Cumin Jeera in Hindi (जीरा: जानकारी, खाने के फायदे और नुकसान)

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Cumin Jeera in Hindi

Cumin Jeera in Hindi / जीरा खाने के आश्चर्यजनक फायदे और नुकसान

जीरा भारतीय रसोई में प्रयोग किया जाने वाला एक प्रमुख मसाला है. इसके बिना शायद ही कोई सब्जी बनाई जाती होगी। ज्यादातर उत्तर भारतीय सब्जियाँ बनाते वक्त पहले जीरा का ही छौंक लगाया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार जीरा के प्रयोग से कई बीमारियों का उपचार भी किया जा सकता है।

जीरा क्या है? (What is Jeera in Hindi?)

जीरा (Cumin Jeera in Hindi) एक मसाला है। आयुर्वेद के अनुसार, जीरा निम्नलिखित तीन तरह का होता है:

  • काला जीरा (Carum carvi Linn.)
  • सफेद जीरा या सामान्य जीरा (Cuminum cyminum Linn.)
  • अरण्य जीरा (जंगली जीरा) (Centratherum anthelminticum (Linn.) Kuntze)

सफेद जीरा या सामान्य जीरे (Cumin Jeera in Hindi) का प्रयोग ही सामान्यतः मसाले के रूप में किया जाता है। काला जीरा (कृष्ण जीरा) भी सफेद जीरा की तरह ही होता है लेकिन यह सफेद जीरा से महंगा होता है। जीरा का पौधा लगभग 60-90 सेमी ऊंचा, और सीधा होता है। इसके फूल गहरे नीले, या बैंगनी रंग के होते हैं। इसके फल 4.5-6 मिमी लम्बे, बेलनाकार होते हैं। इसका रंग भूरा, और काला होता है। इसमें तीखी गंध होती है। जीरा के पौधे में फूल और फल जून से अगस्त में आता है।

अन्य भाषाओं में जीरा के नाम (Jeera Called in Different Languages)

सफेद जीरा का वानस्पतिक नाम क्युमिनम् साइमिनम् (Cuminum cyminum Linn, Syn-Cuminum odorum Salisb) है. अन्य भाषाओँ में इसे निम्नलिखित नामों से जाना जाता है:

  • हिंदी में- जीरा, सादाजीरा, साधारण जीरा, सफेद जीरा
  • उर्दू में- जीराह (Jirah)
  • अंग्रेजी में- कॉमन कारावे (Common caraway), क्युमिन (Cumin), जीरा, अजाजी, जरण, दीर्घजीरा
  • बंगाली में- सादाजीरे (Sadajire), जीरे (Jire)
  • मराठी में- जीर्रे (Jirre), पांढ़रे जीरे (Pandhre jire)
  • गुजराती में- जींरु (Jeenru), शाकनु जींरु (Shankanu jeenru)
  • कन्नड़ में-  जीरिगे (Jirige), विलिय जिरिगे (Viliyajirige), विलिय जीरगे (Viliya jirige)
  • तेलगु में-  जिलकारा (Jilkara), जील करर (Jilkarar)
  • तमिल में-  शीरागम (Shiragam), शीरुगम (Sheerugam)
  • मलयालम में-  जीराकाम (Jirakam)
  • नेपाली में-  जीरा (Jira)
  • फारसी में-  जीरये सफेद (Jiraye safed)

जीरा के औषधीय गुण (Medicinal Values of Cumin in Hindi)

जीरा (Cumin Jeera in Hindi) में निम्नलिखित औषधीय गुण पाए जाते हैं:

मुंह की बदबू दूर करता है जीरा (Jeera Uses for Bad Breath in Hindi)

जीरा, तथा सेंधा नमक के चूर्ण का दिन में दो बार सेवन करने से मुंह से आने वाली बदबू दूर होती है।

मतली और उल्टी में फायदेमंद है जीरा (Benefits of Jeera to Stop Nausea and Vomiting in Hindi)

  • मतली, और उल्टी की परेशानी में जीरे को रेशमी कपड़े में लपेट लें। इसकी बत्ती बना लें, और इसका धुआं नाक में सूंघें। इससे फायदा होता है।
  • सौवर्चल नमक, जीरा, शर्करा, तथा मरिच का बराबर-बराबर भाग (2 ग्राम) का चूर्ण बना लें। इसमें 4 ग्राम मधु मिलाकर, दिन में 3-4 बार सेवन करें। इससे मतली, और उल्टी रुकती है।

