Dhaniya Coriander in Hindi (धनिया: जानकारी, खाने के फायदे और नुकसान)

Ad:

http://www.hindisarkariresult.com/dhaniya-coriander-in-hindi/
Dhaniya Coriander in Hindi

Dhaniya Coriander in Hindi / धनिया खाने के आश्चर्यजनक फायदे और नुकसान

धनिया का प्रयोग सब्जियों को गार्निश करने, चटनी बनाने और कुछ अन्य पकवानों में स्वाद और सुगंध लाने के लिए किया जाता है लेकिन इसके फायदे जानकर आप भी हैरान रह जायेंगे. यह डायबिटीज, पाचन, किडनी, एनीमिया, और आंखों के लिए बेहद फायदेमंद होती है. भारतीय भोजन में धनिया पत्ती का इस्तेमाल मुख्यरूप से खाने को सजाने के लिए किया जाता है. कुछ लोग इसका इस्तेमाल किसी दूसरी सब्जी के साथ मिलाकर सब्जी बनाने में भी करते हैं. धनिया की पत्ती को चटनी के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है.

धनिया (Dhaniya Coriander in Hindi) पाचन शक्ति बढ़ाने, कोलेस्ट्रॉल लेवल मेंटेन करने, डाइबिटीज किडनी के साथ अन्य कई रोगों में असरदार साहित होता है. इसमें प्रोटीन, वसा, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, और मिनरल होते हैं जो इसे बहुत ही उपयोगी साग बनाते हैं. इसके अलावा हरे धनिया में कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, कैरोटीन, थियामीन, पोटोशियम और विटामिन सी भी पाया जाता हैं. तमाम व्यंजनों में धनियाका प्रयोग खाने को स्वादिष्ट और खूशबूदार बनाने के लिए किया जाता है. धनिये का सिर्फ स्वाद ही बेहतरीन नहीं होता बल्कि ये एक बहुत ही औषधीय पौधा भी है जो कई गुणों से युक्त है. इसके सेवन से कई रोगों से छुटकारा मिल सकता है. यहां हम धनिया के बेहद ही लाभदायक औषधीय गुणों के बारे में बताने जा रहे हैं:

धनिया क्या है? (What is Green Coriander in Hindi?)

धनिया एक मसाला होने के साथ-साथ एक औधषि भी है। सम्पूर्ण भारत में हर घर में धनिए के सूखे फलों का प्रयोग मसाले के तौर पर और धनिये की हरी पत्तियों का प्रयोग सब्जियों को गार्निश करने में किया जाता है।

अन्य भाषाओं में धनिया के नाम (Name of Coriander (Dhaniya) in Different Languages)

धनिया का वानस्पतिक नाम  कोरिएण्ड्रम सैटाइवम (Coriandrum sativum Linn., Syn-Coriandrum majus Gouan) है, और यह एपिएसी (Apiaceae) कुल से है। अलग-अलग भाषाओँ में इसे निम्नलिखित नामों से जाना जाता हैः-

  • हिंदी में- धनियां
  • संस्कृत में-  धान्यक, धाना, कुस्तुम्बुरु, वितुन्नक, छत्रा, धान्यक, धान्या, धानी, धानेयक, छत्रधन्य, धन्याक, धनिक, धनेयक, धनक, धान्यबीज, धेन्निका, जनप्रिय, शाकयोग्य, सुगन्धि, सूक्ष्मपत्र, वेधक, वेषण, बीजधान्य
  • अंग्रेजी में-  चाइनीज पार्सले (Chinese parsley), कोरिएन्डर (Coriander) 
  • कोंकणी में-  कोटबोर (Kotbor)
  • कन्नड़ में-  कोथांबरी (Kothambari), हविज (Havija)
  • गुजराती में-  धाना (Dhana), कोथमीरी (Kothmiri)
  • तमिल में-  कोटमल्लि (Kotamalli), कोतमल्ली (Kothmalli)
  • तेलगु में- कोत्तिमिरि(Kotimiri), धनियलु (Daniyalu)
  • बंगाली में-  धाने (Dhane)
  • नेपाली में-  धनियां (Dhaniya)
  • मराठी में-  धानया (Dhanya), कोथिमीर (Kothimir)
  • अरबी में-  कजबुरा (Kuzbura), कुजबरह (Kuzbarah)
  • फारसी में-  काश्नीज (Kashniz)

