलधारा
  • एनलिलो जलधारा
  • सुशीमा की जलधारा
  • दक्षिण विषुवत रेखीय जलधारा
  • पूर्वी ऑस्ट्रेलिया की जलधारा
  • विपरीत विषुवत रेखीय जलधारा

प्रशांत महासागर की ठंडी जलधाराएँ

  • क्यूराइल विषुवत रेखीय जलधारा
  • कैलिफ़ोर्निया की जलधारा
  • अंटार्टिका की जलधारा
  • हम्बोल्ट या पेरुवियन की जलधारा

अटलान्टिक महासागर की गर्म जलधाराएँ

  • उत्तरी विषुवत रेखीय जलधारा
  • गल्फस्ट्रीम जलधारा
  • फ्लोरिडा जलधारा
  • दक्षिण विषुवत रेखीय जलधारा
  • ब्राजील जलधारा
  • विपरीत विषुवत रेखीय गिनी जलधारा
  • इरमिंजर की जलधारा

अटलान्टिक महासागर की ठंडी जलधाराएँ

  • लेब्राडोर की जलधारा
  • बेंगुएला की जलधारा
  • कनारी जलधारा
  • पूर्वी ग्रीनलैंड की जलधारा
  • अंटार्टिका की जलधारा
  • फ़ॉकलैंड की जलधारा

हिन्द महासागर की गर्म एवं स्थायी जलधाराएँ 

  • दक्षिण विषुवतरेखीय जलधारा
  • मोजाम्बिक की जलधारा
  • अगुलहास की जलधारा

हिन्द महासागर की ठंडी एवं स्थायी जलधाराएँ

  • पश्चिम ऑस्ट्रेलिया की जलधारा

नोट: हिन्द महासागर की ग्रीष्मकालीन मानसून की जलधारा गर्म एवं परिवर्तनशील जलधारा है एवं शीतकालीन मानसून प्रवाह ठंडी एवं परिवर्तनशील जलधारा है

Mahasagriy Jaldharaye Ocean Current Hindi

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