Madhur madhur mere deepak jal Kavita (मधुर-मधुर मेरे दीपक जल! कविता)- महादेवी वर्मा

Madhur madhur mere deepak jal Kavita, मधुर-मधुर मेरे दीपक जल!, महादेवी वर्मा (Mahadevi Verma) द्वारा लिखित कविता है. मधुर-मधुर मेरे दीपक जल! युग-युग प्रतिदिन प्रतिक्षण प्रतिपल प्रियतम का पथ आलोकित कर! सौरभ फैला विपुल धूप बन मृदुल मोम-सा घुल रे, मृदु-तन! दे प्रकाश का सिन्धु अपरिमित, तेरे जीवन का अणु गल-गल पुलक-पुलक मेरे दीपक जल! … Read more

Mitne ka adhikar Kavita (मिटने का अधिकार कविता)- महादेवी वर्मा

Mitne ka adhikar Kavita, मिटने का अधिकार, महादेवी वर्मा (Mahadevi Verma) द्वारा लिखित कविता है. वे मुस्काते फूल, नहीं जिनको आता है मुरझाना, वे तारों के दीप, नहीं जिनको भाता है बुझ जाना! वे सूने से नयन,नहीं जिनमें बनते आँसू मोती, वह प्राणों की सेज,नही जिसमें बेसुध पीड़ा, सोती! Mitne ka adhikar Kavita वे नीलम … Read more

Kaun tum mere hriday me Kavita (कौन तुम मेरे हृदय में कविता)- महादेवी वर्मा

Kaun tum mere hriday me Kavita, कौन तुम मेरे हृदय में, महादेवी वर्मा (Mahadevi Verma) द्वारा लिखित कविता है. कौन मेरी कसक में नित मधुरता भरता अलक्षित? कौन प्यासे लोचनों में घुमड़ घिर झरता अपरिचित? स्वर्ण-स्वप्नों का चितेरा नींद के सूने निलय में! कौन तुम मेरे हृदय में? अनुसरण निश्वास मेरे कर रहे किसका निरन्तर? … Read more

Jo tum aa jate ek bar Kavita (जो तुम आ जाते एक बार कविता)- महादेवी वर्मा

Jo tum aa jate ek bar Kavita, जो तुम आ जाते एक बार, महादेवी वर्मा (Mahadevi Verma) द्वारा लिखित कविता है. कितनी करूणा कितने संदेश पथ में बिछ जाते बन पराग गाता प्राणों का तार तार अनुराग भरा उन्माद राग Jo tum aa jate ek bar Kavita आँसू लेते वे पथ पखार जो तुम आ … Read more

Yeh Mandir ka deep Kavita (यह मंदिर का दीप कविता)- महादेवी वर्मा

Yeh Mandir ka deep Kavita, यह मंदिर का दीप, महादेवी वर्मा (Mahadevi Verma) द्वारा लिखित कविता है. यह मन्दिर का दीप इसे नीरव जलने दो रजत शंख घड़ियाल स्वर्ण वंशी-वीणा-स्वर, गये आरती वेला को शत-शत लय से भर, जब था कल कंठो का मेला, विहंसे उपल तिमिर था खेला, अब मन्दिर में इष्ट अकेला, इसे … Read more

Puchhta kyo shesh kitni rat Kavita (पूछता क्यों शेष कितनी रात कविता)- महादेवी वर्मा

Puchhta kyo shesh kitni rat Kavita, पूछता क्यों शेष कितनी रात, महादेवी वर्मा (Mahadevi Verma) द्वारा लिखित कविता है. पूछता क्यों शेष कितनी रात? छू नखों की क्रांति चिर संकेत पर जिनके जला तू स्निग्ध सुधि जिनकी लिये कज्जल-दिशा में हँस चला तू परिधि बन घेरे तुझे, वे उँगलियाँ अवदात! झर गये ख्रद्योत सारे, तिमिर-वात्याचक्र … Read more

Jab yah deep thake Kavita (जब यह दीप थके कविता)- महादेवी वर्मा

Jab yah deep thake Kavita, जब यह दीप थके, महादेवी वर्मा (Mahadevi Verma) द्वारा लिखित कविता है. यह चंचल सपने भोले है, दृग-जल पर पाले मैने, मृदु पलकों पर तोले हैं; दे सौरभ के पंख इन्हें सब नयनों में पहुँचाना! साधें करुणा-अंक ढली है, सान्ध्य गगन-सी रंगमयी पर पावस की सजला बदली है; विद्युत के … Read more

Ali main kan kan ko jan chali Kavita (अलि! मैं कण-कण को जान चली कविता)- महादेवी वर्मा

Ali main kan kan ko jan chali Kavita, अलि! मैं कण-कण को जान चली, महादेवी वर्मा (Mahadevi Verma) द्वारा लिखित कविता है. अलि, मैं कण-कण को जान चली सबका क्रन्दन पहचान चली जो दृग में हीरक-जल भरते जो चितवन इन्द्रधनुष करते टूटे सपनों के मनको से जो सुखे अधरों पर झरते, जिस मुक्ताहल में मेघ … Read more

Mahadevi Verma Kavita Sangrah (महादेवी वर्मा का कविता संग्रह)

महादेवी वर्मा का कविता संग्रह Mahadevi Verma Kavita Sangrah, निम्नलिखित रचनाएँ महादेवी वर्मा की प्रसिद्द कविता संग्रह हैं. नीहार (1929) रश्मि (1932) नीरजा (1933) सांध्यगीत (1935) दीपशिखा (1942) प्रथम आयाम (1980) अग्निरेखा (1988) सप्तपर्णा   महादेवी वर्मा की कविताओं का नया संकलन इन संकलनों में महादेवी वर्मा की पुरानी कविताओं को ही नयी भूमिकाओं के … Read more

Hey kale kale badal Kavita (हे काले-काले बादल कविता)- सुभद्रा कुमारी चौहान

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Hey kale kale badal Kavita, हे काले-काले बादल सुभद्रा कुमारी चौहान (subhadra kumari chauhan) द्वारा लिखित कविता है. हे काले-काले बादल, ठहरो, तुम बरस न जाना। मेरी दुखिया आँखों से, देखो मत होड़ लगाना॥ तुम अभी-अभी आये हो, यह पल-पल बरस रही हैं। तुम चपला के सँग खुश हो, यह व्याकुल तरस रही हैं॥ Hey … Read more

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