सर्दी-जुकाम से राहत दिलाता है जीरा (Jeera Benefits in Fighting with Cold and Cough in Hindi)

  • सर्दी-जुकाम, या पुरानी सर्दी से राहत पाने के लिए काले जीरे को जला लें। इसका धुआं सूंघने से फायदा होता है।
  • कफ से पीड़ित रोगियों को जीरे का 10-20 मिली काढ़ा पीने से लाभ होता है।

मुंह के रोग में लाभकारी है जीरा (Jeera Benefits for Oral Disease in Hindi)

मुंह की बीमारी में 5 ग्राम जीरे को पीसकर जल में मिला लें। इस जल में चंदन का चूर्ण, 2½ ग्राम इलायची, एवं 2½ फूली हुई फिटकरी का चूर्ण भी मिला लें। इसे छान लें। इस जल से कुल्ला करने से मुंह के रोगों में लाभ होता है।

खट्टी डकार से राहत दिलाता है जीरा (Jeera Benefits for Burping in Hindi)

कुछ भी उल्टा-सीधा खाने पर खट्टी डकार होना बहुत ही आम बात है। खट्टी डकार होने पर 200 मिली जल में 50 मिली जीरा डालकर काढ़ा बना लें। इसे गर्म करें। जब काढ़ा 50 मिली रह जाए, तो उतारकर छान लें। इसमें काली मिर्च का चूर्ण 4 ग्राम, नमक 4 ग्राम डालकर पिएं। इससे खट्टी डकार आनी बंद हो जाती है। इसके साथ ही मल त्याग करने में परेशानी नहीं होती है।

जूं (लीख) को खत्म करने के लिए जीरा का प्रयोग (Benefits of  Jeera in Lice Treatment in Hindi)

जूं या लिख से बहुत लोग परेशान रहते हैं। खासकर महिलाएं जूं से अधिक परेशान रहती हैं। जूं से निजात पाने के लिए जीरा (jera) बीज के चूर्ण लें। इसे निम्बू के रस के साथ मिलाकर सिर पर लेप करें। इससे जूं मर जाती है।

खुजली में फायदेमंद है जीरा (Benefits of Jeera in Itching Treatment in Hindi)

खुजली के छुटकारा पाने के लिए 40 ग्राम जीरा (Cumin Jeera in Hindi) और 20 ग्राम सिन्दूर लें। इसे 320 मिली कड़वे तेल में पकाकर लगाएं। खुजली में लाभ होता है।

हिचकी में फायदेमंद जीरा का सेवन (Jeera Benefits for Hiccup Problem in Hindi)

हिचकी की परेशानी में 5 ग्राम जीरा को घी में मिलाकर और उसे चिलम में डालकर धूम्रपान करने से हिचकी बंद हो जाती है।

एसिडिटी की समस्या में जीरा का सेवन (Jeera Benefits in Acidity Treatment in Hindi)

एसिडिटी एक आम परेशानी है। अगर आप भी एसिडिटी से परेशान हैं, तो जीरा (Cumin Jeera in Hindi) और धनिया के 120 ग्राम पेस्ट को 750 ग्राम घी में पकाएं। इसे रोज 10-15 ग्राम की मात्रा में सेवन करें। इससे एसिडिटी के साथ-साथ पुरानी कफ की समस्या, पित्त की बीमारी, तथा भूख की कमी ठीक होती है।

भूख बढ़ाने में उपयोगी है जीरा (Benefits of Jeera for Increasing Appetite in Hindi)

  • कई बार बीमार हो जाने पर, या फिर अन्य कारणों से भूख की कमी हो जाती है। ऐसे में 3 ग्राम जीरे को 3 मिली नीबूं के रस में भिगो लें। इसमें 3 ग्राम नमक मिलाकर सेवन करें। इससे भूख बढ़ती है।
  • बुखार में जीरा का काढ़ा से गरारा करने पर भूख की कमी नहीं होती है।

बुखार उतारने के लिए जीरा का इस्तेमाल (Benefits of Jeera in Fighting with Fever in Hindi)

