Haritaki Harad in Hindi (हरड़: जानकारी, खाने के फायदे और नुकसान)

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Haritaki Harad in Hindi

Haritaki Harad in Hindi / हरड़ खाने के आश्चर्यजनक फायदे और नुकसान

हरड़ या हरीतकी (Harad or Haritaki) त्रिफला के तीन फलों में एक होता है। आयुर्वेद में हरड़ एक प्रमुख औषधि के रूप में इस्तेमाल की जाती है। हरड़ न सिर्फ औषधि के लिए नहीं बल्कि सेहत और सौन्दर्य के लिए भी बहुत लाभकारी होती है। हरड़ का फल,जड़ और छाल सबका उपयोग किया जाता है।

हरड़ क्या है? (What is Haritaki or Harad in Hindi?)

हरड़ को हरीतकी (Haritaki Harad in Hindi) भी कहते हैं। स्वरूप के आधार पर इसकी सात जातियाँ हैं-1. विजया, 2. रोहिणी, 3. पूतना, 4. अमृता, 5. अभया, 6. जीवन्ती तथा 7. चेतकी लेकिन वर्तमान में यह तीन प्रकार की ही मिलती है। जिसको लोग अवस्था भेद से एक ही वृक्ष के फल मानते हैं।

हरड़ का पेड़ 24-30 मी. तक ऊँचा, मध्यम आकार का, शाखाओं वाला पेड़ होता है। इसके पत्ते सरल,  चमकदार, अण्डाकार और भाला के आकार होते हैं। इसके फल अण्डाकार अथवा गोलाकार, 1.8-3.0 सेमी व्यास या डाइमीटर के और पके हुए अवस्था में पीले से नारंगी-भूरे रंग के होते हैं। फलों के पिछले भाग पर पांच रेखाएं पाई जाती हैं।

  • छोटी हरड़: जो फल कच्ची अवस्था में गुठली पड़ने से पहले तोड़ लिए जाते हैं, वही छोटी हरड़ के नाम से जाने जाते हैं। इनका रंग स्याह पीला होता है। जो फल आधे पके अवस्था में तोड़ लिए जाते हैं, उनका रंग पीला होता है।
  • बड़ी हरड़: जो फल पूरे पके अवस्था में तोड़े जाते हैं, उनको बड़ी हरड़ कहते हैं। प्रत्येक फल में एक बीज होता है। फरवरी-मार्च में पत्तियां झड़ जाती हैं। अप्रैल-मई में नए पल्लवों के साथ फूल लगते हैं तथा फल शीतकाल में लगते हैं। जनवरी से अप्रैल महीने में पके फल मिलते हैं।

हरड़ (Haritaki Harad in Hindi) पित्त, कफ तथा वात तीनों दोषों को नियंत्रित करने में मदद करती है। यह रूखी, गर्म, भूख बढ़ानेवाली, बुद्धि को बढ़ाने वाली, नेत्रों के लिए लाभकारी, आयु बढ़ाने वाली, शरीर को बल देने वाली तथा वात दोष को हरने वाली है. यह कफ, मधुमेह, बवासीर (अर्श), कुष्ठ, सूजन, पेट का रोग, कृमिरोग, स्वरभंग, ग्रहणी, विबंध (कब्ज़), आध्मान, व्रण (अल्सर या घाव), थकान, हिचकी, गले और हृदय के रोग, कामला (पीलिया), शूल (दर्द), प्लीहा व यकृत् के रोग, पथरी, मूत्रकृच्छ्र और मूत्रघातादि (मूत्र संबंधी) रोगों को दूर करने में मदद करती है।

हरड़ का फल अल्सर के लिए हितकारी और प्रकृति से गर्म होता है। हरड़ का फल सूजन, कुष्ठ, अम्ल या एसिडिटी तथा आंखों के लिए लाभकारी होता है। इसलिए एक ही हरड़ को विभिन्न तरह के रोगों के लिए प्रयोग किया जाता है।

अन्य भाषाओं में हरड़ के नाम (Name of Haritaki in Different Languages)

