Mooli Radish in Hindi (मूली: जानकारी, खाने के फायदे और नुकसान)

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Mooli Radish in Hindi

Mooli Radish in Hindi / मूली खाने के आश्चर्यजनक फायदे और नुकसान

मूली भारत में प्रचुर मात्रा में पायी जाने वाली एक अपेक्षाकृत सस्ती सब्जी है लेकिन इसके बहुत ही आश्चर्यजनक लाभ हैं। मूली से कई तरह की सब्जियां, सलाद और अचार आदि बनाये जाते हैं। लंबी और पतली-सी दिखने वाली मूली के अनेक फायदे हैं। यह सिर्फ एक सब्जी या सलाद ही नहीं अपितु एक शानदार एक औषधि भी है। कई रोगों के इलाज में मूली के औषधीय गुण से लाभ मिलता है। आयुर्वेद में मूली के बारे में बहुत सारी बातें बताई गई हैं। हम यहाँ आपको मूली के बारे में बहुत सारी बातें बताने जा रहे हैं-

मूली क्या है? (What is Radish in Hindi?)

भारत में मूली (mooli) को सब्जी के साथ-साथ सलाद के रूप में प्रयोग किया जाता है। मूली के नए पत्ते देखने में सरसों के पत्तों जैसे होते हैं। इसके फूल सफेद रंग के होते हैं। फूल दिखने में सरसों के फूलों की तरह ही होते हैं। रंगों के अनुसार, मूली दो प्रकार की होती है।

  • सफेद मूली
  • लाल मूली

इसके बीज और जड़ से सफेद रंग का तेल निकाला जाता है जो कई सारे रोगों में लाभदायक होता है। Mooli Radish in Hindi

विभिन्न भाषाओं में मूली के नाम (Name of Radish in Different Languages)

मूली  का वानस्पतिक नाम रॅफेनस् सेटाइवस (Raphanus sativus Linn) है, और यह ब्रैसिकेसी (Brassicaceae) कुल का पौधा है। मूली को अलग अलग भाषाओं में अलग-अलग नाम से जाना जाता है-

  • Hindi – मूली, मुरई
  • English – रेडिश (Radish)
  • Sanskrit – लघुमूलक, मरुसंभव, चाणक्यमूलक, मूलिका, मूलक, दीर्घकन्दक, मृत्तिकाक्षार, हस्तिदन्त, भूमिकाक्षार, हस्तिदन्तक, दीर्घमूलक, दीर्घपत्तेक, मृक्षार, कन्दमूल
  • Urdu – मूली (Muli), मूलेकेबीज (Mulekebija);
  • Konkani – मूल्लो (Mullo);
  • Kannada – मुखङ्खी (Mukhangkhi), मूलांगी (Mulangi);
  • Gujarati – मुरा (Mura);
  • Tamil – मुल्लंगि (Mullangi), मूलिन्थी (Mulinthhi);
  • Telugu – मुल्लगिं (Mullangi), मूलांगी (Mulangi);
  • Bengali – मूला (Mula), मूली (Muli);
  • Nepali – मूला (Mula), मूलासिंकी (Mulasinki);
  • Punjabi – मूली (Muli), मुंग्रा (Mungra);
  • Marathi – मुला (Mula), मूरी (Muri);
  • Malayalam – मूल्लांगी (Mullangi)।
  • Arabic – फूजल (Fujl), हुजल (Hujal), बोकेल (Bokel), फिडजेल (Fidgel);
  • Persian – तुख (Tukh), तुर्ब (Turb), तुरूप (Turup), तुख्मेतुरूब (Tukhmeturub)

मूली के औषधीय गुण (Medicinal Values of Radish in Hindi)

मूली में अनेक औषधीय गुण हैं जो निम्नलिखित हैं:

हिचकी की परेशानी में मूली के फायदे (Radish Benefits in Relief from Hiccup in Hindi)

मूली (Mooli Radish in Hindi) से राहत दिलाने में भुत लाभकारी होता है। हिचकी दूर करने के लिए आप मूली से बने जूस या मूली का काढा 50-100 मिली की मात्रा में 1-1 घंटे के बाद पिएं। इससे हिचकी की समस्या में लाभ  होता है।