  • 5 ग्राम जीरे के चूर्ण को, 20 मिली कचनार की छाल के रस में मिला लें। इसे दिन में तीन बार लेने से बुखार उतरता है।
  • 5-10 ग्राम जीरे के पेस्ट, और इतना ही गुड़ लें। इन्हें खाकर गुनगुना पानी पीने से कंपकंपी, और ठंड वाली बुखार खत्म होती है।
  • भोजन में हरीतकी जीरा, तथा गुड़ का प्रयोग करने से गंभीर बुखार भी ठीक हो जाती है।
  • गाय के दूध में 5 ग्राम जीरे को भिगोकर सुखा लें। इसका चूर्ण बना लें, और इसमें मिश्री मिला लें। इसे दिन में तीन बार खाएँ। इससे शारीरिक कमजोरी दूर होती है, और गंभीर बुखार में आराम मिलता है।

अपच को ठीक करने के लिए जीरा का सेवन (Benefits of Jeera in Indigestion Problem in Hindi)

जीरे, और धनिये के पेस्ट से पकाए हुए घी को सुबह-शाम भोजन से आधा घण्टा पहले सेवन करें। इससे अपच और वात-पित्त दोष में लाभ होता है।

पेट में कीड़े होने पर जीरा के प्रयोग से लाभ (Jeera Benefits to Treat Abdominal Worm in Hindi)

  • पेट में कीड़े हो जाने पर भी जीरा (Cumin Jeera in Hindi) का सेवन फायदेमंद होता है। इसके लिए 2-4 ग्राम जीरा बीज के चूर्ण को एरण्ड तेल के साथ मिला लें। इसका सेवन करने से पेट के कीड़े निकल जाते हैं।
  • इसी तरह 15 ग्राम जीरे को 400 मिली पानी में उबालें। जब काढ़ा एक चौथाई बच जाए, तो इसे 20-40 मिली मात्रा में सुबह-शाम पिएं। इससे पेट के कीड़े मर जाते हैं।

दांतों के रोग में जीरा का उपयोग (Jeera Benefits to Treat Dental Problem in Hindi)

दांतों के रोग सभी को हो सकते हैं। अगर आपको भी दांत में दर्द की परेशानी है, तो जीरा के इस्तेमाल से लाभ हो सकता है। काले जीरे का काढ़ा बनाकर कुल्ला करने से दांतों के दर्द से राहत मिलती है।

नाक से खून बहने पर जीरा का प्रयोग (Uses of Jeera to Stop Nasal Bleeding in Hindi)

जीरा (Cumin Jeera in Hindi) के पत्ते के रस को 1-2 बूंद नाक में डालने से नाक से बहने वाला खून बंद हो जाता है।

दस्त रोकने के लिए जीरा का उपयोग (Benefits of jeera to Stop Diarrhea in Hindi)

दस्त में भी जीरा का सेवन करना बहुत ही फायदेमंद होता है। अगर किसी को दस्त हो रहा है, तो उसे 5 ग्राम जीरे को भूनकर पीस लेना है। इसे दही, या दही की लस्सी में मिलाकर सेवन करने से दस्त में लाभ होता है।

बच्चों को दस्त होने पर जीरा का इस्तेमाल (Jeera Uses to Stops Children’s Diarrhea in Hindi)

बच्चे प्रायः दस्त से परेशान रहते हैं। जीरा का प्रयोग इसमें भी बहुत लाभदायक होता है। इसके लिए जीरे को भूनकर, पीस लें। इसे एक चम्मच जल में घोलकर, दिन में दो-तीन बार पिलाएं। बच्चों को दस्त में फायदा होता है।

पेचिश में जीरा के इस्तेमाल से लाभ (Jeera Stops Dysentery in Hindi)

  • पेचिश की समस्या में, भांग 100 ग्राम, सोंठ 20 ग्राम, और जीरा 400 ग्राम को बारीक कूटकर छान लें। इस छने हुए चूर्ण की 100 खुराक बना लें। इनमें से एक-एक खुराक सुबह, और शाम को लें। इसे खाने से आधा घण्टा पहले 1-2 चम्मच दही के साथ सेवन करें। इससे पुरानी से पुरानी दस्त की बीमारी ठीक हो जाती है। इस दौरान दही, चावल, खिचड़ी, मट्ठा, हल्का भोजन करना चाहिए।
  • भुना हुआ जीरा, कच्ची, तथा भुनी हुई सौंफ को बराबर मिला लें। इसे एक-एक चम्मच की मात्रा में दो, या तीन घण्टे के बाद ताजे पानी के साथ सेवन करें। इससे मरोड़ के साथ होने वाला दस्त ठीक हो जाता है।

