LASER Full Form (Light Amplification by Stimulated Emission of Radiation)

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LASER Full Form

LASER Full Form in Hindi, LASER: Light Amplification by Stimulated Emission of Radiation (विकिरण के उत्सर्जन से प्रेरित प्रकाश प्रवर्धन)

LASER का फुल फॉर्म है “Light Amplification by Stimulated Emission of Radiation” यानि हिंदी में कहें तो “विकिरण के उत्सर्जन से प्रेरित प्रकाश प्रवर्धन”. LASER एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण (LASER Full Form) है जो प्रकाश उत्पन्न करता है. यह वास्तव में एक विद्युत चुम्बकीय विकिरण है. यह विद्युत चुम्बकीय विकिरण ऑप्टिकल प्रवर्धन के माध्यम से किया जाता है. अगर आसान शब्दों कहा जाये तो एक लेजर एक Tool है जो Electromagnetic Radiation के उत्तेजित उत्सर्जन के आधार पर Optical Amplification की प्रक्रिया के माध्यम से Light Emit करता है.

LASER किरण का एक प्रकार

LASER का इतिहास

LASER की पहली सैद्धांतिक नींव 1917 में अल्बर्ट आइंस्टीन द्वारा रखी गई थी लेकिन पहला लेजर 1960 में Theodore H.Maiman द्वारा Hughes प्रयोगशाला में बनाया गया था. यह Charles Hard Townes और Arthur Leonard Schawlow द्वारा दिए गए सिद्धांत पर आधारित था.

LASER की उपयोगिता

LASER का उपयोग (LASER Full Form) कैंसर के उपचार में, ह्रदय की धमनियों में रक्त जमने से उत्पन्न अवरोध को दूर करने में, आँख से मोतियाबिंद निकालने में, शरीर के आन्तरिक अंगों के घाव या सुजन को ठीक करने में, नेत्र दृष्टिदोष दूर करने में, शरीर में पथरी रोग के निवारण में, त्वचा के दाग धब्बो को दूर करने आदि में किया जाता है.

LASER के प्रकार

विभिन्न प्रयोजनों के लिए LASER के अलग अलग प्रकार होते हैं जो निम्नलिखित हैं:

सॉलिड स्टेट लेसर (Solid State LASER)

इस तरह के लेसर का उपयोग ठोस अवस्था में सामग्री को सक्रिय माध्यम के रूप में किया जाता है. ठोस सामग्री Ruby, Neodymium-yag (yttrium aluminum garnet) आदि हो सकती है.

गैस लेजर (Gas LASER)

गैस लेजर में हीलियम और नियोन का मिश्रण होता है. इस मिश्रण को एक ग्लास ट्यूब में पैक किया जाता है. गैस लेजर सक्रिय माध्यम के रूप में कार्य करता है. इसे हम Argon या Krypton या Xenon को माध्यम के रूप में Use कर सकते हैं. CO2 और Nitrogen Laser भी बनाया जा सकता है.

डाई या तरल लेजर

डाई या तरल लेजर को Organic घोल जैसे Rhodamine 6G को Liquid घोल में या Suspension को Glass Tube के अंदर सक्रिय माध्यम के रूप में Use किया जाता है.

एक्सिसिम लेसर

एक्सिसिम लेसर में Dimer Chlorine और Fluorine जैसी प्रतिक्रियाशील गैसों का Use किया जाता है जो Argon या Krypton या Xenon जैसी Inert Gases के साथ मिश्रित होते हैं. ये लेसर Ultraviolet Range में प्रकाश उत्पन्न करते हैं.

रासायनिक लेसर

एक रासायनिक लेजर (LASER Full Form) रासायनिक प्रतिक्रिया से अपनी ऊर्जा प्राप्त करता है. उदाहरण के लिये – Chemical oxygen Iodine Laser (COIL), सभी Gas Phase Iodine Laser (AGIL), और Hydrogen Fluoride Laser, Deuterium Fluoride Laser आदि हैं.

सेमीकंडक्टर लेजर

सेमीकंडक्टर लेजर में Junction Diode का Use किया जाता है. Semiconductor स्वीकृतकर्ताओं और दाताओं दोनों द्वारा Dope किया जाता है. इन्हें Injection Laser Diode के रूप में जाना जाता है. जब भी Current पास होता है, Output पर Light देखी जा सकती है.

लेजर तकनीक का उपयोग कैसे किया जाता है?

लेज़र उन कई उत्पादों के प्रमुख घटक होते हैं जिनका हम हर दिन उपयोग करते हैं. ब्लू-रे और डीवीडी में भी डिस्क से जानकारी पढ़ने के लिए लेजर तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है. बार कोड स्कैनर सूचना प्रसंस्करण के लिए लेजर का उपयोग करते है. लेजर का उपयोग कई सर्जिकल प्रक्रियाओं जैसे कि LASIK नेत्र शल्य चिकित्सा में भी किया जाता है. लेजर का उपयोग निर्माण में, सामग्रियों की एक विस्तृत श्रृंखला को काटने, उत्कीर्णन, ड्रिलिंग और अंकन के लिए भी किया जाता है.

