TCP Full Form (Transmission Control Protocol)

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TCP Full Form

TCP Full Form in Hindi, TCP: Transmission Control Protocol (ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल)

TCP का फुल फॉर्म Transmission Control Protocol (ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल) है. मुख्य रूप से इसे TCP/IP Model के नाम से जाना जाता है.

TCP/IP Model क्या है? (What is TCP/IP Model)?

TCP/IP Model का पूरा नाम ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल / इंटरनेट प्रोटोकॉल होता है। यह नियमों का एक समूह है जो इंटरनेट कैसे काम करता है यह निर्णय करता है। TCP/IP का प्रयोग रियल environment में किया जाता है. TCP/IP Model की मुख्य बातें निम्नलिखित हैं:

  • TCP/IP world-wide-web (www) का एक प्रोटोकॉल है जिसे हम इंटरनेट कहते है। सभी नेटवर्क और प्रोटोकॉल TCP/IP मॉडल पर ही काम करते हैं।
  • यह मॉडल End-to-End कंमुनिकेशन उपलब्ध करवाता हैं। इसे 1970 से 1980 के दशक के बीच US डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस(D.O.D) में विकसित किया गया था।
  • TCP/IP मॉडल का मुख्य उद्देश्य अधिक दूरी पर कम्युनिकेशन प्रदान करना है अर्थात हम इस मॉडल के द्वारा लंबी दूरी पर स्थित नेटवर्क से भी कम्युनिकेट किया जा सकता है।
  • जब बहुत सारे कंप्यूटर networks आपस में जुड़े होते है तो यह मॉडल (TCP Full Form) हमें virtual network बनाने में मदद करता है।
  • TCP/IP Model एक कनेक्शन ओरिएंटेड तथा Reliable model प्रोटोकॉल है। यह डाटा ट्रांसफर करने से पहले कनेक्शन को पूरी तरह से verify करता है कि receiver device से कनेक्शन स्थापित हुआ है या नहीं।
  • TCP/ IP Model, क्लाइंट सर्वर संचार मॉडल का उपयोग करता हैं जिसमें एक कंप्यूटर (user) अनुरोध करता हैं जिसके उत्तर में उसे नेटवर्क का दूसरा कंप्यूटर (server) सर्विस प्रदान करता है।

TCP/IP मॉडल की कितनी layers होती है? (How many layers in TCP/IP model)

TCP/IP मॉडल में निम्नलिखित 4 layers होती है जो निम्नलिखित हैं:

  • Network layer
  • Internet layer
  • Transport layer
  • Application layer

Application Layer

Application Layer TCP/IP मॉडल की सबसे उच्चतम (Highest) layer है। यह Layer users को कंमुनिकेशन उपलब्ध कराती है। Application layer, Transport layer को डेटा भेजती है तथा उससे डेटा receive करती है। Application layer का काम high level protocols को हैंडल करना होता है। यह Layer user को application के साथ सीधे interact करने की सुविधा देती हैं।

Application layer में प्रयोग होने वाले प्रोटोकॉल निम्नलिखित है:

  • HTTP(Hypertext Transfer Protocol)AND HTTPS( HTTP-Secure)
  • SNMP(Simple Network management protocol)
  • SMTP( simple mail transfer protocol )
  • DNS( डोमेन नेम सिस्टम )

Transport Layer

Transport layer, Application layer तथा Internet Layer के बीच स्थित होती है। यह Layer, डेटा के ट्रांसमिशन, Flow Control, Correction और Reliability के लिए जिम्मेदार होती है। जब हमारा डाटा एप्लीकेशन लेयर (TCP Full Form) से ट्रांसपोर्ट लेयर में आता है तो वह डाटा सेगमेंट के रूप में विभाजित हो जाता है तथा अब डाटा इन्ही सेगमेंट के रूप में सेंड होता है। इस लेयर में मुख्य दो प्रोटोकॉल कार्य करते हैं:

  • ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल TCP
  • यूजर डाटा ग्राम प्रोटोकॉल UDP

Internet Layer

Internet Layer, Transport Layer और Application Layer के बीच स्थित होती है यह Layer नेटवर्क में Connectionless Communication उपलब्ध करवाती है। इसमें डाटा Datagram के रूप मे होता है यह डाटाग्राम Source तथा डेस्टिनेशन के आईपी एड्रेस को लिए रहते हैं जिससे कि डाटा को आसानी से रिसीव तथा सेंड किया जा सके.

