Sem Beans in Hindi (सेम: जानकारी, खाने के फायदे और नुकसान)

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Sem Beans in Hindi

Sem Beans in Hindi / सेम खाने के आश्चर्यजनक फायदे और नुकसान

सेम की फली एक सब्जी है जो लतारुपी पौधे पर लगती है. यह बहुत ही स्वादिष्ट और पौष्टिक सब्जी है और हमारे शरीर के लिए बहुत ही लाभदायक होती है। दरअसल सेम एक प्रकार का लता होता है, जिसकी फलियों (sem phali) को खाने के लिए प्रयोग किया जाता है। सेम के फली में बहुत सारी पौष्टकताएं होने के कारण आयुर्वेद में सेम को औषधि के रुप में इस्तेमाल की जाती है। सेम के प्रत्येक फली में 4-5 बीज होते हैं, जो अंडाकार होती हैं। सेम का सेवन कई तरह से किया जा सकता है, वैसे ज़्यादातर लोग सेम की सब्जी (sem ki sabji) बनाकर खाते हैं।

सेम क्या है? (What is Sem Phali in Hindi?)

सेम की लता लम्बी, जमीन पर फैलने वाली होती है। इसकी फली 4 से 5 सेमी लम्बी, 1.2-1.8 सेमी चौड़ी, हरी, हलकी हरी अथवा बैंगनी रंग की होने के साथ आगे के भाग की ओर नुकीली होती है। बीज 2-4 की संख्या में सफेद, पीली, बैंगनी अथवा काले रंग के होते हैं।

सेम की फली में कॉपर, आयरन, मैग्निशियम, फॉस्फोरस, प्रोटीन, कैल्शियम आदि अनेक पौष्टिक तत्व होते हैं। स्वाद में सेम मधुर, थोड़ा कड़वा, गर्म तासीर की होने के कारण भारी होती है।

अन्य भाषाओं में सेम के नाम (Name of Sem in Different Languages)

सेम की फली का वानस्पतिक नाम: Lablab purpureus (Linn.) Sweet (लैबलैब परपूरियस)Syn-Dolichos lablab Linn है। सेम की फली Fabaceae (फैबेसी) कुल का होता है। सेम का अंग्रेजी नाम Flat Bean (फ्लैट बीन) है। अन्य भाषाओँ में इसे भिन्न-भिन्न नामों से पुकारा जाता है।

  • संस्कृत में- निष्पाव, वल्लक, श्वेतशिम्बिका
  • हिंदी में- निष्पाव, भटवासु, बल्लार, सेम
  • असामी में- उरी (Uri), उरसी (urshi)
  • कन्नड़ में- अवरे (Avare)
  • गुजराती में- ओलीया (Oliya), वाल (Val)
  • तमिल में- मोचै (Motchai)
  • तेलगु में- अनुमुलु (Anumulu)
  • बंगाली में- मखानसिम (Makhansim), बोरबोटी (Borboti)
  • नेपाली में- राजसिमी (Rajsimi)
  • पंजाबी में- कालालोबिया (Kalalobia), कटजंग (Katjang)
  • मराठी में- पाओटे (Paote), वाल (Vaal)
  • मलयालम में- अमारा (Amara)
  • अंग्रेजी में- इजिप्शियन किडनी बीन (Egyptian kidney bean), पर्पल हयासिंथ (Purple hyacinth), बोनोविस्ट बीन  (Bonovista bean), इण्डियन बीन (Indian bean), हयासिंथ बीन (Hyacinth bean)
  • फारसी में- लोबिया (Lobiya)

 सेम के औषधीय गुण (Medicinal Values of Beans in Hindi)

सेम की फली को गला और पेट का दर्द, सूजन, बुखार, अल्सर जैसे अनेक बीमारियों के उपचार के लिए प्रयोग में लाया जाता है। आइये देखते हैं कि सेम के औषधीय गुण क्या क्या हैं:

मूड को अच्छा बनाने में सेम के फायदे

सेम में पाया जाने वाला प्रोटीन न्यूरोट्रांसमीटर के कार्यों में सहायता करता है और हार्मोन जैसे सरेरोटोनिन और डोपामाइन को संयोजित करता है जो हमें शांत करने में मदद करते हैं. ये ग्लूकोज को संतुलित करके चिड़चिड़ापन, मनोदशा और लालच को भी रोकता है.