दाद-खाज-खुजली में मूली के औषधीय गुण से लाभ (Benefits of Radish to Treat Ringworm in Hindi)

दाद-खाज-खुजली के इलाज के लिए मूली के बीजों को नींबू के रस में पीस लें। इसे आप प्रभावित अंग पर लगाएं। इससे दाद-खाज-खुजली ठीक होती है।

मूली के सेवन से सूजन का इलाज (Benefits of Radish to Reduce Inflammation in Hindi)

मूली खाने से सूजन की समस्या में भी लाभ मिलता है। सूजन के इलाज के लिए 5 ग्राम तिल के साथ मूली के 1-2 ग्राम बीजों का सेवन करें। ऐसा दिन में दो-तीन बार करने से सूजन ठीक होती है।

आंखों के रोग में मूली फायदेमंद (Radish Benefits to Treat Eye Disorder in Hindi)

आंखों की कई तरह की बीमारियों में मूली के इस्तेमाल से लाभ मिलता है। मूली के रस को काजल की तरह आंखों में लगाने से आंखों की बीमारी ठीक होती है।

कान के रोग में मूली के फायदे (Radish Benefits to Get Relief from Ear Disease in Hindi)

  • मूली और तिल के तेल को कान में 2-2 बूंद डालने से कान का दर्द ठीक होता है।
  • 3 ग्राम मूली क्षार और 20 ग्राम शहद को मिलाएं। इसमें बत्ती भिगोकर कान में रखने से मवाद आना बन्द हो जाता है।
  • मूली के रस को थोड़ा गर्म करें। इसमें मधु, तेल एवं सेंधा नमक मिलाकर कान में डालने से कान के दर्द से आराम मिलता है।
  • मूली कंद के रस या पत्ते के रस से पकाए हुए तिल के तेल को 1-2 बूंद की मात्रा में कान में डालें। इससे कान का दर्द ठीक होता है।

मूली के सेवन से कंठ के रोग का इलाज (Benefits of Radish for Throat Disorder in Hindi)

मूली (Mooli Radish in Hindi) के 5-10 ग्राम बीजों को पीस लें। इसे गर्म जल के साथ दिन में 3-4 बार सेवन करने से कंठ का रोग ठीक होता है। इससे गला साफ होता है।

सांस संबंधी रोग में मूली फायदेमंद (Radish Benefits in Respiratory Disease in Hindi)

  • छाया में सुखाई हुई छोटी मूली का भस्म बना लें। इसे 1 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से सांसों की बीमारी में लाभ होता है। इसके साथ चीनी और गुनगुना हलवा का सेवन करना अधिक गुणकारक होता है।
  • 5 मिली मूली के रस में बराबर मात्रा में मधु और सेंधा नमक मिलाएं। इसका सेवन करने से सांस की नली से संबंधित परेशानी में आराम मिलता है।
  • 500 मिग्रा मूली क्षार में 1 चम्मच शहद मिलाकर दिन में 3-4 बार चाटने से सांसों के रोग में लाभ होता है।
  • मूली से बने जूस या सूखी मूली से बने काढ़ा को 50-100 मिली की मात्रा में सेवन करें। इससे सांसों की बीमारी ठीक होती है।
  • मूली से बने जूस का सेवन करने से भी सांसों के रोग में लाभ होता है।

खांसी की आयुर्वेदिक दवा है मूली (Benefits of Radish to Get Relief from Cough and Cold in Hindi)

  • वात दोष के कारण होने वाली खांसी को ठीक करने के लिए मूली की सब्जी का सेवन करें।
  • छाया में सुखाई हुई छोटी मूली का भस्म बना लें। इसे 1 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से खांसी की बीमारी में लाभ होता है। इसके साथ चीनी और गुनगुना हलवा का सेवन करना अधिक फायदेमंद होता है।
  • कच्ची मूली का जूस बनाकर 10-30 मिली मात्रा में सेवन करने से सर्दी-जुकाम में लाभ होता है।

पाचनतंत्र विकार में मूली के फायदे (Benefits of Radish for Digestive System in Hindi)

पाचनतंत्र को मजबूत बनाने के लिए खाने के बाद मूली का प्रयोग करें। भोजन से पहले खाने पर मूली पचने में अधिक समय लेती है, लेकिन भोजन के बाद भोजन को पचाने में मदद करती है।