Internet Layer के तीन महत्वपूर्ण काम होते हैं:

  • Inter-Networking: जब दो या दो से अधिक नेटवर्क आपस में जुड़े हुए होते हैं तो उसे Internetworking कहते हैं, इसी को कंट्रोल करना internet layer का मुख्य कार्य होता है।
  • Logical Addressing: Host तथा receiver को communicate कराने के लिए यह होस्ट को IP address provide करते है।
  • Routing: Routing का कार्य source से destination तक डाटा ट्रांसफर करने के लिए सबसे बेस्ट path को खोजना होता है। Routing, डाटा ट्रांसफर के लिए सबसे छोटा व उत्तम मार्ग फाइंड करके देता है।

Internet Layer में निम्नलिखित प्रोटोकॉल्स का प्रयोग किया जाता है:

  • IP Protocol (Internet Protocol)
  • ARP Protocol (Address Resolution Protocol)
  • ICMP (Internet Control Message Protocol)

Network layer

Network layer टीसीपी आईपी मॉडल की निम्नतम यानि lowest लेयर है. यह लेयर क्वेश्चन मॉडल में डिफाइन किए गए डेटा लिंक layer और फिजिकल layer का combination है। Network layer एक ही नेटवर्क में 2 devices के बीच ट्रांसफर होने वाले डेटा के लिए जिम्मेदार होती है। यह नेटवर्क लेयर host-to-host कम्युनिकेशन में काम में ली जाती है। इस layer का कार्य नेटवर्क द्वारा ट्रांसमिट किए गए आईपी डाटाग्राम (TCP Full Form) को फ्रेम में एनकैप्सूलेंट करना और आईपी एड्रेस को फिजिकल एड्रेस में मैप करना है।

Network layer की दो सब लेयर होती है:

  • Mac sub-layer: यह Layer Mac address में work करती हैं।
  • Physical sub-layer: यह Layer फिजिकल ट्रांसमिशन medium में काम करती हैं।

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TCP/IP प्रोटोकॉल क्या होता है?

(TCP IP Model in Hindi)TCP/ IP मॉडल में  सामान्यतः दो प्रोटोकॉल  प्रयोग होती है  यह दोनों प्रोटोकॉल आपस में एक साथ जुड़कर टीसीपी आईपी मॉडल का निर्माण करती है।

  • TCP Protocol-Transmission control Protocol
  • IP Protocol- Internet Protocol

TCP Protocol

TCP Protocol में सबसे पहले sender और receiver के बीच कनेक्शन स्थापित होता है जिसे अंत में रिलीज कर दिया जाता है। TCP प्रोटोकॉल एक कनेक्शन ओरिएंटेड तथा reliable ट्रांसपोर्ट Protocol है अर्थात यह डाटा ट्रांसफर से पहले कनेक्शन को वेरीफाई करता है जिसके बाद ही डाटा ट्रांसफर करता है टीसीपी प्रोटोकॉल डाटा डिलीवरी की पूरी गारंटी लेता है इसमें डाटा ट्रांसफर के समय डाटा का ऑर्डर (Sequence) चेंज नहीं होता है।

IP Protocol

इंटरनेट तथा दूसरे नेटवर्क पर एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में डाटा को बदलने हेतु रूल्स का सेट इंटरनेट प्रोटोकॉल कहलाता है।

इंटरनेट पर ट्रांसफर होने वाले डेटा को छोटे छोटे टुकड़ों में विभाजित किया जाता है, जिसे पैकेट कहा जाता है।आईपी ​​​​सूचना प्रत्येक पैकेट से जुड़ी होती है और यह जानकारी राउटर को पैकेट को गंतव्य (Destination) पर भेजने में मदद करती है।

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