YAHOO Full Form (Yet Another Hierarchically Organized Oracle)

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YAHOO Full Form

YAHOO Full Form YAHOO: Yet Another Hierarchically Organized Oracle (एट अनअदर हिरार्काली आर्गनाइज्ड ओरेकल)

YAHOO का फुल फॉर्म “Yet Another Hierarchically Organized Oracle” (एट अनअदर हिरार्काली आर्गनाइज्ड ओरेकल) है. YAHOO Google की तरह ही एक search engine है जो users के queries को पुरे internet में खोजकर आपके सामने search results में प्रदर्शित करता है. वो बात अलग है की आज Google ने Yahoo को बुरी तरह से पछाड़ दिया है. आज सबकी जुबान पे सिर्फ और सिर्फ Google का ही नाम है. लेकिन एक वक्त Yahoo भी सफलता के पायदान पर था. इस आर्टिकल में हम YAHOO के बारे में पूरी जानकारी देने की कोशिश करेंगे.

YAHOO का इतिहास

YAHOO को 1995 में लांच किया गया था और आज Google और Bing के बाद सबसे ज्यादा search किया जाने वाला Search Engine है. YAHOO Search Engine से ज्यादा एक directory है, क्योंकि यह सर्च के अलावा अपने यूजर्स को 40 से अधिक सेवाएं देता है. YAHOO पर आप Calendar, News, Images, Finance, Gadget, Real State, Yahoo Mail, Music, Sports, Movies आदि सभी के बारे में जानकारी हासिल कर सकते है. Gmail की तरह याहू (YAHOO Full Form) की भी एक मेल एर्विस है जिसे Yahoo Mail कहा जाता है. याहू अपनी Question-Answer सर्विस के लिए लोगों में काफी लोकप्रिय हुआ है.

YAHOO का इतिहास

YAHOO की शुरुआत 1994 में स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी के दो स्टूडेंट जेरी यांग (Jerry Yang) और डेविड फिलो (David Filo) ने की थी और एक साल बाद यानी 1995 में इसे YAHOO के नाम से लांच किया गया था. याहू ने सबसे पहले एक कमर्शियल Website लांच की जिसमे न्यूज़ के माध्यम से खबर और विज्ञापन चलते थे.

कुछ ही सालों में Internet सर्फिंग वाले लोगों के लिए याहू सबसे बेहतर ठिकाना था. लोग याहू (YAHOO Full Form) पर ही सब कुछ सर्च किया करते थे. याहू कम्पनी का मुख्य ऑफिस कैलीफोर्निया में है.

YAHOO के पतन का कारण

एक समय ऐसा था जब याहू ने Google को खरीदने के दो मौके गंवा दिए थे. जब Google ने याहू को उसे खरीदने का ऑफर दिया तब याहू ने दो बार Google के ऑफर को ठुकरा दिया और आज अंजाम आप देख ही सकते है याहू को आज कोई पूछता भी नहीं और Google के पीछे लोग पागल हुए जा रहे है.

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याहू ने Google के ऑफर को यह कहकर ठुकरा दिया था की वे नहीं चाहते की याहू से लोग किसी और Search Engine पर जाए. उस समय Google सिर्फ एक Search Engine था जो कुछ ही सेकंड में यूजर को रिजल्ट दिखा देता था. उस समय Yahoo को Google की 50 लाख डॉलर की रकम ज्यादा लगी थी और आज Google 522 अरब डॉलर से भी ज्यादा की कम्पनी है. याहू अपने यूजर तक सीमित रहना चाहता था और Google पुरे वर्ल्ड पर राज करना चाहता था और हुआ भी ऐसा ही आज Google को लोग सबसे लोकप्रिय Search Engine मानते है और कुछ भी सर्च करना हो Google पर ही सर्च करते है.

Facebook खरीदने का मौका भी गंवा दिया

2006 में Google की तरह Yahoo के पास फेसबुक खरीदने का भी मौका था. तब याहू ने फेसबुक के लिए एक अरब डॉलर की बोली लगाई थी, लेकिन अपने शेयरों में आई गिरावट के कारण उसने इसे घटाकर 85 करोड़ डॉलर कर दिया. इस पर फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्ग ने दोबारा सोचा और डील से पीछे हट गये और आज फेसबुक का मार्किट 250 अरब डॉलर से ज्यादा का है. याहू ने यह दो सबसे बड़ी गलियाँ की जो बाद में उसी के पतन का कारण बनी.

Microsoft का ऑफर भी ठुकरा दिया

याहू चाहता तो 2008 में माइक्रोसॉफ्ट का ऑफर लेकर अपनी बुरी स्थिति टाल सकता था. Google की चुनोती से निपटने में लगा माइक्रोसॉफ्ट याहू के लिए 44 अरब डॉलर देने को तैयार था लेकिन याहू के बोर्ड को यह रकम काफी कम लगी और अब याहू सिर्फ 5 अरब डॉलर में वेराइजन की हो गयी.

अब याहू के पास क्या है?

कुल मिलकर देखा जाए तो अब याहू (YAHOO Full Form) के पास पहले वाली हैसियत नहीं रही. अब याहू की जापान की एक कंपनी Z Holdings में 33.5% स्टेक और चीन की दिग्गज E-Commerce कम्पनी अलीबाबा में 15% की हिस्सेदारी रह जाएगी.

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