Bhindi Ladyfinger in Hindi (भिण्डी: जानकारी, खाने के फायदे और नुकसान)

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Bhindi Ladyfinger in Hindi

Bhindi Ladyfinger in Hindi / भिण्डी खाने के आश्चर्यजनक फायदे और नुकसान

भिण्डी एक बहुत ही लोकप्रिय सब्जी है. यह एक झाड़ी रूपी पौधे में लगती है. भिण्डी की कुरकुरी भुजिया सब्जी और भरवां भिण्डी बच्चों के साथ साथ बड़ों को भी बहुत पसंद आती है. । भिंडी से कई तरह के व्यंजन, जैसे- भिंडी की मसालेदार सब्जी, भुजिया (सूखी सब्जी), सूप, रायता, सांभर और कढ़ी आदि बनाये जाते हैं।

भिण्डी (Bhindi Ladyfinger in Hindi) सिर्फ एक सब्जी ही नहीं है अपितु आयुर्वेद के अनुसार इसके अन्दर बहुत सारे औषधीय गुण भी हैं. इस पोस्ट में हम भिण्डी खाने से होने वाले आश्चर्यजनक लाभ और हानि की चर्चा करेंगें.

भिंडी क्या है? (What is Bhindi in Hindi?)

भिंडी का प्रयोग भिंडी की सब्जी के रूप में किया जाता है। इसके फल अंगुली के समान लम्बे होते हैं इसीलिए इसे अंग्रेजी में (Ladies finger) के नाम से जाना जाता है. भिंडी का पूरा पौधा रोमों से युक्त होता है। इसके फूल पीले रंग के होते हैं। इसके फल हरे रंग के होते हैं। भिंडी के फल आगे की तरफ से नुकीले तथा पतले होते हैं। भिंडी के अन्दर सफेद रंग के गोलाकार, चिपचिपे द्रव्य से युक्त अनेक बीज होते हैं। भिंडी के प्रयोग से वात-पित्त रोग के साथ-साथ मल संबंधी परेशानी भी दूर होती है।

अन्य भाषाओं में भिंडी के नाम (Name of Lady Finger (Bhindi) in Different Languages)

भिण्डी (Bhindi Ladyfinger in Hindi) का वानस्पतिक नाम ऐबलमोस्कस ऐस्कुलेन्टस (Abelmoschus esculentus (Linn.) Moench, Syn-Hibiscus esculentus Linn., है, और यह मालवेसी (Malvaceae) कुल की है। इसे विभिन्न भाषाओँ में अलग अलग नामों से जाना जाता है.

  • हिंदी में- भिण्डी, रामतोरई
  • उर्दू में-  भिन्डी (Bhindi)
  • अंग्रेजी में-  Lady’s finger (लेडी फिंगर), गुम्बो (Gumbo), ओकरा (Okra)
  • संस्कृत में-  तिण्डिशा, भेण्डा, करपर्णफल, गन्धमूला
  • कोंकणी में-  बेन्डो (Bendo)
  • कन्नड़ में-  बेन्डेकायी (Bendekayi)
  • गुजराती में-  भिंडो (Bhindo)
  • तमिल में-  वेन्डी (Vendi)
  • तेलगू में-  वेन्डा (Venda)
  • बंगाली में-  भेण्डी (Bhendi), ढेरासा (Dherasa)
  • नेपाली में-  रामतोरिया (Ramturiya)
  • पंजाबी में-  भिंडी (Bhindi), भेंडा (Bhenda)
  • मलयालम में-  वेन्टा (Vanta)
  • मराठी में-  भेण्डी (Bhendi)  
  • अरबी में-  बामीया (Bamyah)
  • फारसी में-  बामीयाह (Bamiyah)

भिण्डी के औषधीय गुण (Medicinal Values of Ladyfinger in Hindi)

भिण्डी का पौधा

जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि भिण्डी में औषधीय प्रयोग कैसे किया जाता है, और औषधीय प्रयोग के समय भिंडी की मात्रा, या विधियां क्या होनी चाहिएः-

घाव को सुखाने में भिंडी के फायदे (Benefits of Lady Finger in Healing Wound in Hindi)

भिंडी (Bhindi Ladyfinger in Hindi) घाव को सुखाने के काम में भी प्रयोग में लाई जाती है। अगर किसी व्यक्ति को घाव है, और वह ठीक नहीं हो रहा है, तो भिंडी के पत्तों को पीसकर घाव पर लगाएं। इससे घाव जल्दी ठीक हो जाता है।

भिंडी का प्रयोग कर त्वचा विकार में लाभ (Benefits of Bhindi in Skin Disease Treatment in Hindi)