लेसर किरणों की विशेषताएँ (Characteristics of LASER)

  • लेज़र किरणें पूर्णतः कला-सम्बद्ध (perfectly coherent) होती हैं। इस बात को यंग के व्यतिकरण प्रयोग में लेसर प्रकाश का प्रयोग करके प्रदर्शित किया जा सकता है । यदि हम यंग की दुहरी स्लिट को लेसर के सामने रखें तो व्यतिकरण प्रतिरूप दिखाई देता है, परन्तु प्रतिरूप में फिन्जों की चौड़ाई बहुत कम होती है।
  • लेज़र किरणें एकवर्णी (monochromatic) होती हैं।
  • लेसर किरणें दिशात्मक (directional) होती हैं, अतः इनका किरण-पुंज बहुत संकीर्ण (narrow) होता है।
  • लेज़र किरणें बिना अवशोषित हुए अत्यधिक दूरी तक जा सकती हैं। जल में इनका अवशोषण नहीं होता।

इसे भी पढ़ें: MASER का फुल फॉर्म क्या है?

  • लेज़र किरणें लेसर(About Laser full form) का प्रकाश बहुत ही तीव्र (intense) होता है। लेसर प्रकाश के उपयोग से रमन रेखाएँ (Raman lines) आँखों द्वारा देखी जा सकती हैं।
  • लेज़र किरणें क्षण भर में कठोर से कठोर धातु को पिघलाकर वाष्पीकृत कर देती हैं।
  • लेज़र किरणें लेसर प्रकाश के रंग को बदला जा सकता है। जब लाल रंग के लेसर प्रकाश को क्वार्ट्स क्रिस्टल की पट्टियों से गुजारा जाता है तो निकलने वाले लेसर प्रकाश का रंग बदल जाता है।

लेसर के उपयोग (Uses of LASER)

लेसर किरणें (LASER Full Form) अत्याधिक संकीर्ण, तीव्र, समान्तर, एकवर्णीय तथा उच्च कला-सम्बद्ध होता है। अतः इसका उपयोग अनेक क्षेत्रों में किया जाता है। कुछ प्रमुख उपयोग निम्नलिखित हैं:

  • तकनीकी क्षेत्र में लेसर बीम का उपयोग स्टील की चादरों को काटने तथा अत्यन्त कठोर पदार्थों में छिद्र करने में होता है। लेसर(laser ka full form) बीम से हीरे में छिद्र करके, अत्यन्त पतले तार खींचे जाते हैं जिनका उपयोग केबिल्स में किया जाता है। लेसर बीम से धातुओं की छड़ों को गलाकर जोड़ा जा सकता है (लेसर वैल्डिंग)।
  • चिकित्सा विज्ञान में लेसर बीम का उपयोग सूक्ष्म शल्य क्रिया (micro-surgery) में किया जाता है, जैसे कॉर्निया ग्राफ्टिग (cornea grafting) में। साधारण प्रकाश से इस क्रिया में लगभग आधा सेकण्ड लगता है जबकि लेसर बीम से केवल 10^-4 सेकण्ड।
  • लेसर का उपयोग गुर्दे की पथरी, कैन्सर तथा ट्यूमर के उपचार में तथा मस्तिष्क के ऑपरेशन में सूक्ष्म रक्त पिण्डों को जमाने व काटने में किया जाता है।
  • युद्ध क्षेत्र में लेसर का उपयोग (LASER Full Form) शत्रु के प्रक्षेपास्त्रों का पता लगाने तथा उन्हें नष्ट करने में किया जाता है। अब लेसर-राइफल, लेसर-पिस्टल तथा लेसर-बम भी बनने लगे हैं। इसकी सहायता से रात्रि में शत्रु को देखा जा सकता है. अन्तरिक्ष में लेसर का उपयोग रॉकेट तथा उपग्रहों को नियन्त्रित करने में तथा दिशात्मक रेडियो संचार में किया जाता है।
  • विज्ञान तथा अनुसंधान कार्यों में लेसर बहुत उपयोगी है। इसका उपयोग माइकेल्सन-मोरले प्रयोग में किया गया है जिससे आइन्स्टीन का सापेक्षिकता सिद्धान्त सिद्ध होता है। इसकी सहायता से प्लाज्मा का ताप तथा इलेक्ट्रॉन का घनत्व आदि ज्ञात किया जा सकता है। लेसर-टॉर्च से बहुत दूर की वस्तुओं को देखा जा सकता है
  • फोटोग्राफी में लेसर की सहायता से त्रिविमी फोटोग्राफी अर्थात् होलोग्राफी (holography) की जाती है।
  • संलयन रिऐक्टर में लेसर किरणों द्वारा अति उच्च ताप उत्पन्न किया जाता है।
  • बहुत बड़ी दूरियाँ नापने में भी लेसर किरणों का उपयोग किया जाता है क्योंकि लेसर किरणें अति समान्तर होती हैं। पृथ्वी से चन्द्रमा को दूरी इसी विधि से नापी गई है।

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