Job vs Business Hindi (खुद का बिजनेस या नौकरी दोनों में से क्या बेहतर है?)

Ad:

http://www.hindisarkariresult.com/job-vs-business-hindi/
Job vs Business Hindi

Job vs Business Hindi / खुद का बिजनेस या नौकरी दोनों में से क्या बेहतर है? / Job vs. Business in Hindi

नई नई नौकरी लगने पर यह सवाल सामान्यतः किसी के जेहन में नहीं आता. यह सवाल काफी लोगों के मन में तब आता है जब वह कुछ साल नौकरी कर चुका होता है. नौकरी की अपनी प्रतिबधितायें होती हैं. यह एक ऐसा रूटीन जॉब होता है जिससे आदमी बोर हो सकता है. ऐसा भी मुख्यत: तब होता है जब वो अपनी मनपसन्द जॉब ना कर रहा हो.

अब आते हैं मूल सवाल पर कि नौकरी और बिजनेस में क्या बेहतर है?

बिजनेस या नौकरी? (Business or Job)

नौकरी या बिजनेस करना पूरी तरह से आपकी व्यक्तिगत रुचि और आपकी तैयारियों पर निर्भर करता है. आप जो भी फैसला करते हैं उस फैसले का असर आपके जीवन में आप पर ही नहीं अपितु आपके परिवार पर भी असर डालता है

सबसे पहले हम बात करते हैं बिजनेस की

बिजनेस करने के लिए धन, संसाधन एवं व्यापार करने का आवश्यक ज्ञान होना अनिवार्य है. इसके साथ साथ व्यक्तिगत रूचि, जोश और सकारात्मक विचार हो तभी आप बिजनेस में सफल हो सकते हैं.

किसी भी बिजनेस को शुरू करने के लिए प्राथमिक रूप से धन, संसाधन एवं ज्ञान की आवश्यकता होती है. इन तीनों से एक की कमी सफलता को अनिश्चित कर देती है. ज्ञान आपको व्यापार की स्थिति समझने में मदद करता है, ज्ञानी व्यापारी अपने व्यापार के फैसले खुद लेता है, सही फैसले, और वो फैसले सही समय पर लेना व्यापार में अति आवश्यक है और यह कार्य हम अन्य पर निर्भर रहकर नहीं कर सकते. व्यापारिक फैसले लेने में अगर आप किसी और पर निर्भर है तो बिजनेस सफल नहीं हो सकता. Job vs Business Hindi

व्यापार का ज्ञान (The knowledge of Business)

व्यापार करने के लिए अकाउंट का ज्ञान, मार्केटिंग, एडवरटाइजिंग, वस्तुओं का प्रबंधन यानि इन्वेंटरी मैनेजमेंट, स्टाफ मैनेजमेंट इत्यादि व्यापार की अनेक विधाएं व्यापारियों को जानना अनिवार्य है. यह ज्ञान आप किसी दो-तीन साल के एमबीए कोर्स स्टडी से प्राप्त कर सकते हैं. कई लोग अपने व्यापार को छोटे पैमाने पर शुरू कर, काम करते हुए सीख लेते हैं, यानि ‘ऑन द जॉब ट्रेनिंग’ के द्वारा इन सब विधाओं में समय के साथ आप पारंगत हो जाते हैं इस प्रकार अनुभव द्वारा सीखा हुआ ज्ञान व्यापारी के आत्मबल और आत्मविश्वास को बढ़ाता है.

धन एवं संसाधन (Money and Resources)

जब व्यापार करने के लिए जरूरत का ज्ञान प्राप्त हो जाता है, उसे शुरू करने के लिए अगली जरूरत धन एवं संसाधन है. आवश्यक ‘धन एवं संसाधन’ आपके पास ना हो तो बाहर से भी जुटाए जा सकते हैं यानी कि इसके लिए औरों पर भी निर्भर रहा जा सकता है, लेकिन बिजनेस करने का ‘ज्ञान’ तो स्वयं को ही होना चाहिए.

व्यापर की जगह (Locality of Business)

तत्पश्चात, बिजनेस के लिए योग्य स्थान, दुकान या ऑफिस की आवश्यकता होती है, साथ में काम करने के लिए एक अच्छी सी टीम का होना उतना ही आवश्यक है. व्यापार शुरू करने की अगली कड़ी कच्चा या तैयार सामान (raw material, finished goods etc.) इत्यादि है, उसके रखरखाव की जरूरी सुविधा और उसके इस्तेमाल का ज्ञान होना चाहिए (जैसे अगर आप मिठाई का व्यापार करते हैं तो रेफ्रिजरेशन, कोल्ड स्टोरेज होना आवश्यक है) इस प्रकार सभी आवश्यक संसाधन, जब हमारे पास जुट जाते हैं बिजनेस की स्थापना की जा सकती है. Job vs Business Hindi

बिजनेस को चलाना और बढ़ाना (how to expand Business)

बिजनेस के आरंभिक अवस्था में वांछित परिणाम एवं सफलताएं पहले दिन से ही मिलना शुरू नहीं होती. जैसे किसान जमीन में बीज को बोने के बाद उससे फल प्राप्ति में महीनों या सालों का समय लगता है, उसी प्रकार किसी भी बिजनेस से अच्छे परिणाम प्राप्त करना समय पर निर्भर होता है.

