Sarso saag in Hindi (सरसों का साग: जानकारी, खाने के फायदे और नुकसान)

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Sarso saag in Hindi

Sarso saag in Hindi / सरसों का साग खाने के आश्चर्यजनक फायदे और नुकसान

हरा सरसों या सरसों का साग (Sarso saag in Hindi) एक हरी पत्तेदार सब्जी है. सर्दियों में सरसों का साग का सेवन न केवल स्वाद के मामले में लज्जतदार होता है बल्कि सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद विटामिन्स, मिनिरल्स, फाइबर और प्रोटीन इसे बेहद फायदेमंद बनाते हैं। सरसों का साग सुनते ही बहुत से लोगों के मुँह में पानी आ जाता है और अगर इसके साथ मक्के की रोटी हो तो क्या कहने।

इस हरे पत्तेदार सब्जी में उच्च मात्रा में फाइबर होते हैं, जिस वजह से ये पाचन तंत्र को सही रखती है। खनिज, विटामिन और प्रोटीन से भरपूर सरसों के साग में बहुत कम मात्रा में कैलोरी होती है। इसलिए ये वजन घटाने वालों के लिए एक बेहतरीन खाद्य विकल्प है।

सरसों के साग के औषधीय गुण (Medicinal Values of Mustard leaves in Hindi)

सरसों का तैयार साग
  • कैंसर और अस्थमा जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों को सरसों का साग ज़रूर खाना चाहिए.
  • सरसों के साग में डाइटरी फाइबर होने की वजह से आपका मेटाबोलिज्म ठीक करता है जिससे आपको सही वजन बनाए रखने में मदद मिलती है।
  • सरसों के साग (Sarso saag in Hindi) में मौजूद कैल्शियम और पोटेशियम से हड्डियों को रोगों से बचाने और उन्हें स्वस्थ रखने में मदद मिलती है।
  • इसमें विटामिन के और ओमेगा 3 फैटी पर्याप्त मात्रा में होता है जो एंटी-इन्फ्लैमटोरी प्रभाव डालता है। इसे खाने से आपको कैंसर, हृदय रोग और गठिया जैसी समस्याओं से बचने में मदद मिलती है।
  • हरा सरसों का साग डाइटरी फाइबर का अच्छा स्रोत है। ये मेटाबोलिज्म दर को बढ़ाता है और पाचन सही रखने में सहायक है।
  • सरसों के साग में विटामिन ए, विटामिन ई और विटामिन सी के साथ साथ एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं। इसके अलावा ये मैंगनीज व फोलेट का भी अच्छा स्रोत है। इसमें पाया जाने वाला विटामिन ई, सी और ए फ्री रैडिकल ख़त्म करने में सहायक होता है। ये अस्थमा, हृदय रोग और रजोनिवृत्ति से पीड़ितों के लिए अच्छा विकल्प है।
  • हरे सरसों में पाए जाने वाले एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इन्फ्लैमटोरी जैसे गुण कैंसर रोकने में मदद करते हैं। एक अध्ययन के अनुसार, ये मूत्राशय, पेट, स्तन, फेफड़े, प्रोस्टेट और अंडाशय के कैंसर को रोकने में उपयोगी हो सकता है.
  • सरसों के साग में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और सल्फर शरीर को डिटोक्सीफाइ करता है, जिससे हृदय को स्वस्थ बनाए रखने और कैंसर से बचने में मदद मिलती है।
  • ये कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने और फोलेट को बढ़ाने में सहायक है। फोलेट हृदय रोग के लिए ज़िम्मेदार होमोसिस्टीन को बढ़ने से रोकता है।
  • इसमें भरपूर मात्रा में कैल्शियम मौजूद है, जो हड्डियों को मजबूत करता है और जोड़ों की समस्याएं दूर करने के साथ ही ब्लड क्लॉटिंग होने से रोकता है।
  • यह दिमाग के लिए बेहद फायदेमंद है। दिमाग की कार्यक्षमता बढ़ाने के साथ ही यह मेटाबॉलिज्म को सही रखता है।
  • इसमें मौजूद विटामिन के, ब्लड संबंधी की परेशानियों को दूर करता है। रिसर्च के अनुसार अच्छी मात्रा में विटामिन के लेने से हड्डियों की कमजोरी और मासिक धर्म के समय पेट में ऐंठन नहीं होती।
  • साथ ही विटामिन ‘ई’, ओमेगा 3 नर्व्स, स्किन और इंटसटाइन के लिए फायदेमंद होता है। साथ ही विटामिन ए आंखों की सेहत के लिए लाभदायक होता है।

हरा सरसों के पौष्टिक गुण

सरसों के 100 ग्राम साग में 27 कैलोरी, केवल 0.4 ग्राम फैट्स, 358 मिली ग्राम पोटैशियम, 4.7 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 3.2 ग्राम फाइबर, 1.3 ग्राम शुगर, विटामिन ए, सी, डी, बी 12, मैग्नीशियम, आयरन और कैल्शियम जैसे तत्व भरपूर मात्रा में मिलते हैं। इस तरह हरा सरसों बहुत ही पौष्टिक खाद्य पदार्थ है.