धनिया खाने के लाभ (Dhaniyakhane ke fayde) (Benefits of Green Coriander in Hindi)

डायबिटीज में फायदेमंद

धनिया को ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए रामबाण माना जाता है. डाइबिटीज रोगियों के लिए धनिया किसी जड़ी-बूटी से कम नहीं है. इसके नियमित सेवन से ब्लड में इंसुलिन की मात्रा को कंट्रोल किया जा सकता है.

किडनी रोगों में असरदार

कई शोधों में सामने आया है कि धनिया आपकी किडनी के लिए फायदेमंद होता है. धनिया में कई ऐसे तत्व होते हैं जो किड़नी के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकते हैं.

पाचन शक्ति बढ़ाने में कारगर

धनिया (Dhaniya Coriander in Hindi) न सिर्फ पेट की समस्याओं को दूर करने में फायदा देता है बल्कि यह आपकी पाचन शक्ति को बढ़ाने में भी लाभकारी हो सकता है. पेट की समस्याओं जैसे पेट में दर्द होने पर आधा गिलास पानी में दो चम्मच धनिया डालकर पीने से पेट दर्द से राहत मिल सकती है.

कोलेस्ट्रॉल को करता है कम

धनिया न सिर्फ खाने को महक देता है बल्कि यह आपके कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में फायदेमंद हो सकता है. हरे धनिये में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकते हैं. इसके लिए कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित व्यक्ति को धनिया के बीजों को उबालकर इसके पानी को पीना फायदेमंद होता है.

एनीमिया से दिलाए राहत

धनिया आपके शरीर में खून को बढ़ाने में तो फायदेमंद होता ही है साथ ही यह आयरन से भरपूर होता है. इसलिए यह एनीमिया को दूर करने में फायदेमंद हो सकता है. साथ ही एंटी ऑक्‍सीडेंट, मिनरल, विटामिन ए और सी से भरपूर होने के कारण धनिया कैंसर से भी बचाव करता है.

आंखों की रोशनी बढ़ाएं

हरे धनिये में विटामिन ए भरपूर मात्रा में होता है जो आंखों के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. रोजाना हरे धनिये का सेवन करने से आंखों की रोशनी बढाने में मदद मिल सकती है.

इसके अलावा हरे धनिया के कुछ विशेष गुण निम्नलिखित हैं:

  • ये स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाले कोलेस्ट्रॉल को कम करने और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद करता है.
  • पाचन तंत्र के लिए भी ये विशेष रूप से फायदेमंद है. ये लीवर की सक्रियता को बढ़ाने में मदद करता है.
  • डायबिटीज के मरीजों के लिए भी ये काफी फायदेमंद होता है. ये ब्लड शुगर के लेवल को नियंत्रित करने का काम करता है.
  • इसमें मिलने वाले फाइटोन्यूट्रिएंट्स रेडिकल डैमेज में सुरक्षा प्रदान करने का काम करते हैं.
  • इसमें मौजूद विटामिन के अल्जाइमर की बीमारी में फायदेमंद होता है.
  • धनिया पत्ती में anti-inflammatory गुण पाया जाता है. जिसकी वजह से ये अर्थराइटिस में भी बहुत उपयोगी होता है.
  • मुंह के घाव को ठीक करने में भी ये काफी कारगर होता है. इसमें मौजूद एंटी-सेप्ट‍िक गुण मुंह के घाव को जल्दी भरने का काम करता है.
  • नर्वस सिस्टम को सक्रिय बनाए रखने में भी धनिया की पत्ती काफी फायदेमंद होती है.
  • त्वचा संबंधी कई रोगों जैसे पिंपल्स होने की समस्या, ब्लैकहेड्स और सूखी त्वचा में इसके इस्तेमाल से काफी फायदा होता है.
  • हरी धनिया (Dhaniya Coriander in Hindi) को सुबह के वक्त पानी में उबालकर, छान लें. इस पानी को सुबह खाली पेट पीने से पेट की पथरी यूरीन के माध्यम से निकल जाती है.