एसिडिटी में मूली के औषधीय गुण से लाभ (Benefits of Radish in Fighting with Acidity in Hindi)

  • कोमल मूली को मिश्री में मिलाकर खाएं। इससे एसिडिटी में लाभ मिलता है।
  • मूली के पत्तों के 10-20 मिली रस में मिश्री मिलाकर सेवन करें। इससे एसिडिटी में लाभ होता है।

मूली के सेवन से पेट के दर्द का इलाज (Radish Benefits to Relief form Abdominal Pain in Hindi)

  • मूली के 25 मिली रस में आवश्यकतानुसार नमक मिलाएं। इसके साथ ही तीन-चार काली मिर्च का चूर्ण डालें। इसे 3-4 बार पिलाने से पेट का दर्द ठीक होता है।
  • मूली की सब्जी (mooli ke fayde) का सेवन करना भी पेट के लिए अच्छा होता है।
  • 60 मिली मूली के रस को सुबह सेवन करने से जलोदर रोग में लाभ होता है।

दस्त में मूली का औषधीय गुण फायदेमंद (Benefits of Radish to Stop Diarrhea in Hindi)

दस्त की समस्या में मूली के सेवन से फायदा मिलता है। कोमल मूली से बने 10-30 मिली काढ़ा में 1-2 ग्राम पीपली का चूर्ण मिला लें। इसे पीने से दस्त में आराम मिलता है।

बवासीर की आयुर्वेदिक दवा है मूली (Radish Benefits to Treat Hemorrhoids in Hindi)

  • मूली का 20 मिली रस निकालें, और इसमें 50 ग्राम गाय का घी मिलाकर सेवन करने से बवासीर में लाभ होता है।
  • मूली की सब्जी का सेवन करने से वात दोष के कारण होने वाले बवासीर में लाभ मिलता है।
  • मूली के पत्तों को छाया में सुखाकर पीस लें। इसमे समान मात्रा में चीनी मिलाकर 40 दिन तक 25 से 50 ग्राम की मात्रा में सेवन करें। इससे बवासीर में फायदा होता है।

खूनी बवासीर में मूली के फायदे (Radish Benefits for Piles Treatment in Hindi)

  • मूली कन्दों के ऊपर का सफेद मोटा छिलका उतार लें, और पत्तों को अलगकर रस (radish juice) निकालें। इसमें छह ग्राम घी मिलाकर रोज सुबह-सुबह सेवन करने से खूनी बवासीर में लाभ होता है।
  • इसके साथ ही 10 ग्राम फिटकरी को एक लीटर मूली के पत्ते के रस में उबालें। जब यह गाढ़ा हो जाए तो बेर के समान गोलियां बना लें। एक गोली मक्खन में लपेटकर खाएं। ऊपर से 125 ग्राम दही पिला दें। इससे खूनी बवासीर में फायदा मिलता है।

मूली के औषधीय गुण से मूत्र रोग का इलाज (Benefits of Radish Juice in Urinary Disease in Hindi)

  • जिस रोगी को पेशाब रुक-रुक कर आता है उसे मूली का सेवन करना चाहिए। इसके सेवन से रुक-रुक कर पेशाब आने की बीमारी में लाभ होता है।
  • 10-20 मिली मूली के पत्ते के रस में 1-2 ग्राम कलमी शोरा मिलाकर पीने से भी मूत्र संबंधी विकारों में लाभ होता है।

लकवा की आयुर्वेदिक दवा है मूली (Benefits of Radish Juice for Paralysis in Hindi)

लकवा एक गंभीर बीमारी है। प्रायः ऐसा माना जाता है कि लकवा का पूरी तरह इलाज होना सम्भव नहीं है। लेकिन लकवा में मूली खाना लाभदायक होता है। मूली के 20-40 मिली रस को दिन में तीन बार पीने से लकवा रोग में लाभ होता है।

मूली के सेवन से पीलिया का इलाज (Radish Health Benefits to Treat Jaundice in Hindi)

  • मूली (Mooli Radish in Hindi) के ताजे पत्तों को जल के साथ पीसकर उबालें। इसमें दूध की तरह झाग ऊपर आता है। इसको छानकर दिन में तीन बार पीने से पीलिया रोग में लाभ होता है।
  • मूली की सब्जी का सेवन करने से भी वात दोष के कारण होने वाले पीलिया रोग में फायदा होता है।