हरड़ (Haritaki Harad in Hindi) का वानस्पतिक नाम: Terminalia chebula (Gaertn.) Retz. (टर्मिनेलिया चेब्युला) है. हरड़  Combretaceae(कॉम्ब्रीटेसी) कुल की सदस्य है। हरड़ को अंग्रेज़ी में Chebulic myrobalan (चेबुलिक मॉयरोबालान) कहते हैं. अन्य भाषाओँ में इसे निम्नलिखित नामों से जाना जाता है:

  • संस्कृत में- अभया, अव्यथा, पथ्या, कायस्था, पूतना, हरड़ , हैमवती, चेतकी, श्रेयसी, शिवा
  • हिंदी में- हरड़, हर्रे, हड़, हरर, हरीतकी
  • उर्दू में- हेजरड़ (Haejarad)
  • उड़िया में- करंथा (Karedha), हरेधा (Harida)
  • असामी में- हिलिखा (Hilikha)
  • कोंकणी में- ओरडो (Ordo)
  • कन्नड़ में- अनिलेकई (Anilaykayi), करक्काई (Karakkai)
  • गुजराती में- हरड़ (Haritaki), हिमजा (Himaja)
  • तमिल में- कडुक्कै (Kadukkay)
  • तेलगु में- करक्काय (Karakkaya), हरितकि (Haritaki)
  • बंगाली में- होरीतकी (Horitaki), नर्रा (Narra)
  • नेपाली में- हर्रो (Harra), बर्रो (Barro)
  • पंजाबी में- हर (Har), हरड़ (Haritaki)
  • मराठी में- हिरड (Hirad), हरड़ (Haritaki)
  • मलयालम में- दिव्या (Divya), पुटानम (Putanam)
  • अंग्रेजी में- ब्लैक मॉयरोबालान (Black myrobalan)
  • अरबी में- हलीलजा (Halilaja), अस्फर (Asfar)
  • फारसी में- हलील (Halil), हलील अह जर्दा (Halil ahe zarda)

अच्छी हरड़ के गुण

हरड़ जो हरड़ नई, मधुर, पुष्ट, गोल, भारी, जल में डूबने वाली लाल रंग की, तोड़ने में गुड़ के समान टूटने वाली, थोड़ी-सी कड़वी, अधिक रस वाली, मोटी छाल वाली, स्वयं पक कर गिरने वाली तथा लगभग 22-25 ग्राम (2 कर्ष) वजन की होती है, वह हरड़ ही श्रेष्ठ मानी जाती है।

हरड़ के औषधीय गुण (Medicinal Values of Haritaki in Hindi)

आयुर्वेद में हरड़ या हरीतकी (Haritaki Harad in Hindi) का बहुत महत्व है। छोटे से हरड़ में बहुत सारे औषधीय गुण पाए जाते हैं जो कई रोगों में बहुत फायदेमंद होती है।

सिरदर्द में हरड़ के फायदे (Harad Benefits to Get Relief from Headache in Hindi)

आजकल के तनावभरी जिंदगी में सिरदर्द आम बीमारी हो गई है। हरड़ की गुठली को पानी के साथ पीस कर सिर में लेप लगाने से सिर दर्द से छुटकारा मिलता है.

बालों की रूसी में हरड़ के फायदे (Harad Benefits for Dandruff in Hindi)

शायद आपको पता नहीं कि रूसी होने के कारण भी बाल झड़ते हैं। हरड़ को इस तरह से प्रयोग करने पर रूसी आना रोक सकते हैं। आम बीज चूर्ण और छोटी हरड़ चूर्ण को समान मात्रा में लेकर दूध में पीसकर सिर पर लगाने से रूसी कम हो जाती है।

नेत्र विकार या आँख के बीमारी में हरड़ के फायदे (Harad Beneficial in Eye Disease in Hindi)

अक्सर दिन भर कंप्यूटर पर काम करने से आँखों में जलन और दर्द जैसी समस्याएं होने लगती है। रोज हरड़ का इस तरह से इस्तेमाल करने पर आँखों को आराम मिलता है। हरड़ को रातभर पानी में भिगोकर सुबह पानी को छानकर आँखें धोने से आंखों को शीतलता मिलती है तथा आँख संबंधी बीमारियों से राहत मिलता है।