स्तनों में दूध बढ़ाने के लिए जीरे का सेवन (Uses of Jeera for Increasing Breast Milk in Hindi)

  • प्रायः कई महिलाएं मां बनने के बाद स्तनों में दूध कम होने की शिकायत करती हैं। ऐसी समस्या में जीरे को घी में भूनकर आटे में मिला लें, और लड्डू बना लें। इसे खाएं। इससे दूध अधिक होता है।
  • घी में जीरा को सेक लें। दाल में इस जीरे की कुछ अधिक मात्रा डालकर खाएं। इससे माताओं के स्तनों में दूध की वृद्धि (kala jeera benefits) होती है।

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  • जीरे को घी में भूनकर हलुआ बनाकर खिलाने से भी दूध में वृद्धि होती है।
  • इसके अलावा, बराबर-बराबर मात्रा में सौंफ, सौवर्चल, तथा जीरा के चूर्ण को छाछ के साथ नियमित रूप से सेवन करने से भी फायदा होता है।
  • बराबर-बराबर मात्रा में शतावरी, चावल, तथा जीरे के चूर्ण को गाय के दूध के साथ नियमित रूप से सेवन करें। इससे भी दूध बढ़ता है।
  • 10-20 मिली जीरा के काढ़ा को मधु, तथा दूध में मिला लें। इसे गर्भावस्था की शुरुआती अवस्था में महिलाओं को लेना चाहिए। दिन में एक बार लेने से गर्भवती महिलाएं, और गर्भस्थ शिशु का स्वास्थ्य सही रहता है।

गर्भाशय की सूजन में जीरा का लाभ (Benefits of Jeera in Reducing Uterus Swelling in Hindi)

कई महिलाएं गर्भाशय की सूजन से परेशान रहती हैं। ऐसे में जीरा (Cumin Jeera in Hindi) का प्रयोग फायदेमंद हो सकता है। काले जीरे का काढ़ा बना लें, और इस काढ़ा में महिला को बिठाएं। इससे गर्भाशय की सूजन में लाभ होता है। आप काला जीरा के स्थान पर, सफेद जीरा को भी उपयोग में ला सकती हैं।

मलेरिया में जीरा के सेवन से लाभ (Uses of Jeera in Malaria Treatment in Hindi)

  • मलेरिया बुखार में करेले के 10 मिली रस में, जीरे का 5 ग्राम चूर्ण मिलाकर दिन में तीन बार पीने से लाभ होता है।
  • 4 ग्राम जीरा के चूर्ण को, गुड़ में मिलाकर खाने से 1 घण्टा पहले लें। इससे मलेरिया और वात रोग ठीक होते हैं।

ल्यूकोरिया में जीरा से फायदा (Jeera Benefits to Treat leucorrhoea in Hindi)

ल्यूकोरिया महिलाओं की एक गंभीर बीमारी है. इस बीमारी में जीरा का सेवन करने से आराम मिलता है। इसके लिए 5 ग्राम जीरा के चूर्ण, और मिश्री के 10 ग्राम चूर्ण को मिला लें। इसे चावल के पानी के साथ सुबह और शाम सेवन करें। इससे फायदा होता है।

आंखों के रोग में जीरा से लाभ (Uses of Jeera in Eye Disease Treatment in Hindi)

7 ग्राम काले जीरे को आधा लीटर खौलते हुए जल में डालकर काढ़ा बनाकर इस पानी से आंखों को धोने से, आंखों से पानी बहना बंद हो जाता है। काले जीरे के स्थान पर सफेद जीरा भी ले सकते हैं।

जीरा का प्रयोग कर बढ़ाएं आंखों की रोशनी (Jeera is Beneficial for Eye Vision in Hindi)

7 ग्राम काले जीरे को आधा लीटर खौलते हुए जल में डालकर काढ़ा बना लें। इस पानी से आंखों को धोने से आंखों की रोशनी बढ़ती है। काले जीरे के स्थान पर सफेद जीरा भी ले सकते हैं।

रतौंधी में जीरा से फायदा (Jeera Benefits for Night Blindness Problem in Hindi)