भिंडी एक-दो नहीं, बल्कि त्वचा की अनेक बीमारियों के उपचार के लिए प्रयोग में लाई जाती है। त्वचा में घाव हो जाए, रोम संबंधी विकार हो, या त्वचा की अन्य बीमारी। भिण्डी के पत्ते के रस को बीमार त्वचा पर लगाएं। इससे त्वचा रोग में तुरंत लाभ होता है।

भिंडी का उपयोग कर खुजली का इलाज (Lady Finger Benefits in Itching Treatment in Hindi)

अक्सर ऐसा देखा जाता है, कि जब लोगों को खुजली होती है, तो वे खुजली के इलाज के लिए कई तरह के नुस्खे आजमाते हैं। कई बार जब कोई उपाय काम ना करे, तो आप भिंडी के फल को पीसकर लेप बना लें। इसे खुजली वाले स्थान पर लगाएं। इससे खुजली ठीक हो जाती है।

दस्त रोकने के लिए फायदेमंद भिंडी का सेवन (Benefits of Bhindi to Stop Diarrhea in Hindi)

दस्त में भी भिंडी (Bhindi Ladyfinger in Hindi) का प्रयोग करना फायदेमंद होता है। दस्त की बीमारी में भिण्डी के फलों को मसल लें। इसमें मिश्री मिला लें। इसका सेवन करें। इससे दस्त में लाभ होता है।

भिंडी के प्रयोग से पेचिश में लाभ (Bhindi Benefits to Stop Dysentery in Hindi)

आप भिंडी के प्रयोग से पेचिश में लाभ ले सकते हैं। इसके लिए भिण्डी के फल की सब्जी बनाकर खाएं। इससे पेचिश में लाभ होता है।

पेशाब में जलन की समस्या में भिंडी का सेवन (Benefits of Bhindi to Treat Burning Sensation in Urine in Hindi)

किसी व्यक्ति को पेशाब में जलन की परेशानी हो, तो उसे भिण्डी के फूलों का काढ़ा बना लेना है। इसमें 10-15 मिली मिश्री मिलाकर सेवन करना है। इससे पेशाब में जलन की परेशानी ठीक हो जाती है

मूत्र रोग में भिंडी के सेवन से लाभ (Lady Finger Benefits in Treating Urinary Disease in Hindi)

मूत्र रोग जैसे पेशाब का रुक-रुक कर आना, पेशाब करते समय दिक्कत होना, पेशाब करते समय दर्द होना, मूत्र नलिका संबंधित विकार हो तो भिंडी का उपयोग फायदा पहुंचा सकता है। इस रोग में भिण्डी के फल का काढ़ा बनाकर 10-15 मिली मात्रा में पीएं। इससे मूत्र रोग ठीक होता है।

भिंडी के उपयोग से सुजाक में फायदा (Bhindi Powder Benefits for Gonorrhea in Hindi)

सुजाक एक यौन रोग है, जो स्त्री या पुरुष किसी को भी हो सकता है। कई पुरुषों में सुजाक के लक्षण दिखाई नहीं पड़ते। सामान्यतः पुरुषों में इस बीमारी में पेशाब करते समय जलन होने लगते हैं। लिंग से सफेद, पीला या हरा स्राव होता है।

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इसी तरह महिलाओं में भी पेशाब करते समय दर्द, या जलन होती है। मासिक धर्म के बीच योनि से खून भी निकलता है। इसमें 1-2 ग्राम भिण्डी की जड़ के चूर्ण में मिश्री मिलाकर खाने से लाभ होता है।

5-10 मिली भिण्डी का काढ़ा का सेवन करने से भी सुजाक में लाभ होता है।

ल्यूकोरिया में भिंडी के फायदे (Bhindi Benefits in Leukorrhea Treatment in Hindi)

भिंडी (Bhindi Ladyfinger in Hindi) का सेवन करने से ल्यूकोरिया में भी फायदा लिया जा सकता है। इसके लिए 15-20 मिली काढ़ा बनाकर सेवन करें। इससे ल्यूकोरिया में लाभ होता है।

योनि रोग में भिंडी के फायदे (Bhindi Benefits for Vaginal Disease in Hindi)

योनि से संबंधित विकारों में भिण्डी की जड़ का पेस्ट बना लें। इसे 1-2 ग्राम की मात्रा में दिन में तीन बार सेवन करें। एक माह तक सेवन करना है। इससे योनि से संबंधित रोगों में लाभ होता है।

वीर्यपात (शीघ्रपतन) में भिंडी के लाभ (Lady Finger Benefits for Premature Ejaculation in Hindi)

वीर्यपात (शीघ्रपतन) से बहुत से लोग परेशान रहते हैं, और इस समस्या से निजात पाने के लिए अपना इलाज भी कराते हैं। शीघ्रपतन की समस्या में भी भिंडी का सेवन फायदा पहुंचाता है। भिण्डी के फलों को मसल लें। इसमें मिश्री मिला लें। इसका सेवन करने से वीर्यस्राव की परेशानी में लाभ होता है।