मोतियाबिंद में हरड़ के फायदे (Harad Benefits for Cataracts in Hindi)

उम्र बढ़ने के साथ मोतियाबिंद की समस्या से सब परेशान होते हैं। हरड़ का इस्तेमाल निम्नलिखित तरीके से करने पर मोतियाबिंद की परेशानी से आराम मिलता है।

  • हरड़ (Haritaki Harad in Hindi) की मींगी को पानी में 3 पहर तक भिगोकर, घिसकर लगाने से मोतियाबिन्द में लाभ होता है।
  • हरड़ की छाल को पीसकर लगाने से आँखों से पानी का बहना बन्द होता है।
  • सभी प्रकार के रोगों में हरड़ को घी में भूनकर आँखों के चारों ओर बाहर के भाग में लेप लगाया जाता है।
  • भोजन करने के पहले प्रतिदिन 3 ग्राम हरड़  चूर्ण तथा 3 ग्राम मुनक्का पेस्ट को मिश्री, चीनी या मधु मिलाकर खाने से मोतियाबिंद में लाभ होता है।

जुकाम में लाभदायक है हरड़ (Harad Benefits for Cold  in Hindi)

मौसम बदला की नहीं जुकाम से सबको परेशानी होने लगती है। हरड़ जुकाम में बहुत लाभकारी होती है। प्रतिश्याय या जुकाम में हरड़ का प्रयोग करने से सिरदर्द की परेशानी से आराम मिलता है।

मुँह की बीमारी में हरड़ के फायदे (Harad Benefits for Oral Disease in Hindi)

  • मुँह और गले के रोगों में हरड़ बहुत ही फायदेमंद होती है। हरड़ का काढ़ा या चूर्ण मुँह के बीमारी में आराम दिलाता है।
  • 20-40 मिली हरड़ के काढ़े में 3 से 12 मिली मधु मिलाकर पिलाने से गले के दर्द में आराम मिलता है।
  • हरड़ के चूर्ण का मंजन करने से दांत साफ और निरोग हो जाते हैं।
  • 10 ग्राम हरड़ को आधा लीटर पानी में उबालकर इसके चौथाई हिस्सा रहने पर काढ़े में थोड़ी सी फिटकरी घोलकर गरारा करने से जल्दी ही मुँह और गले से होनी वाली ब्लीडिंग बंद हो जाती है।

कफ या खांसी से राहत दिलाये हरड़ (Harad Benefits for Cough in Hindi)

  • कफ को निकालने में हरड़ का चूर्ण बहुत अच्छा है। इस कारण हरड़ चूर्ण को 2-5 ग्राम की मात्रा में रोज सेवन करना चाहिए।
  • अगर लंबे समय से कफ से परेशान हैं तो हरड़ का इस तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं-
  • हरड़, अडूसा की पत्ती, मुनक्का, छोटी इलायची, इन सबसे बने 10-30 मिली काढ़े में मधु और चीनी मिलाकर दिन में तीन बार पीने से सांस फूलना, खांसी और रक्तपित्त रोग (नाक और कान से खून बहना) में लाभ होता है।
  • हरड़ और सोंठ को समान भाग लेकर चूर्ण बनाएं, इसे गुनगुने जल के साथ 2-5 ग्राम की मात्रा में सुबह शाम सेवन करने से खांसी, सांस फूलना और कामला (पीलिया) में लाभ होता है।

हाजमा बढ़ाने में हरड़ के फायदे (Harad Benefits in Digestion in Hindi)

अगर खाना खाने के बाद हजम नहीं हो रहा है या एसिडिटी आदि की समस्या हो रही है तो हरड़ (Haritaki Harad in Hindi) का सेवन इस तरह से करने पर लाभ मिलती है। 3-6 ग्राम हरड़ चूर्ण में बराबर मिश्री मिलाकर सुबह-शाम भोजन के बाद सेवन करने से पाचन-शक्ति बढ़ती है। हरड़ चूर्ण के फायदे मिलने के लिए सेवन की मात्रा सही होनी चाहिए।

उल्टी में फायदेमंद हरड़ (Harad Beneficial in Vomiting in Hindi)

अगर अनियमित खान-पान के कारण उल्टी जैसा महसूस हो रहा है तो हरड़ का ऐसे इस्तेमाल कर सकते हैं। 2-4 ग्राम हरड़ के चूर्ण को मधु में मिलाकर सेवन करने से दोष नष्ट होते हैं और उल्टी बंद होती है। हरड़ के नुकसान से बचने के लिए सही तरह से इसका सेवन करना अनिवार्य होता है.