किसी भी व्यापार में पूंजी, आमदनी, खर्च, और घाटा / मुनाफा का हिसाब और तालमेल अति आवश्यक है. बिजनेस के शुरुआती दौर में आमदनी को पूंजी में मिलाना होता है, जिससे की पूंजी और साथ साथ बिजनेस में बढ़ोतरी होती है उसी प्रकार व्यापार में घाटा होने की स्थिति में संयम होना आवश्यक है.

व्यापारिक रणनीति का अगर आप अभ्यास करें तो समझ में आएगा कि कई बार बिजनेस के शुरुआत में लगातार घाटा बना रहता है, फिर कई महीनों की और सालों की मेहनत के बाद व्यापार मुनाफे की तरफ आगे बढ़ता है.

उदाहरण के लिए, अगर आप Zee मीडिया नेटवर्क के मॉडल को पढ़े तो पाएंगे कि आरंभ के वर्षों में यह ‘फ्री टू एयर’ चैनल था जब कुछ सालों में कई अच्छे प्रोग्राम दिखाने के बाद, लोगों को इसे देखने की आदत हो गई तब यह चैनल धीरेधीरे पेमेंट चैनल में परिवर्तित किया गया, एक चैनल की सफलता के बाद अनेक नए चैनल खुलते चले गए, और आज, हिंदुस्तान में जी नेटवर्क एंटरटेनमेंट की दुनिया में सबसे बड़ा बिजनेस है. Zee Media के संस्थापक डॉ सुभाष चंद्रा की स्टोरी भी किसी नौजवान के लिए प्रेरणा का विषय है.

इसके और भी अनेक उदाहरण है, गोदरेज ग्रुप, अपोलो टायर ग्रुप इत्यादि. निरमा वाशिंग पाउडर यह कंपनी एक साबुन की पाउडर बनाने वाली बहुत ही छोटी सी कंपनी थी, इनके चलाने वालों का मुकाबला जर्मनी के ग्लोबल ‘सर्फ’ (Surf) ब्रांड से था लेकिन कंपनी के डायरेक्टरों  ने, नई सोच के द्वारा निरमा ब्रांड को, एक शहर से अनेक शहरों में, एक राज्य से अनेक राज्यों में स्थापित किया , और इस प्रकार ‘निरमा’ ब्रांड महाद्वीप में छा गया और आज यह निरमा (Nirma) ब्रांड ‘सोप किंग ऑफ एशिया’ है. Job vs Business Hindi

प्रोडक्ट रीब्रांडिंग (Product Rebranding)

इस कड़ी में हिंदुस्तान की ‘महिंद्रा एंड महिंद्रा’ की गाड़ियां, या ‘बुलेट’ कंपनी के मोटरसाइकिल, इन के प्रोडक्ट ‘प्रोडक्ट री-ब्रांडिंग’ की तकनीक के द्वारा पूरी दुनिया में सफलताओं की नई ऊंचाइयों पर पहुंच गए हैं. बिजनेस के कई सफल मॉडल आप इंटरनेट के माध्यम से देख सकते हैं.

इसे भी पढ़ें: हमारे जीवन का उद्देश्य क्या है? सफलता क्या है? सफलता के असल मायने क्या हैं?

किसी भी कार्य को सफल करने के लिए आवश्यक है नई सोच, सकारात्मक विचार, और दृढ़ निश्चय. अगर यह गुण आपके पास है तो बिजनेस तो क्या आप चांद पर भी जा सकते हैं.

अब सवाल की अगली कड़ी यानि नौकरी की बात करते हैं

बिजनेस करने में अगर, अभी आप अक्षम हैं, तब जो भी नौकरी मिले उसे आप कर सकते हैं. नौकरी करते हुए भी तो बिजनेस के विषय में सोच सकते हैं और व्यापारी बनने की तैयारी कर सकते हैं. नौकरी तो तुरंत की जा सकती है, बिजनेस करने का विषय सोच समझकर करने योग्य है, कृपया कोई भी निर्णय हड़बड़ाहट में ना ले. बेमन से, अधूरी तैयारी के साथ किया गया कार्य, कठिनाइयां पैदा करता है.

अब अंत में एक किस्सा बताता हूं, यह बात आपको निर्णय लेने में मदद करेगी.

हमारे पड़ोस मे गरीब परिवार के एक बुजुर्ग फल का ठेला लगाते थे, कड़ी मेहनत कर अपना जीवन यापन करते थे.  जब हमने पूछा कि आपका बेटा पढ़ा लिखा है, इसे फल के ठेले पर रखने के बजाय क्यों ना अच्छा सी कोई सर्विस लगवा देते हो. उन्होंने कहा बाबूजी आप तो बड़े अफसर हो क्या आप यह बता सकते हो कि आपका बेटा भी बड़ा अफसर बन जाएगा? नहीं बता सकते.

मैंने रास्तों के किनारे सब्जी और फल बेचे, फिर रेहडी, आज मेरी फलों की दुकान है. इसमें 4 लोग काम करते हैं परिवार खुश है. मेरा बेटा रोड के किनारे सब्जी नहीं बेचेगा, दुकान में बैठेगा, जहां मैं पहुंचा हूं वहां से आगे बढ़ेगा. आपके बेटे को जिंदगी नए सिरे से शुरू करनी होगी और मेरा बेटा जहां मैं हूं, उससे आगे बढ़ेगा.

मैं उसके तर्कपूर्ण बात के आगे वाकई में निरुत्तर था. Job vs Business Hindi

Ad:

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*


This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.