कैंसर का इलाज करने में भिंडी के फायदे (Bhindi Beneficial to Treat Bhindi in Hindi)

भिंडी का सेवन कैंसर से बचाव में मदद करता है क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट तत्त्व दूसरी सब्ज़ियों कि तुलना में ज्यादा होते हैं, जो कि कैंसर से लड़ने में सहायक होते है

हृदय को सेहतमंद रखने में लाभकारी भिंडी (Benefits of Lady Finger for Healthy Heart in Hindi)

भिंडी में उष्ण गुण होने के कारण यह शरीर की पाचक अग्नि को बढ़ाने में मदद करती है जिसके कारण यह शरीर के विषैले तत्व “आम” को पचाने में सहायक होती है।आम के पाचन होने के कारण  कोलेस्ट्रॉल बढ़ने जैसी समस्या नहीं होती है और हृदय को स्वस्थ रूप से कार्य करता रहता है।

आँखों की रोशनी बढ़ाने में फायदेमंद भिंडी का सेवन  (Benefit of Bhindi for Good Eyesight in Hindi)

भिंडी में विटामिन सी, विटामिन ई और जिंक जैसे कुछ तत्त्व पाए जाते हैं, जो कि आँखों की रोशनी यानी आई साइट को स्वस्थ रखने में सहयोगी होते है।  

पाचन तंत्र को सेहतमंद बनाने में सहायक भिंडी (Lady Finger Beneficial to Boost Digestive System in Hindi)

भिंडी (Bhindi Ladyfinger in Hindi) में उष्ण गुण पाया जाता है जो कि पाचक अग्नि को बढ़ाकर पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाये रखने में सहयोग देता है। इसी वजह से भिंडी का सेवन से पाचन तंत्र को अपना कार्य बेहतर तरीके से करने में मदद करता  है।

डायबिटीज को नियंत्रित करने में भिंडी फायदेमंद (Bhindi Beneficial to Control Diabetes in Hindi)

शुगर के बढ़ने की एक वजह पाचन का खराब होना भी माना गया है, जिसमे शरीर में आम बनना शुरू हो जाता है। भिंडी में अम्ल एवं उष्ण गुण होने के कारण यह पाचन को स्वस्थ रखती है साथ ही शुगर को भी नियंत्रित रखने में सहयोग देती है। 

तैलीय बालों के लिए उपयोगी भिंडी पाउडर के फायदे (Bhindi Powder Beneficial for Oily Hair in Hindi)

भिंडी आपके के लिए लाभदायक होती है। एक रिसर्च के अनुसार यह आपके बालों को रेजुविनेट यानी बेजान बालों में नई चमक और मज़बूती लाने में मदद करती है।

आग से जलने पर भिंडी का प्रयोग (Benefits of Lady Finger for Fire Burning Problem in Hindi)

अगर आग से कोई अंग जल जाए, तो भिंडी का उपयोग करें। भिण्डी के पत्तों को पीसकर जलने वाले स्थान पर लगाएं। इससे जलन शांत हो जाती है।

भिंडी के उपयोगी भाग (Useful Parts of Bhindi – Lady Finger)

भिण्डी की मसालेदार सब्जी

भिंडी का सेवन इस तरह से किया जा सकता हैः-

  • भिंडी के पौधे के फूल
  • पौधे के पत्ते
  • भिंडी फल
  • पौधे की जड़

भिण्डी खाने के नुकसान (Bhindi khane ke Nuksan) (Side Effects of Ladyfinger in Hindi)

भिंडी एक सब्जी है, जिसके उपयोग से कुछ लोगों को नुकसान भी हो सकता है,  इसलिए भिंडी का उपयोग करते समय बातों का ध्यान रखना जरूरी हैः-

  • खांसी में भिंडी का सेवन ना करें।
  • पाचनतंत्र विकार (मन्दाग्नि) में भिंडी का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • वात रोग में भिंडी का सेवन करने से नुकसान हो सकता है।
  • साइनस (पीनस रोग) में भिण्डी का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • भिंडी का अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से कब्ज की परेशानी हो सकती है।

भिंडी कहां पाई या उगाई जाती है? (Where is Bhindi Found or Grown?)

चूंकि भिंडी एक सब्जी है इसलिए पूरे भारत में इसकी खेती की जाती है। भारत में लगभग 1200 मी. की ऊँचाई तक भी भिंडी की खेती की जाती है।

नोट: अपने इस लेख के माध्यम से हमने आपको भिण्डी से होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में बताया है लेकिन इसका किसी भी प्रकार से औषधीय रूप में सेवन करने से पहले आप अपने नजदीकी चिकित्सक से परामर्श अवश्य कर लें।

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