भूख बढ़ाने में लाभदायक हरड़ (Haritaki Benefits to Improve Appetite in Hindi)

  • कभी-कभी लंबे बीमारी के कारण खाने की इच्छा कम हो जाती है। इस अवस्था में हरड़ का सेवन करने से लाभ मिलता है।
  • 2 ग्राम हरड़ तथा 1 ग्राम सोंठ को गुड़ अथवा 250 मिग्रा सेंधानमक के साथ मिलाकर सेवन करने से भूख बढ़ती है।
  • हरड़ का मुरब्बा खाने से भूख और खाने की इच्छा बढती है।
  • हरड़, सोंठ तथा सेंधानमक के 2-5 ग्राम चूर्ण को ठंडे जल के साथ सेवन करें, परन्तु दोपहर और शाम भोजन थोड़ी मात्रा में खाएं।
  • हरड़,  पिप्पली तथा चित्रक को समान मात्रा में लेकर मिश्रण बना लें। 1 से 2 ग्राम की मात्रा में जल के साथ सेवन करने से खाने की इच्छा बढ़ने लगती  है।

अतिसार या दस्त रोकती है हरड़ (Haritaki Benefits for Diarrhoea in Hindi)

जिस रोगी को अतिसार हो अथवा थोड़ा-थोड़ा, रुक-रुक कर दर्द के साथ मल निकलता हो उसे बड़ी हरड़ तथा पिप्पली के 2-5 ग्राम चूर्ण को सुहाते (गुनगुने) गर्म जल के साथ सेवन करने से लाभ (haritaki churna ke fayde) मिलता है।

कब्ज से दिलाये राहत हरड़ (Benefits of Haritaki to Get Relief from Constipation in Hindi)

  • अगर लंबे समय से कब्ज से परेशान हैं तो हरड़ का सेवन निम्नलिखित रूप से करने पर राहत मिलती है।
  • हरड़, सनाय और गुलाब के गुलकन्द की गोलियां बनाकर खाने से कब्ज की परेशानी कम होती है।

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  • हरड़ और साढे तीन ग्राम दालचीनी या लौंग को 100 मिली जल में 10 मिनट तक उबालकर, छानकर सुबह पिलाने से विरेचन (पेट साफ) हो जाता है।

अर्श या बवासीर में हरड़ के फायदे (Chitrak Haritaki Benefits in Hemorrhoid in Hindi)

आजकल के अनियमित जीवनशैली के कारण बवासीर की समस्या होने लगी है। बवासीर के दर्द से राहत पाने के लिए हरड़ (Haritaki Harad in Hindi) का काढ़ा बनाकर पाइल्स के मस्सों को धोने से लाभ होता है।

कामला या पीलिया में हरड़ के फायदे (Haritaki Beneficial in Jaundice in Hindi)

आजकल के भागदौड़ भरी जिंदगी में सबसे ज्यादा खान-पान पर ही असर पड़ता है। पीलिया में हरड़ उपचारस्वरुप काम करती है।लौह भस्म, हरड़ तथा हल्दी इनको समान मात्रा में मिलाकर 500 मिग्रा से 1 ग्राम मात्रा में लेकर घी एवं मधु से अथवा केवल 1 ग्राम हरड़ को गुड़ और मधु के साथ मिलाकर दिन में दो से तीन बार सेवन करने से कामला में लाभ होता है।

मूत्रकृच्छ्र या पेशाब संबंधी बीमारी में हरड़ के फायदे (Haritaki benefits for Dysuria in Hindi)