गले का दर्द दूर करे सेम की फली (Benefit of Sem Beans in Sore Throat in Hindi)

मौसम के बदलाव के साथ गले में दर्द , सर्दी-खांसी जैसी बहुत सारी समस्याएं होने लगती है। गले के दर्द से आराम पाने में सेम की फली (sem ki fali) का ऐसे सेवन करने पर आराम मिलता है। 5-10 मिली सेम के पत्ते के रस का सेवन करने से गले का दर्द कम होता है।

दस्त से दिलाये राहत सेम की फली (Sem ki Fali to Fight Diarrhoea in Hindi)

अगर खान-पान में बदलाव के कारण दस्त हो रहा है तो सेम के बीजों का काढ़ा बनाकर 10-30 मिली मात्रा में सेवन करने से उल्टी, दस्त, मूत्र संबंधी समस्या एवं पेट के दर्द से लाभ मिलता है।

पेट दर्द से दिलाये आराम सेम (Benefits of Sem Vegetable for Stomachalgia in Hindi)

अक्सर मसालेदार खाना खाने पर पेट में गैस हो जाता है जिसके कारण पेट में दर्द होने लगता है। सेम के पत्तों को पीसकर पेट पर लगाने से पेट का दर्द कम हो जाता है।

पेट फूलने के परेशानी से दिलाये राहत सेम (Sem Beans Beneficial in Flatulance in Hindi)

अगर अपच के कारण पेट फूलने की समस्या होती है तो उसमें सेम बहुत काम आता है। सेम के बीजों को आग में भूनकर खाने से आध्मान या पेट फूलने की समस्या में लाभ होता है।

अल्सर में फायदेमंद सेम की फली (Sem Vegetable Benefits in Ulcer in Hindi)

सेम की फली अल्सर का घाव सूखाने में बहुत काम आता है। राजशिम्बी के बीजों को भैंस के दूध में पीसकर शाम के समय अल्सर पर लगाना चाहिए इस तरह लगाने से अल्सर का घाव शीघ्र भर जाता है; क्योंकि शाम के समय गर्मी कम होती है।

खुजली की परेशानी दूर करती है सेम की फली (Benefits of Sem Fali to Get Relief from Scabies in Hindi)

कभी-कभी एलर्जी के कारण खुजली की समस्या होती है। सेम के पत्ते के रस को खुजली वाले जगह पर लगाने से परेशानी कम होती है।

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दाद की समस्या दूर करती है सेम की फली (Sem Beans Benefits in Ringworm  in Hindi)

दाद की समस्या है तो वहां सेम के पत्ते का रस लगायें। इससे दाद या रिंगवर्म जल्दी ठीक होता है।

बुखार को करे कम सेम की फली (Sem Vegetable Benefits in Fever in Hindi)

सेम बीजों का काढ़ा बनाकर 15-30 मिली काढ़े में 1 ग्राम सोंठ मिलाकर पीने से ज्वर या बुखार के लाभ होता है।

सूजन में फायदेमंद सेम की फली (Sem to Treat Inflammation in Hindi)

सेम बीजों को पीसकर सूजन वाले स्थान पर लगाने से सूजन से जल्दी आराम मिलता है।

कैंसर के इलाज में लाभकारी सेम (Sem Beneficial to Treat Cancer in Hindi)

एक रिसर्च के अनुसार सेम में एंटी कैंसर गुण होने के वजह से ये कैंसर के लक्षणों को कम करने में मदद करता है।

श्वसन विकार के इलाज में लाभकारी सेम (Benefits of Sem in Breathing Disease in Hindi)

एक रिसर्च के अनुसार सेम में ऐसे गुण होते हैं जो कि रेस्पिरेटरी यानी श्वसन प्रक्रिया को स्वस्थ बनाये रखने में मदद करता है।

पाचन को स्वस्थ बनाये रखने में मददगार है सेम ( Sem Beneficial in Digestive System in Hindi)

सेम की फली पाचन संबंधी समस्याओ में भी फायदेमंद होती है विशेषरूप से डायरिया में क्योंकि रिसर्च के अनुसार सेम में एस्ट्रिंजेंट यानि कषाय का गुण होता है जो कि डायरिया जैसी समस्याओं को दूर कर पाचन को स्वस्थ्य बनाये रखने में मदद करती है।

हृदय के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद सेम (Sem Beneficial for Healthy Heart in Hindi)

एक रिसर्च के अनुसार सेम में कार्डिओवस्कुलर सिस्टम को स्वस्थ बनाये रख क हृदय संबधी रोग को दूर रखने में सहायक होती है।

