Main apne se darti hu Kavita (मैं अपने से डरती हूँ सखि)- माखनलाल चतुर्वेदी
Main apne se darti hu Kavita, मैं अपने से डरती हूँ सखि, माखनलाल चतुर्वेदी (Makhanlal Chaturvedi) द्वारा लिखित कविता है. मैं अपने से डरती हूँ सखि ! पल पर पल चढ़ते जाते हैं, पद-आहट बिन, रो! चुपचाप बिना बुलाये आते हैं दिन, मास, वरस ये अपने-आप; लोग कहें चढ़ चली उमर में पर मैं नित्य … Read more