हरड़ का पेड़ और उसके फल

मूत्र संबंधी बहुत तरह की समस्याएं होती है जैसी देर से पेशाब आना या रूक-रूक कर आना, कम मात्रा में पेशाब होना, पेशाब करते वक्त जलन या दर्द होना आदि। इन सब समस्याओं में हरड़ बहुत काम आती है। हरड़ , गोखरू, धान्यक, यवासा तथा पाषाण-भेद को समान मात्रा में लेकर 500 मिली जल में उबालें, 250 मिली रहने पर उतार लें। अब इस काढ़े में मधु मिलाकर सुबह, दोपहर तथा शाम 10-30 मिली मात्रा में सेवन करने से मूत्र त्याग में कठिनाई, मूत्र मार्ग की जलन आदि रोगों में लाभ होता है।

डायबिटीज में हरड़ के फायदे (Haritaki to Control Diabetes in Hindi)

आजकल के तनाव भरी जिंदगी में डायबिटीज होना बहुत आम बात हो गयी है। डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए 2-5 ग्राम हरड़ चूर्ण को 1 चम्मच मधु के साथ सुबह-शाम सेवन करने से लाभ होता है।

अण्डकोषवृद्धि या हाइड्रोसील में हरड़ के फायदे (Harad Benefits in Hydrocele in Hindi)

हाइड्रोसील की परेशानी में हरड़ (Haritaki Harad in Hindi) बहुत गुणकारी होती है। 5 ग्राम हरड़ तथा 1 ग्राम बनाएं को 50 मिली एरंड तेल और 50 मिली गोमूत्र में पकायें। जब सिर्फ तेल शेष रह जाय तो छानकर, गुनगुने गर्म जल के साथ सुबह शाम थोड़ी-थोड़ी मात्रा में लेने से हाइड्रोसील कम होने में मदद मिलती है।

वृषण शोथ या टेस्टीस में सूजन या वैरिकोसील को करें कम हरड़ (Haritaki Benefits for Varicocele in Hindi)

टेस्टीस में सूजन होने पर त्रिफला के काढ़े का सेवन बहुत ही गुणकारी होता है। 10-20 मिली त्रिफला के काढ़े में 10 मिली गोमूत्र डालकर पीने से वात कफ के कारण टेस्टीस में जो सूजन होता है उससे राहत मिलती है

हाथीपाँव में हरड़ के फायदे (Haritaki Benefits for Filariasis in Hindi)

हाथीपाँव के परेशानी से राहत पाने के लिए 10 ग्राम हरड़ को 50 मिली एरंड के तेल में पकाकर 6 दिन पीने से हाथी पाँव रोग में लाभ होता है।

घाव को ठीक करने में मददकारी है हरड़ (Haritaki Benefits in Wound in Hindi)

अगर घाव सूखने का नाम ही नहीं ले रहा है तो हरड़ का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद होता है। हरड़ के काढ़े से घाव को धोने से घाव जल्दी भरता है।

व्रण या अल्सर में हरड़ के फायदे (Haritaki Benefits for Sore in Hindi)

अल्सर को घाव को सूखाने के लिए हरड़ को इन चीजों के साथ एक साथ मिलाकर लेप बना लें और इस्तेमाल करें। हरड़ की 1-2 ग्राम भस्म को 5-10 ग्राम मक्खन में मिलाकर व्रण (घाव) पर लेप करने से शीघ्र घाव सूखा जाता है।

कुष्ठ रोग में हरड़ के फायदे ( Haritaki Benefits for Leprosy in Hindi)

कुष्ठ रोग की परेशानी को कम करने के लिए हरड़ का इस्तेमाल निम्नलिखित रूप से करना चाहिए:

  • 20-50 मिली गोमूत्र को 3-6 ग्राम हरड़ चूर्ण के साथ सुबह शाम सेवन करने से फायदा मिलता है।
  • हरड़, गुड़, तिल तैल, मिर्च, सोंठ तथा पीपल को समान मात्रा में पीसकर 2-4 ग्राम की मात्रा में लेकर एक महीने तक सुबह शाम सेवन करने से कुष्ठ रोग में लाभ होता है।