धनिया के औषधीय गुण (Medicinal Values of Coriander in Hindi)

धनिया पाउडर

धनिया में निम्नलिखित औषधीय गुण पाए जाते हैं:

अत्यधिक प्यास लगने पर धनिया के सेवन से लाभ (Coriander Benefits in Excessive Thirsty Problem in Hindi)

  • अगर आपको अत्यधिक प्यास लगती है, तो धनिया के पानी में मधु, और मिश्री मिलाकर पीने से पित्त के कारण लगने वाली प्यास मिटती है।
  • इसी तरह, 175 ग्राम धनिया के पेस्ट को, 1 लीटर पानी में मिला लें। इसे रात भर छोड़ कर सुबह छान लें। इसमें 100 ग्राम मिश्री, तथा 100 ग्राम मधु मिला लें। इसे 10-15 मिली की मात्रा में पीने से लाभ होता है।
  • इसके अलावा, 10-20 मिली धनिए के काढ़ा में चीनी मिलाकर पीने से प्यास, और जलन शांत होती है।
  • बराबर-बराबर मात्रा में धनिया आंवला, वासा, मुनक्का तथा पित्तपापड़ा लें। इनका चूर्ण बना लें। 25 ग्राम चूर्ण को 200 मिली पानी में रात भर भिगो दें। इसे सुबह-शाम छानकर, मिश्री मिला लें। इसे पीने से प्यास मिटती है, और मुंह के सूखने की परेशानी में लाभ होता है।

बच्चों की खांसी में धनिया के फायदे (Benefits of Coriander Seeds in Fighting with Cough in Children’s in Hindi)

बच्चों को खांसी होने पर चावल के पानी में, 10-20 ग्राम धनिया को घोंट लें। इसमें चीनी मिलाकर सुबह, दोपहर, तथा शाम को पिलाना है। इससे बच्चों की खांसी, और दमे में लाभ होता है।

खांसी से आराम पाने के लिए धनिया का प्रयोग (Coriander Seeds Benefits in Fighting with Cough in Hindi)

अदरक का रस 10 मिली, गुड़ 10 ग्राम, धनिया 5 ग्राम, अजवायन 5 ग्राम लें। इनके साथ ही, काला जीरा 5 ग्राम, दालचीनी 5 ग्राम, इलायची, तथा मोथा 5-5 ग्राम लें। इनका गाढ़ा काढ़ा बना लें। काढ़ा की 2-4 ग्राम की मात्रा सेवन करें। इससे खांसी, बुखार, बवासीर, टीबी आदि बीमारी में लाभ होता है।

धनिया का सेवन भूख बढ़ाने के लिए (Coriander Benefits for Increasing Appetite in Hindi)

  • रात भर पानी से भिगोए हुए धनिया के बीजों को, छिलका रहित होने तक अच्छी तरह धो लें। इन बीजों को सुखाकर, भून लें। इसमें मरिच, हल्दी, सेंधा नमक, तथा नींबू के रस को मिला लें। इसे थोड़ी मात्रा में लेकर चबाने से भूख बढ़ती है।
  • धनिया (Dhaniya Coriander in Hindi) से बने काढ़ा का सेवन करने से आंतों के रोग में लाभ मिलता है। धनिया के सूखे फलों से बने काढ़ा का सेवन करने से पित्तज-विकार, कंठ की जलन, उल्टी में लाभ मिलता है।

धनिया के प्रयोग से ठीक होती है पाचन-शक्ति (Coriander Powder Benefits for Digestive System in Hindi)

  • धनिया से बने काढ़ा में दूध, एवं चीनी मिला लें। इसे पीने से पाचनतंत्र के विकार में फायदा होता है।
  • धनिया, लौंग, सोंठ, तथा निशोथ को बराबर-बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। इसे गर्म पानी के साथ 2-2 ग्राम, सुबह-शाम सेवन करें। इससे पाचन-शक्ति ठीक रहती है।
  • धनिया, तथा सोंठ से बने 20 मिली काढ़ा में एरंड मूल का चूर्ण (1 ग्राम) मिला लें। इसे दिन में दो बार पिलाने से भोजन ठीक से पचता है।
  • बराबर-बराबर मात्रा में धनिया, और सोंठ का काढ़ा बना लें। इसे 20-30 मिली मात्रा में सुबह-शाम पीने से पाचन-शक्ति बढ़ जाती है।

