Kunj Kuteere Yamuna Teere (कुंज कुटीरे यमुना तीरे कविता)- माखनलाल चतुर्वेदी

Kunj Kuteere Yamuna Teere, कुंज कुटीरे यमुना तीरे, माखनलाल चतुर्वेदी (Makhanlal Chaturvedi) द्वारा लिखित कविता है. पगली तेरा ठाट ! किया है रतनाम्बर परिधान अपने काबू नहीं, और यह सत्याचरण विधान ! उन्मादक मीठे सपने ये, ये न अधिक अब ठहरें, साक्षी न हों, न्याय-मन्दिर में कालिन्दी की लहरें। डोर खींच मत शोर मचा, मत … Read more

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