पथरी की बीमारी में मूली के सेवन से लाभ (Benefits of Radish for Stone Disease in Hindi)

  • 100 मिली मूली के पत्ते के रस को दिन में तीन बार (30-30 मिली) पीने से पथरी में लाभ होता है तथा पथरी टूट कर पेशाब के रास्ते बाहर निकल जाती है।
  • मूली के पत्तों के 10 मिली रस में 3 ग्राम अजमोदा मिलाएं। इसे दिन में तीन बार पीने से पथरी का उपचार होता है, और पथरी पेशाब के रास्ते बाहर निकल जाती है।
  • मूली के बीजों को 1 से 6 ग्राम तक दिन में तीन से चार बार खाने से भी पथरी रोग में फायदा होता है। मूत्राशय से पथरी निकल जाती है।

लिंग के तनाव (पेनिस में तनाव) की कमी में मूली के सेवन से लाभ (Radish Benefits for Erectile Dysfunction in Hindi)

अगर सेक्स के दौरान लिंग में तनाव नहीं रहता, या लिंग के तनाव में कमी आ गई है तो ऐसे में मूली (Mooli Radish in Hindi) आपके लिए बहुत कारगर हो सकती हैं।

इसे भी पढ़ें: प्याज खाने के फायदे और नुकसान

मूली के बीजों को तेल में उबाल (खौला) लें। इस तेल से लिंग (पेनिस) पर मालिश करें। इससे लिंग के ढीलेपन की बीमारी ठीक होती है।

मूली से कुष्ठ रोग का इलाज (Benefits of Radish in Fighting with Leprosy in Hindi)

कुष्ठ रोग को ठीक करने के लिए मूली के 10-20 ग्राम बीज को बहेड़ा के पत्ते के रस में पीस लें तथा इसे प्रभावित अंगों पर लगाएं। इस उपाय से कुष्ठ रोग का इलाज होता है। अधिक लाभ के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर सलाह लें।

मासिक धर्म विकार की आयुर्वेदिक दवा है मूली (Benefits of  Radish in Menstrual Disorder in Hindi)

महिलाओं को बराबर मासिक धर्म संबंधी विकार के कारण परेशानी होती है। मासिक धर्म विकार में मूली बीजों के चूर्ण को 3 ग्राम की मात्रा में पिएं। इससे मासिक धर्म संबंधी विकार ठीक होता है।

सूजाक में मूली के सेवन से फायदा (Radish Benefits for Gonorrhea Treatment in Hindi)

मूली को चार टुकड़ा कर लें। इन पर छह ग्राम भूनी फिटकरी डालें। इन्हें रात में ओस में रख दें। सुबह मूली को खा लें, और मूली के ऊपर से जो पानी निकलता है, उसे पी लें। इससे सूजाक रोग में लाभ होता है।

एनीमिया के इलाज में मूली फायदेमंद (Benefits of Radish for Anemia Treatment in Hindi)

  • मूली के पत्ते सहित मूली के रस को निकाल लें। इसे दिन में तीन बार 20-20 मिली की मात्रा में पीने से एनीमिया रोग में लाभ होता है।
  • इसी तरह 70 मिली मूली के रस में 40 ग्राम चीनी मिलाकर पीने से एनीमिया रोग में फायदा होता है।
  • मूली के पत्ते के रस (60 मिली) में 15 ग्राम खांड मिलाकर पीने से भी एनीमिया की बीमारी ठीक होती है।

ग्रन्थि विसर्प (एक तरह का रैशेज) रोग में मूली का फायदा (Radish Benefits to Cure Erysipelas in Hindi)

ग्रंथि विसर्प रोग में पैर, मुंह, हाथों या अंगुलियों की त्वचा पर रैशेज हो जाते हैं। इसके लिए मूली को पीसकर कुछ गर्म कर लें। इसका लेप करने से ग्रन्थि विसर्प में लाभ होता है।

किडनी विकार में मूली के सेवन का फायदा (Benefits of Radish for Kidney Disorder in Hindi)