सरसों का साग खाने के लाभ (Sarso saag khane ke fayde) (Benefits of Mustard leaves

सर्दियों के मौसम में सरसों के साग (Sarso saag in Hindi) का सेवन हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद साबित होता है। सरसों के साग के सेवन के निम्नलिखित लाभ हैं: 

कैंसर की रोकथाम में लाभदायक

सरसों के साग में एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं जो न केवल शरीर को डीटॉक्सिफाई करते हैं बल्कि शरीर की प्रतिरोधी क्षमता भी बढ़ाते हैं। इसके सेवन से ब्लैडर, पेट, ब्रेस्ट, फेफड़े, प्रोस्टेट और ओवरी के कैंसर से बचाव में मदद मिलती है।

हृदय के लिए फायदेमंद

सरसों के साग के सेवन से शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर घटता है और फोलेट का निर्माण अधिक होता है। इससे कार्डियोवास्कुलर रोगों की आशंका घटती है।

हरा सरसों मेटाबॉलिज्म ठीक रखता है

सरसों के साग में कैलोरी कम होती है और फाइबर अधिक होते हैं जो शरीर की मेटाबॉलिक क्रियाओं को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं। इसके सेवन से पाचन भी अच्छी तरह होता है तथा मेटाबॉलिज्म ठीक रहने से वजन भी  नियंत्रित रहता है।

हड्डियों को मजबूती

सरसों के साग (Sarso saag in Hindi) में कैल्शियम और पोटैशियम अच्छी मात्रा में होते हैं जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। यह हड्डियों से जुड़े रोगों के उपचार में भी फायदेमंद माना जाता है।

आंखों की रोशनी बढ़ाता है

सरसों के साग में विटामिन ए अच्छी मात्रा में होता है जो आंखों की मासंपेशियों को किसी भी तरह की क्षति से बचाता है और आंखों की रोशनी बढ़ाता है।

वजन घटाने वालों के लिए अच्छा

सरसों के साग में डाइटरी फाइबर होने की वजह से आपका मेटाबोलिज्म मैनेज रहता है जिससे आपको सही वजन बनाए रखने में मदद मिलती है।

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अस्थमा मरीजों के लिए अच्छा- इसमें मौजूद विटामिन सी से इन्फ्लैमटोरी पदार्थ हिस्टामिन के टूटने में मदद मिलती है। इसके अलावा मैग्नीशियम से ब्रोन्कियल नलियों (bronchial tubes) और फेफड़ों को आराम मिलता है।

हरा सरसों मेंटल हेल्थ में सुधार करता है

अध्ययनों के अनुसार, रोजाना तीन बार इस हरे पत्तेदार सब्जी को खाने से मेंटल फंक्शन नुकसान को 40 फ़ीसदी तक कम करने में मदद मिलती है। मानसिक रूप से जटिल काम करने वाले लोगों को इस सब्जी का सेवन अवश्य करना चाहिए.

फेफड़ों को स्वस्थ रखता है हरा सरसों

जो लोग तंबाकू या तम्बाकू से बने पदार्थों का सेवन करते हैं उनके शरीर में विटामिन ए की कमी हो सकती है जिससे वातस्फीति (emphysema) का जोखिम हो सकता है। सरसों के साग से फेफड़ों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद मिलती है।

शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है सरसों का साग

सरसों का साग (Sarso saag in Hindi) कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, मैग्नीशियम, आयरन, और कैल्शियम के साथ-साथ विटामिन ए, सी, डी, बी 12 और आयरन से भरपूर होता है। इसके अलावा इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो शरीर से टॉक्‍स‍िन दूर करने के साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाते हैं।

सरसों का साग खाने के नुकसान (Sarso saag khane ke Nuksan) (Side Effects of Mustard leaves in Hindi)

  • सरसों के साग को मक्खन के साथ ही खाना चाहिए, यदि आप बिना मक्खन के सरसों का साग खाएंगे तो, गैस की परेशानी या पाचन संबंधी समस्या हो सकती है। 
  • जिन लोगों को सरसों के साग से अलर्जी होती है उनको इसका सेवन नहीं करना चाहिए.
  • सरसों के साग का ज्यादा मात्रा में सेवन करने से दस्त लगने की समस्या हो सकती है क्योंकि यह पचने में भारी होता है.
  • सरसों का साग ज्यादा मात्रा में खाने से उल्टी आने की समस्या हो सकती है.
  • हरा सरसों अधपका या जला हुआ खाने से भी नुकसान हो सकते है.
  • सरसों के साग का सेवन बहुत ज्यादा मात्रा में नहीं करना चाहिए इससे पेट दर्द की समस्या भी हो सकती है.

नोट: अपने इस लेख के माध्यम से हमने आपको सरसों का साग से होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में बताया है लेकिन इसका किसी भी प्रकार से औषधीय रूप में सेवन करने से पहले आप अपने नजदीकी चिकित्सक से परामर्श अवश्य कर लें।

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