मूर्छा या बेहोशी में हरड़ के फायदे (Haritaki Benefits for Syncope in Hindi)

अगर किसी बीमारी के कारण या कमजोरी के वजह से बेहोशी महसूस हो रही है तो हरड़ का ऐसे सेवन से ही हरड़ के फायदे (Haritaki Harad in Hindi) का सही लाभ मिल सकता है । हरड़ के काढ़ा से पके हुए घी का सेवन करने से मद और बेहोशी मिटती है।

ज्वर या बुखार में हरड़ के फायदे (Harad Beneficial in Fever in Hindi)

अगर मौसम के बदलने के वजह से बार-बार बुखार आता है तो हरड़ का प्रयोग उपचारस्वरुप ऐसे कर सकते हैं-

  • 3-6 ग्राम हरड़ चूर्ण में 1 मिली तिल तेल, 1 ग्राम घी तथा 2 ग्राम मधु मिलाकर सेवन करने से जलन, बुखार,खाँसी, नाक और कान से खून बहना, सांस फूलना तथा उल्टी आदि के परेशानी से राहत मिलती है।
  • 25 मिली मुनक्के के काढ़े में 3 ग्राम हरड़ चूर्ण मिलाकर सुबह शाम पीने से बुखार से राहत मिलती है।
  • 3 से 6 ग्राम हरड़ चूर्ण का सेवन करने से बुखार के लक्षणों से राहत मिलती है।
  • 5 ग्राम षट्पल घी को 10-30 मिली हरड़ काढ़े के साथ सेवन करने से मलेरिया रोग में लाभ होता है।

क्तपित्त (नाक-कान से खून बहने की बीमारी) में फायदेमंद हरड़ (Haritaki Benefits for Haemoptysis ya Raktpitta in Hindi)

हरड़ का गुण रक्तपित्त से राहत दिलाने में बहुत लाभप्रद साबित होता है:

  • 3-6 ग्राम हरड़ चूर्ण को वासा का रस, समान भाग पिप्पली का चूर्ण तथा द्विगुण मधु में मिलाकर सेवन करने से रक्तपित्त में लाभ होता है। हरड़ के फायदे का सही तरह से लाभ उठाने के लिए सही प्रकार से चूर्ण बनाने की ज़रूरत होती है।
  • 3-6 ग्राम हरड़ चूर्ण में शहद मिलाकर सेवन करने से रक्तपित्त, मलेरिया तथा दर्द से मुक्ति मिलती है।
  • 3-6 ग्राम हरड़ चूर्ण को समान भाग किशमिश के साथ सुबह शाम सेवन करने से रक्तपित्त, खुजली,  पुराना बुखार आदि से राहत मिलने में मदद मिलती है।

शोथ या सूजन में हरड़ के फायदे (Haritaki Beneficial in Inflammation in Hindi)

अगर किसी बीमारी के लक्षण स्वरुप हाथ और पैरों में सूजन आ गई है तो हरड़ का सेवन निम्नलिखित प्रकार से करने पर फायदा मिलता है-

  • सूजन से पीड़ित व्यक्ति को यदि सख्त मलत्याग हो रहा हो तो हरड़ चूर्ण में समान मात्रा में गुड़ मिलाकर (प्रत्येक 2-2 ग्राम) खाना चाहिए।
  • गोमूत्र के साथ केवल हरड़ चूर्ण का सेवन करने से भी सूजन कम होती है।
  • 2-4 ग्राम कंसहरड़ का सुबह शाम सेवन करने से सूजन तथा दर्द से राहत मिलती है।
  • हरड़ , सोंठ तथा देवदारु चूर्ण को समान मात्रा में लेकर या त्रिसमा गुटिका (हरड़ , सोंठ, गुड़ समभाग) को गुनगुने गर्म पानी के साथ सेवन करने से शोथ (सूजन) दूर होती है।
  • 2-5 ग्राम हरड़ चूर्ण में गुड़ मिलाकर सेवन करने से सूजन में लाभ होता है।
  • हरड़, सोंठ और हल्दी को समान मात्रा में लेकर काढ़ा बनाकर 10-30 मिली की मात्रा में सुबह-शाम पीने से बुखार के बाद जो सूजन की परेशानी होती है उसमें फायदा पहुँचता है।