धनिया के फायदे पेट की गैस में (Benefits of Coriander Seeds in Acidity in Hindi)

  • पेट में गैस होने पर 10-15 मिली धनिया तेल का सेवन करने से आराम मिलता है।
  • धनिया, और सोंठ का काढ़ा पीने से पेट दर्द, और अनपच ठीक होती है।

धनिया के फायदे पेट दर्द में (Coriander Powder Benefits in Treating Abdominal Pain in Hindi)

  • पेट दर्द में 2 ग्राम धनिया चूर्ण को, 5 ग्राम मिश्री के साथ मिला लें। इसे दिन में दो-तीन बार देने से गर्मी से होने वाले पेट दर्द में लाभ होता है।
  • 5 ग्राम धनिया (Dhaniya Coriander in Hindi) को 100 मिली पानी में रात में भिगो लें। इसे सुबह मसलकर, छानकर रखें। इस पानी को बच्चों को पिलाने से पेट दर्द में लाभ होता है।
  • 10-20 मिली धनिया का जूस को 10 मिली सिरके में मिलाकर लगाने से पेट दर्द ठीक हो जाता है।

धनिया के सेवन से कब्ज में फायदा (Coriander Benefits in Fighting with Constipation in Hindi)

कब्ज में फायदे के लिए, 20 ग्राम धनिया, तथा 120 मिली पानी को मिट्टी के बरतन में डालकर, रात भर रहने दें। सुबह इसे छानकर, 13 ग्राम खांड डाल लें। इसे थोड़ा-थोड़ा पीने से कब्ज में लाभ मिलता है।

आंखों से पानी बहने पर धनिया का इस्तेमाल (Benefits of Coriander Seeds for Eye Disease in Hindi)

20 ग्राम धनिया को कूटकर, एक गिलास पानी में उबाल लें। इस पानी को कपड़े से छान लें। इसे एक-एक बूंद आंखों में डालने से आंख के रोग जैसे- आंखोंं में होने वाली दर्द, आंखों से पानी बहने की परेशानी में फायदा होता है।

धनिया के फायदे आंखों के दर्द में (Coriander Seeds Beneficial in Eye Pain in Hindi)

  • धनिया का जूस को बकरी के दूध में मिला लें। इसे आंख में एक-एक बूंद डालने से, आंखों का दर्द ठीक हो जाता है।
  • धनिया बीज, और जौ को बराबर-बराबर लेकर पीस लें। इसका गाढ़ा लेप बना लें। इसे आंखों पर बांधने से आंख के दर्द ठीक हो जाते हैं।
  • धनिया के 20-25 ग्राम ताजे पत्तों को पीस लें। इसमें चने का आटा मिलाकर लेप करने से आंखों के दर्द ठीक होते हैं।
  • आंखों में जलन होने पर धनिया के पत्तों की चटनी बनाकर खाने से आराम मिलता है।

आंखों की सूजन में धनिया का उपयोग (Coriander Beneficial in Eye Inflammation in Hindi)

  • 20 ग्राम धनिया को 400 मिली पानी में उबालें। जब यह एक चौथाई बचे, तो इससे आंखों को धोएं। इससे आंख की सूजन, और दर्द में फायदा होता है।
  • 10-20 ग्राम धनिया, या इसकी 20-30 हरी पत्तियों को पीस लें। इससे चेहरे पर लगाने से आंखों के रोग में लाभ होता है।

नाक से खून बहने पर धनिया से फायदा (Benefits of Dhaniya in Nasal Problem in Hindi)

धनिया (Dhaniya Coriander in Hindi) के 20 ग्राम पत्तों को पीस लें। इसमें थोड़ा-सा कपूर मिला लें। इसे 1-2 बूंद नाक में डालने से, और सिर पर मलने से, नाक से खून बहना (नकसीर) बंद हो जाता है।