  • किडनी की खराबी के कारण अगर पेशाब बनना बंद हो जाए तो 20-40 मिली मूली के रस (radish juice) को दिन में दो-तीन बार पीने से बहुत लाभ होता है।
  • 120 मिली मूली के रस में 10 ग्राम कलमी शोरा को मिलाकर सुखा दें। इसकी 500 मिग्रा की गोलियां बना लें। इसकी 1-2 गोली दिन में दो बार सेवन करें।

लीवर या तिल्ली विकार में मूली के सेवन से फायदा (Radish Benefits for Liver and Spleen Disorder in Hindi)

  • मूली के चार टुकड़ों को चीनी मिट्टी के बरतन में रखें। ऊपर से छह ग्राम पिसा नौसादर छिड़ककर रात को ओस में रखें। सुबह जो पानी निकले, उसको पीकर ऊपर से मूली के टुकड़े खा लें। इससे लीवर और तिल्ली से संबंधित विकारों में लाभ होता है।
  • इसके लिए एक ग्राम मूली बीजों को पीसकर सुबह शाम खाने से भी लिवर और तिल्ली की बीमारी में लाभ होता है।

मूली के उपयोगी भाग (Useful Parts of Radish in Hindi)

मूली (Mooli Radish in Hindi) के इन भागों का इस्तेमाल किया जाता है:

  • मूली की जड़
  • मूली के पत्ते
  • मूली की बीज
  • मूली की फली

मूली खाने के लाभ (Mooli khane ke fayde) (Benefits of Radish in Hindi)

सलाद में मूली बहुत पसंद की जाती है तो इसके परांठे और सब्जी के कद्रदानों की भी कमी नहीं है। अगर आप मूली को देखकर मुंह बनाते हैं तो इसके फायदे जानना आपके लिए बेहद जरूरी है।

कैंसर रिस्क कम करने में

मूली में phytochemicals and anthocyanins नामक तत्व पाए जाते हैं जो कैंसर के रिस्क को कम करते हैं। वहीं इसमें मौजूद विटामिन सी एंटीऑक्सि‍डेंट की तरह काम करता है।

ब्लड प्रेशर को नियमित करने में

मूली में anti-hypertensive गुण पाया जाता है जो उच्च रक्चाप को नियंत्रित करने में सहायक होता है। मूली में पर्याप्त मात्रा में पोटैशियम भी होता है जो शरीर में सोडियम-पोटैशियम के अनुपात को बैलेंस करते हुए ब्लड प्रेशर बिगड़ने नहीं देता।

मधुमेह के मरीजों के लिए

मूली में पर्याप्त मात्रा में फाइबर मौजूद होता है। वहीं इसमें मौजूद तत्व इंसुलिन को नियंत्रित करने का काम करते हैं। मूली से शुगर लेवल बढ़ता नहीं है, जिसकी वजह से यह मधुमेह पीड़ितों के लिए भी अच्छी होती है।

सर्दी और खांसी के इलाज में

अगर आपको हमेशा ही सर्दी और खांसी की शिकायत बनी रहती है तो आपको अपनी डाइट में मूली शामिल करने की जरूरत है। मूली में anti-congestive गुण पाए जाते हैं जो कफ को खत्म करने में सहायक होते हैं।

किडनी को स्वस्थ रखने में

मूली में diurectic गुण पाया जाता है जो किडनी के स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है और शरीर से विषैले तत्वों को निकालने में भी कारगर होता है। इस वजह से मूली को नेचुरल क्लींजर भी कहा जाता है। Mooli Radish in Hindi

मूली खाने के नुकसान (Mooli khane ke Nuksan) (Side Effects of Radish in Hindi)

जहाँ मूली खाने के इतने सारे फायदे हैं तो इसके कुछ नुकसान भी हैं जिसका आपको हमेशा ध्यान रखना चाहिए।

  • जहां एक ओर मूली खाने के फायदे हैं। लेकिन इसका सेवन अगर गलत चीज के साथ किया गया तो आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। जानिए किन चीजों के साथ न करें इसका सेवन।
  • मछली के साथ मूली का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • अगर आपने मूली खाई हैं तो करीब 2 घंटे बाद दूध पिएं।
  • चने के साथ मूली का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।
  • अगर आपको गले में सूजन, दर्द और शरीर में सूजन की समस्या है तो आपको मूली का सेवन नहीं करना चाहिए।

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