सेम खाने के लाभ (Sem khane ke fayde) (Benefits of Beans in Hindi)

सेम खाने के लाभ निम्नलिखित हैं:

  • सेम फली मे विटामिन बी 6, थायमीन, पैंथोथेनिक एसिड और नियासिन जैसे पोषक तत्व मौजूद होते है जो हमारे शरीर मे पोषक तत्वो की कमी पूरी हो जाती है। सेम फली औषधीयगुणो से भरपूर होती है इसलिए यह हमारे दिल, लिवर, हड्डी सभी के लिए लाभदायक होती है।
  • सेम फली मै मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व होते है जो दिल से जुड़ी बीमारियों को बढ़ने से रोकता है।
  • सेम फली मे रक्त को शुद्ध करने का भी गुण होता है अगर आपको रक्त की अशुद्धी के कारण कोई परेशानी है तो आप सेम फली को पानी मे उबालकर सेवन जरूर करे।
  • सेम फली फाइबर जैसे गुणों से भरपूर होने के कारण कब्ज से छुटकारा दिलाती है और साथ ही पेट सम्बंधित रोगो से भी छुटकारा दिलाती है जैसे पेट का फूलना, पैट मे गैस का ज्यादा बनना, भोजन का सही ढंग से न पचना, पेट पुरी तरह से साफ न होना। अगर आप सेम फली का सेवन करते है तो इन सभी समस्याओ से छुटकारा मिल जाएगा।
  • सेम फली मे मौजूद आयरन शरीर मे खून बनने की प्रक्रिया को बढ़ावा देता है जिससे शरीर मे खून की कमी दूर हो जाती है।
  • अगर आपको एनीमिया रोग है तो आपको सेम फली का सेवन जरूर करना चाहिए।
  • अगर महिलाओं को पीरियड्स सम्बंधित कोई समस्या है जैसे पीरियड्स का सही समय पर नही आते है तो आपको सेम फली का सेवन जरूर करना चाहिए।
  • अगर आप दुबले-पतले है तो आपको सेम फली का सेवन जरूर करना चाहिए क्योंकि सेम फली भोजन का पुरी तरह से पचाने मे सक्षम होती है जिससे सभी पोषक तत्व हमारे शरीर को मिलते है जिससे हमारे शरीर का वजन बढ़ने लगता है।
  • सेम फली एनर्जी से भरपूर होती है इसलिए यह बच्चों से लेकर बुजुर्गो के लिए बहुत ही लाभदायक है।
  • अगर आपको त्वचा से सम्बंधित कोई रोग है जैसे पिम्पल्स, दाग धब्बे तो आपको सेम फली का सेवन जरूर करना चाहिए यह सभी प्रकार की स्कीन प्रॉब्लम को दूर करती है।
  • सेम में भरपूर मात्रा में मैग्नीशियम पाया जाता है जिससे दिल से जुड़ी बीमारियों के होने का खतरा बहुत कम हो जाता है. सेम खाने से एनर्जी लेवल भी बेहतर बना रहता है और इससे आयरन की कमी भी नहीं होती है.
  • सेम में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो खून को साफ करने का काम करते हैं. खून साफ रहने से त्वचा संबंधी रोग होने की आशंका बहुत कम हो जाती है.
  • महिलाओं को खासतौर पर सेम खाने की सलाह दी जाती है. खासतौर पर उन औरतों को जिन्हें अनियमित पीरियड्स की शिकायत हो.

सेम खाने के नुकसान (Sem khane ke Nuksan) (Side Effects of Beans in Hindi)

  • सेम को कच्ची और ज्यादा मात्रा में खाने पर पेट की समस्याएं पैदा हो सकती हैं. ज्यादा मात्रा में खाने पर यह गैस बनाता है.
  • सेम फली का सेवन बिना अच्छे से पकाए नहीं करना चाहिए.
  • गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान सेम का प्रयोग कम मात्रा में करना चाहिए.
  • यूँ तो यह एक हरी सब्जी है लेकिन यह पचने में भारी होती है इसलिए इसका सेवन उचित मात्रा में करना चाहिए.

नोट: अपने इस लेख के माध्यम से हमने आपको सेम से होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में बताया है लेकिन इसका किसी भी प्रकार से औषधीय रूप में सेवन करने से पहले आप अपने नजदीकी चिकित्सक से परामर्श अवश्य कर लें।

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