सांसों से बदबू (हैलिटोसिस) आने की समस्या में धनिया से लाभ (Coriander Benefits for Halitosis in Hindi)

सांसों की बदबू की परेशानी में 5-10 ग्राम धनिया को नियमित रूप से चबाएं। इससे सांसों से आने वाली बदबू मिटती है।

सिर दर्द से आराम पाने के लिए धनिया का उपयोग (Benefits of Coriander Seeds  in Headache in Hindi)

  • बराबर-बराबर मात्रा में धनिया, और आंवला को रात भर पानी में भिगोकर, सुबह पीसें, और छान लें। इसमें मिश्री मिलाकर पीने से गर्मी से होने वाले सिर दर्द में आराम मिलता है।
  • धनिया का गाढ़ा काढ़ा बना लें। इसे 6 ग्राम की मात्रा में रोज सेवन करें। इससे सिर दर्द में आराम होता है।
  • धनिया के बीजों (coriander seeds) को पीसकर सिर में लेप करने से लाभ होता है।

धनिया के इस्तेमाल से कंठ रोग में लाभ (Coriander Seeds Benefits for Throat Disorder in Hindi)

कंठ के रोग में 10-20 ग्राम धनिया को पीसकर, जौ के सत्तू में मिलाकर कंठ पर लगाएं। इससे कंठ के रोग ठीक हो जाते हैं।

इसे भी पढ़ें: हरा पुदीना खाने के आश्चर्यजनक फायदे और नुकसान

धनिया के 5-10 ग्राम बीजों को दिन में दो-तीन बार चबाने से कंठ का दर्द ठीक हो जाता है। [Go to: Benefits of Coriander]

धनिया का प्रयोग कर गंजेपन की समस्या में फायदा (Dhaniya Powder benefits in baldness in hindi)

गंजेपन की समस्या के इलाज के लिए धनिया के 100 ग्राम चूर्ण (dhaniya powder) को, 100 मिली सिरका के साथ पीसकर, सिर पर लेप करें। इससे गंजेपन में लाभ होता है।

त्वचा रोग (पित्ती उछलना) में धनिया के फायदे (Coriander Benefits for Skin Disease in Hindi)

त्वचा रोग, जैसे- शरीर में पित्ती उछलने पर, धनिया के पत्तों के रस (coriander juice) को शहद के साथ मिलाकर लगाना चाहिए।

उल्टी रोकने के लिए धनिया का प्रयोग (Uses of Dhaniya in Vomiting in Hindi)

धनिया (Dhaniya Coriander in Hindi) को अनार आदि अम्ल द्रव्य, और नमक के साथ पीस लें। इसे थोड़ी-थोड़ी देर पर खाने से उल्टी रुक जाती है।

धनिया के सेवन से गर्भावस्था की उल्टी का इलाज (Dhaniya Beneficial for Vomiting in Pregnancy in Hindi)

  • धनियाके 30-40 मिली काढ़े में, 10 ग्राम मिश्री, और चावल का पानी 20 मिली मिला लें। इसे थोड़ा-थोड़ा पिलाने से गर्भवती महिलाओं को होने वाली उल्टी बंद हो जाती है।
  • धनिया, सोंठ, तथा नागरमोथा को समान मात्रा में लेकर काढ़ा बना लें। 10-30 मिली काढ़ा में मिश्री मिलाकर, गर्भवती स्त्री को पिलाने से उल्टी ठीक हो जाती है। इससे अन्य लोगों को भी लाभ मिलता है।

उल्टी और दस्त में धनिया के फायदे (Coriander Seeds Benefits for Vomiting and Diarrhea in Hindi)

  • दस्त में फायदे के लिए 10 ग्राम भुना हुआ धनिया खाएं। इससे दस्त में लाभ होता है।
  • इसी तरह, बराबर-बराबर मात्रा में धनिया, अतिविषा, कर्कटश्रृंगी, तथा गजपिप्पली से चूर्ण बना लें। इस चूर्म को 1/2-1 ग्राम मात्रा में लेकर, मधु मिलाकर सेवन करें। इससेबच्चों की उल्टी, और दस्त पर रोक लगती है।
  • धान्यपञ्चक (धनिया, सोंठ, नारगमोथा, सुगन्धवाला, बेल का गुदा) से बने काढ़ा का सेवन करने से दस्त में लाभ होता है।
  • दस्त में जलन, तथा प्यास लगने पर धनिया, तथा सुगन्धबाला का काढ़ा बना लें। 20-40 मिली काढ़ा को ठंडे जल के साथ पीना चाहिए। प्यास के साथ-साथ दर्द अधिक हो, तो धनिया, तथा सोंठ का काढ़ा पीने से लाभ होता है।

