Tumhara Chitra Kavita (तुम्हारा चित्र कविता)- माखनलाल चतुर्वेदी

Tumhara Chitra Kavita, तुम्हारा चित्र, माखनलाल चतुर्वेदी (Makhanlal Chaturvedi) द्वारा लिखित कविता है. मधुर! तुम्हारा चित्र बन गया कुछ नीले कुछ श्वेत गगन पर हरे-हरे घन श्यामल वन पर द्रुत असीम उद्दण्ड पवन पर चुम्बन आज पवित्र बन गया, मधुर! तुम्हारा चित्र बन गया। Tumhara Chitra Kavita तुम आए, बोले, तुम खेले दिवस-रात्रि बांहों पर … Read more

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