त्वचा संबंधी समस्याओं में हरड़ के फायदे (Haritaki Beneficial in Skin Related issues in Hindi)

त्वचा की समस्याओं के लिए हरड़ (Haritaki Harad in Hindi) का प्रयोग फायदेमंद होता है। हरड़ में हीलिंग का गुण पाया जाता है, इसके लिए हरड़ के लेप को घाव पर लगाया जाता है जिससे घाव शीघ्र भरने लगता है। हरड़ में आयुर्वेद के अनुसार वर्ण्य गुण भी पाया जाता है जो कि त्वचा को स्वस्थ बनाये रखने में सहायक होता है।

यौन समस्याओं में हरड़ के फायदे (Benefits of Harad in Sex Related Problems in Hindi)

हरड़ का प्रयोग यौन समस्याओं जैसे यौन संक्रमण (एसटीडी ) रोगों के लक्षणों को कम करने में भी किया जाता है। एक रिसर्च के अनुसार हरड़ का प्रयोग यौन संक्रमण में फायदेमंद होता है क्योंकि इसमें एंटीवायरल का गुण पाया जाता है।

मधुमेह को नियंत्रण करने में हरड़ फायदेमंद (Haritaki Beneficial to Control in Diabetes in Hindi)

मधुमेह में हरड़ का सेवन फायदेमंद होता है, क्योंकि रिसर्च के अनुसार इसमें शुगर को निंयत्रित करने का गुण पाया जाता है. साथ ही आयुर्वेद के अनुसार ये रसायन यानि शरीर के इम्युनिटी पावर को बढ़ाकर बीमार होने से रोकने में मदद करता है।

पेट की गैस के लिए हरड़ चूर्ण के फायदे (Haritaki Beneficial to Get Relief from Acidity in Hindi)

अगर आप पेट की गैस से परेशान है तो हरड़ का चूर्ण आपके लिए सबसे अच्छा उपाय है क्योंकि हरड़ में अनुलोमन का गुण पाया जाता है जो कि गैस को पेट के निचले हिस्से से शरीर से बाहर निकलने में मदद करता है।

वजन घटाने के लिए हरड़ के फायदे (Haritaki Beneficial in Weight Loss in Hindi)

हरड़ का प्रयोग वजन को संतुलित करने में भी किया जा सकता है, क्योंकि इसमें रेचन यानि लैक्सटिव का गुण पाया जाता है जो की शरीर से अवांछित पदार्थो को बाहर निकाल कर शरीर के वजन को संतुलित करने में मदद करती है।

फेफड़ों के विकार के लिए हरड़ के फायदे (Benefit of Harad for Lungs Disease in Hindi)

हरड़ का उपयोग फेफडों संबंधी विकारों को दूर करने में भी किया जा सकता है, क्योंकि हरड़ में उष्णता का गुण पाया जाता है जो फेफड़ों में जमा कफ निकालने में मदद करता है।

दस्त और पेचिश में हरड़ के फायदे (Haritaki Beneficial To Get Relief from Dysentery in Hindi)

हरड़ (Haritaki Harad in Hindi) का प्रयोग रेचन गुण के कारण सभी लोग अधिकांश तय पेट को साफ करने के लिए इसका प्रयोग करते है लेकिन यह दस्त और पेचिश में भी फायदा देती है क्योंकि इसमें दीपन का गुण जो कि पाचन शक्ति को बढ़ाता है और साथी ये कषाय रस वाली है जो की बार -बार मल की प्रवत्ति को नियंत्रित करती है जिससे दस्त और पेचिश में आराम मिलता है।

बालों के लिए हरड़ के फायदे (Benefit of Harad for Hair Loss in Hindi)

आयुर्वेद की प्रसिद्ध औषधि त्रिफला का एक भाग हरड़ है और दो भाग बिभीतकी और आँवला है। त्रिफला बालों के समस्याओं के लिए रामबाण औषधि है। हरड़ का कषाय रस होता है जो कि बालों का मजबूती प्रदान करने में सहायक होता है।