जीरा, आंवला, तथा कपास के पत्तों को ठंडे पानी में पीस लें। इसे सिर पर 21 दिन तक बांधें। इससे रतौंधी में लाभ होता है।

वात-कफ विकार में जीरा का लाभ (Benefits of Jeera for Vata-Kafa Vikar in Hindi)

  • वात विकार के लिए बराबर-बराबर भाग में गुड़, एवं जीरा (Cumin Jeera in Hindi) के चूर्ण (5-10 ग्राम की मात्रा में) को, उष्णोदक के साथ सेवन करने से लाभ होता है।
  • वात और कफ दोष के कारण बुखार है, तो गुड़, अथवा मधु के साथ 5-10 ग्राम जीरा के पेस्ट का सेवन करें। इसके बाद छाछ पीकर धूप में पसीना निकलने तक बैठे रहें। इससे वात-कफ दोष वाला बुखार उतर जाता है।

आग से जलने पर जीरा का प्रयोग (Benefits of Jeera in Burning Treatment in Hindi)

अगर किसी व्यक्ति का कोई अंग आग से जल गया है, तो जीरे के पेस्ट को मदनफल, तथा राल मिलाकर घी में पकाएं। इससे आग से जलने वाले स्थान पर लगाएं। इससे फायदा होता है।

मूत्र रोग में लाभदायक है जीरा (Jeera Benefits to Treat Urinary Disease in Hindi)

जीरे का काढा बनाकर और इसमें 10-30 मिली मिश्री मिलाकर पीने से मूत्र रोग में लाभ होता है।

बवासीर में जीरा का औषधीय प्रयोग (Uses of Jeera in Piles Treatment in Hindi)

  • बवासीर में जब गुदा बाहर आकर सूज जाएं, तब काले जीरे को पानी में उबाल लें। इस पानी से मस्से को सेकें। इससे बवासीर में फायदा होता है।
  • इसी तरह 5 ग्राम सफेद जीरे को पानी में उबाल लें। जब पानी एक चौथाई बच जाए, तो उसमें मिश्री मिलाकर सुबह और शाम पिएं। इससे बवासीर में होने वाला दर्द, और सूजन ठीक होता है।
  • काले जीरे को पानी में पीसकर, बवासीर के मस्सों पर लेप करें। इससे भी बवासीर में लाभ होता है।

लकवा या पैरालिसिस में जीरा के गुण से फायदा (Benefits of Jeera in Paralysis Treatment in Hindi)

शरीर के निचले भाग में लकवा मारने पर जीरा को पीसकर लगाएं। इससे फायदा हो सकता है।

मकड़ी का विष उतारने के लिए जीरा का औषधीय प्रयोग (Jeera Benefits for Spider Poison in Hindi)

सोंठ और जीरे को पानी के साथ पीसकर लगाने से मकड़ी का विष उतरता है।

कुत्ते के काटने पर जीरा के औषधीय प्रयोग से फायदा (Jeera Helps in Dogs Biting Problem in Hindi)

किसी व्यक्ति को कुत्ता काट ले, तो उसे बहुत परेशान होना पड़ता है। कुत्ते के काटने पर उसके दांतों की विष से व्यक्ति को रेबिज होने की संभावना रहती है। ऐसे में 4 ग्राम जीरा, और 4 ग्राम काली मिर्च को घोंटकर, छान लें। इसे सुबह और शाम पिलाने से कुत्ते के विष में लाभ मिलता है।

बिच्छू का विष उतारने के लिए जीरा का इस्तेमाल (Jeera is Useful in Scorpion Biting Problem in Hindi)

  • बिच्छू के काटने पर जीरे, और नमक को पीसकर घी, और शहद में मिला लें। इसे थोड़ा-सा गर्म कर लें। इसे बिच्छू के डंक वाले स्थान पर लगाएं। बिच्छू का विष उतर जाता है।
  • जीरा (Cumin Jeera in Hindi) में घी, एवं सेंधा नमक मिला कर पीस लें। इसे बहुत महीन पेस्ट बना कर, थोड़ा गर्म कर लें। इसे बिच्छू के काटने वाले स्थान पर लेप करें। इससे दर्द में आराम मिलता है।

जीरा कहां पाया या उगाया जाता है? (Where is Jeera Found or Grown?)