धनिया के प्रयोग से पेचिश में फायदा (Benefits of Dhaniya in Dysentery in Hindi)

  • पेचिश में 20 ग्राम धनिया को एक गिलास पानी में भिगोकर पीस छान लें। इसे सुबह पिएं।
  • धान्यक आदि द्रव्यों से बने धान्यक चतुष्क काढ़ा (15-20 मिली) का सेवन करें। इससे पित्त विकार के कारण होने वाले दस्त में लाभ होता है।

धनिया के उपयोग से मासिक धर्म विकार में लाभ (Uses of Dhaniya in Menorrhagia in Hindi)

योनि से असामान्य रक्तस्राव हो रहा हो, तो 10-20 मिली धनिया काढ़ा को दिन में दो-तीन बार पिलाने से मेनोरेजिया में लाभ होता है।

मूत्र रोग में धनिया का उपयोग (Coriander seeds Benefits for Urinary disease in Hindi)

मूत्र रोग में 10 ग्राम हरा धनिया, तथा 10 ग्राम गोक्षुर के फलों को 400 मिली पानी में पकाएं। जब यह एक चौथाई बचे तो 20-30 मिली काढ़ा में घी मिलाकर सुबह-शाम पिलाएं। इससे मूत्र रोग में लाभ (dhaniya ke fayde) होता है।

धनिया के उपयोग से बवासीर में लाभ (Dhaniya Benefits for Piles in Hindi )

  • बवासीर में लाभ के लिए 10-20 ग्राम धनिया के बीजों को, एक गिलास पानी, और 10 ग्राम मिश्री के साथ उबालकर पिलाएं। इससे बवासीर से बहने वाला खून रुक जाता है।
  • इसी तरह हरड़, गिलोय, तथा धनिया को समान मात्रा में लेकर चार गुने पानी में उबालें। जब यह एक चौथाई बच जाए, तो गुड़ डालकर सेवन करने से बवासीर में लाभ होता है।

धनिया का उपयोग कर जोड़ों के दर्द में लाभ (Dhaniya powder benefits for arthritis in hindi)

जोड़ों के दर्द से परेशान हैं, तो 6 ग्राम धनिया के चूर्ण में, 10 ग्राम शक्कर मिलाकर सुबह-शाम खाएं। इससे जोड़ों के दर्द में फायदा होता है।

धनिया के फायदे बुखार में (Corriander benefits for pitta fever in Hindi)

पित्त विकार के कारण होने वाले बुखार में 10 ग्राम धनिया, और 10 ग्राम चावल को रात भर भिगो दें। इस काढ़ा को 30 मिली मात्रा में सुबह-शाम पिलाने से बुखार में लाभ होता है। धनिया के औषधीय गुण बुखार के  लक्षणों से राहत दिलाने में फायदेमंद होता है।

धनिया खाने के नुकसान (Dhaniya khane ke Nuksan) (Side Effects of Coriander in Hindi)

धनिया के पत्ते (Dhaniya Coriander in Hindi) और बीजों को अधिक मात्रा में सेवन करने से निम्नलिखित परेशानियाँ हो सकती है:

  • धनिया के अत्यधिक सेवन से कामशक्ति कम हो सकती है।
  • मासिक धर्म रुक सकता है।
  • दमे के रोगी को नुकसान पहुंच सकता है।

नोट: अपने इस लेख के माध्यम से हमने आपको धनिया से होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में बताया है लेकिन इसका किसी भी प्रकार से औषधीय रूप में सेवन करने से पहले आप अपने नजदीकी चिकित्सक से परामर्श अवश्य कर लें।

Ad:

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*


This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.