आंतों की नियमित सफाई के लिए हरड़ का सेवन (Benefit of Harad for Colon Cleansing in Hindi)

हरड़ का उपयोग उन लोगो के लिए फायदेमंद है जिनकी आंतों की सफाई ठीक से नहीं होती यानि जिनको कब्ज की समस्या बनी रहती है क्योंकि इसमें रेचन का गुण पाया जाता है जो की आंतों की सफाई में मदद करता है।

फंगल इंफेक्शन में हरड़ के फायदे (Harad Beneficial for Fungal Infection in Hindi)

एक रिचर्स के अनुसार हरड़ में एंटीफंगल का गुण पाया जाता है, इसलिए हरड़ का प्रयोग फंगल इन्फेक्शन में फायदेमंद होता है।

हरड़ खाने के लाभ (Harad khane ke fayde) (Benefits of Haritaki in Hindi)

इसके अलावा हरड़ खाने के निम्नलिखित लाभ होते हैं:

  • हरड़ का काढ़ा त्वचा संबंधी एलर्जी में लाभकारी है। हरड़ के फल को पानी में उबालकर काढ़ा बनाएं और इसका सेवन दिन में दो बार नियमित रूप से करने पर जल्द आराम मिलता है।
  • एलर्जी से प्रभावित भाग की धुलाई भी इस काढ़े से की जा सकती है।
  • फंगल एलर्जी या संक्रमण होने पर हरड़ के फल और हल्दी से तैयार लेप प्रभावित भाग पर दिन में दो बार लगाएं, त्वचा के पूरी तरह सामान्य होने तक इस लेप का इस्तेमाल जारी रखें।
  • मुंह में सूजन होने पर हरड़ के गरारे करने से फायदा मिलता है।
  • हरड़ का लेप पतले छाछ के साथ मिलाकर गरारे करने से मसूढ़ों की सूजन में भी आराम मिलता है।
  • हरड़ का चूर्ण दुखते दांत पर लगाने से भी तकलीफ कम होती है।
  • हरड़ स्वास्थ्यवर्धक टॉनिक होता है जिसके प्रयोग से बाल काले, चमकीले और आकर्षक दिखते हैं।
  • हरड़ के फल को नारियल तेल में उबालकर (हरड़ पूरी तरह घुलने तक) लेप बनाएं और इसे बालों में लगाएं या फिर प्रतिदिन 3-5 ग्राम हरड़ पावडर एक गिलास पानी के साथ सेवन करें।
  • हरड़ का पल्प कब्ज से राहत दिलाने में भी गुणकारी होता है। इस पल्प को चुटकीभर नमक के साथ खाएं या फिर 1/2 ग्राम लौंग अथवा दालचीनी के साथ इसका सेवन करें.
  • हरड़ का नियमित रूप से सेवन, वजन कम करने में सहायक है। यह पाचन में सहायक होने के साथ ही, गैस, एसिडिटी और अन्य समस्याओं से राहत देती है इऔर धीरे-धीरे मोटापा कम करती है।  

हरड़ खाने के नुकसान (Harad khane ke Nuksan) (Side Effects of Haritaki in Hindi)

हरड़ का सेवन निम्न अवस्था में नहीं करनी चाहिए:

  • अधिक चलने से थका हुआ व्यक्ति, कमजोर, जिसके पित्त अधिक हो और गर्भवती नारी को हरड़ का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसे अवस्था में लेने से हरड़ से नुकसान पहुँच सकता है।
  • अजीर्ण के रोगी, रूखे पदार्थों को खाने वाले, अधिक मैथुन करने वाले, शराब पीने वाले, भूख, प्यास तथा गर्मी से पीड़ित व्यक्तियों को हरड़ का सेवन नहीं करना चाहिए।

नोट: अपने इस लेख के माध्यम से हमने आपको हरड़ या हरीतकी से होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में बताया है। लेकिन इसका किसी भी प्रकार से औषधीय रूप में सेवन करने से पहले आप अपने नजदीकी चिकित्सक से परामर्श अवश्य कर लें।  

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