जीरे की खेती पूरे भारत में की जाती है। खासकर उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पंजाब में जीरा की खेती बहुत अधिक मात्रा में की जाती है। कृष्ण (श्यामला) जीरा (kala jeera) की खेती, गढ़वाल, कुमाँऊ, कश्मीर, अफगानिस्तान और ब्लूचिस्तान में होती है। यहां जीरा 2000 से 3400 मीटर की ऊंचाई पर उगाया जाता है।

जीरा खाने के लाभ (Jeera khane ke fayde) (Benefits of Cumin Seeds in Hindi)

  • जीरा स्वास्थ्य के लिए लाभदायक मसाला है. यह एक बेहतरीन एंटी-ऑक्सिडेंट भी है और साथ ही यह सूजन को कम करने और मांसपेशियों को आराम पहुचांने में कारगर होता है. इसमें फाइबर भी पाया जाता है और यह आयरन, कॉपर, कैल्शियम, पोटैशियम, मैगनीज, जिंक व मैगनीशियम जैसे मिनरल्स का अच्छा सोर्स भी है.
  • जीरे मेंविटामिन ई, ए, सी और बी-कॉम्प्लैक्स जैसे विटामिन भी अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं.
  • जीरा पेट और पाचन क्रिया के लिए बहुत अच्छा होता है. पेट दर्द, अपच, डायरिया, मॉर्निंग सिकनेस में इसका सेवन जरूर करना चाहिए. एक गिलास पानी में एक छोटा चम्मच भुने जीरे का पाउडर मिलाकर पिएं. छाछ में भुना जीरा और काली मिर्च डालकर पीने से पेट संबंधी कई समस्याएं दूर होती हैं.
  • छोटी आंत में गैस हो जाने से पेट दर्द होने पर एक गिलास पानी में एक चुटकी भुना जीरा पाउडर, थोड़ी अदरक, सेंधा नमक और आधी छोटी चम्मच सौंफ डालकर उबाल लें. छानकर ठंडा होने पर पिएं. यह अर्क पीरियड्स में होने वाले दर्द, कब्ज जैसी तकलीफों में भी आराम देता है.
  • छोटे बच्चों को पेट में दर्द हो तो गर्म पानी में जीरा उबाल कर ठंडा कर लें और बच्चे को पिलाएं. जल्द आराम मिलेगा.
  • एनीमिया खासतौर पर महिलाओं की सेहत पर असर डालता है. यह समस्या हो तो खाने में जीरे का सेवन नियमित तौर पर करें. इसमें मौजूद आयरन एनीमिया को दूर करने के साथ ही थकान और तनाव को भी कम करेगा.
  • आयरन और कैल्श‍ियम से भरपूर होने की वजह से यह गर्भवती और हाल ही में मां बनी महिलाओं के लिए भी बहुत अच्छा होता है.
  • एक गिलास गर्म दूध  में एक छोटी चम्मच जीरा और स्वाद के लिए शहद मिलाकर पीने से ताकत मिलती है.
  • जीरे का सेवन वजन कम करने में भी मददगार है. यह बॉडी से फैट और कॉलेस्ट्रोल कम करता है. दही के साथ मिलाकर इसका सेवन करें.
  • जीरे में मौजूद कैल्शियम हड्ड‍ियों को मजबूत करता है. इसमें मौजूद विटामिन ए और बी12 भी ऑस्ट‍ियोपोरोसिस से लड़ने में मदद करते हैं.
  • जिन लोगों को नींद नहीं आती उनके लिए भी जीरा फायदेमंद है. एक पके केले को मसल लें और उसमें भुना जीरा डालकर खाएं. इससे नींद अच्छी आएगी.
  • जीरे को यादाश्त बढ़ाने में भी फायदेमंद माना जाता है. एंटी-ऑक्स‍िडेंट होने की वजह से ऐसा होता है. इसलिए रोजाना आधी छोटी चम्मच जीरे की जरूर चबाएं.
  • शुगर के मरीजों के लिए भी जीरा फायदेमंद माना जाता है.

नोट: अपने इस लेख के माध्यम से हमने आपको जीरा से होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में बताया है। लेकिन इसका किसी भी प्रकार से औषधीय रूप में सेवन करने से पहले आप अपने नजदीकी चिकित्सक से परामर्श अवश्य कर लें।

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