Batata ja re Abhimani Kavita (बताता जा रे अभिमानी! कविता)- महादेवी वर्मा

Batata ja re Abhimani Kavita, बताता जा रे अभिमानी!, महादेवी वर्मा (Mahadevi Verma) द्वारा लिखित कविता है. बताता जा रे अभिमानी! कण-कण उर्वर करते लोचन स्पन्दन भर देता सूनापन जग का धन मेरा दुख निर्धन तेरे वैभव की भिक्षुक या कहलाऊँ रानी! बताता जा रे अभिमानी! Batata ja re Abhimani Kavita दीपक-सा जलता अन्तस्तल संचित … Read more

Main bani madhumas Kavita (मैं बनी मधुमास आली! कविता)- महादेवी वर्मा

Main bani madhumas Kavita, मैं बनी मधुमास आली!, महादेवी वर्मा (Mahadevi Verma) द्वारा लिखित कविता है. मैं बनी मधुमास आली! आज मधुर विषाद की घिर करुण आई यामिनी, बरस सुधि के इन्दु से छिटकी पुलक की चाँदनी उमड़ आई री, दृगों में सजनि, कालिन्दी निराली! रजत स्वप्नों में उदित अपलक विरल तारावली, जाग सुक-पिक ने … Read more

Jeevan virah ka jaljaat Kavita (जीवन विरह का जलजात कविता)- महादेवी वर्मा

Jeevan virah ka jaljaat Kavita, जीवन विरह का जलजात, महादेवी वर्मा (Mahadevi Verma) द्वारा लिखित कविता है. विरह का जलजात जीवन, विरह का जलजात! वेदना में जन्म करुणा में मिला आवास अश्रु चुनता दिवस इसका; अश्रु गिनती रात; जीवन विरह का जलजात! आँसुओं का कोष उर, दृग अश्रु की टकसाल, तरल जल-कण से बने घन-सा … Read more

Path dekh bita Kavita (पथ देख बिता दी रैन कविता)- महादेवी वर्मा

Path dekh bita Kavita, पथ देख बिता दी रैन, महादेवी वर्मा (Mahadevi Verma) द्वारा लिखित कविता है. पथ देख बिता दी रैन मैं प्रिय पहचानी नहीं! तम ने धोया नभ-पंथ सुवासित हिमजल से; सूने आँगन में दीप जला दिये झिल-मिल से; आ प्रात बुझा गया कौन अपरिचित, जानी नहीं! मैं प्रिय पहचानी नहीं! धर कनक-थाल … Read more

Jag tujhko dur jana Kavita (जाग तुझको दूर जाना कविता)- महादेवी वर्मा

Jag tujhko dur jana Kavita, जाग तुझको दूर जाना, महादेवी वर्मा (Mahadevi Verma) द्वारा लिखित कविता है. चिर सजग आँखें उनींदी आज कैसा व्यस्त बाना! जाग तुझको दूर जाना! अचल हिमगिरि के हॄदय में आज चाहे कम्प हो ले! या प्रलय के आँसुओं में मौन अलसित व्योम रो ले; आज पी आलोक को ड़ोले तिमिर … Read more

Been bhi hu Kavita (बीन भी हूँ मैं तुम्हारी रागिनी भी हूँ कविता)- महादेवी वर्मा

Been bhi hu Kavita, बीन भी हूँ मैं तुम्हारी रागिनी भी हूँ, महादेवी वर्मा (Mahadevi Verma) द्वारा लिखित कविता है. बीन भी हूँ मैं तुम्हारी रागिनी भी हूँ! नींद थी मेरी अचल निस्पन्द कण कण में, प्रथम जागृति थी जगत के प्रथम स्पन्दन में, प्रलय में मेरा पता पदचिन्ह जीवन में, शाप हूँ जो बन … Read more

Tum Mujhme priy Kavita (तुम मुझमें प्रिय, फिर परिचय क्या! कविता)- महादेवी वर्मा

Tum Mujhme priy Kavita, तुम मुझमें प्रिय, फिर परिचय क्या!, महादेवी वर्मा (Mahadevi Verma) द्वारा लिखित कविता है. तुम मुझमें प्रिय, फिर परिचय क्या! तारक में छवि, प्राणों में स्मृति पलकों में नीरव पद की गति लघु उर में पुलकों की संस्कृति भर लाई हूँ तेरी चंचल और करूँ जग में संचय क्या? Tum Mujhme … Read more

Teri sudhi bin Kavita (तेरी सुधि बिन क्षण क्षण सूना कविता)- महादेवी वर्मा

Teri sudhi bin Kavita, तेरी सुधि बिन क्षण क्षण सूना, महादेवी वर्मा (Mahadevi Verma) द्वारा लिखित कविता है. तेरी सुधि बिन क्षण क्षण सूना। कम्पित कम्पित, पुलकित पुलकित, परछाईं मेरी से चित्रित, रहने दो रज का मंजु मुकुर, इस बिन श्रृंगार-सदन सूना! तेरी सुधि बिन क्षण क्षण सूना। सपने और स्मित, जिसमें अंकित, सुख दुख … Read more

Neer bhari dukh ki badli Kavita (नीर भरी दुख की बदली कविता)- महादेवी वर्मा

Neer bhari dukh ki badli Kavita, नीर भरी दुख की बदली, महादेवी वर्मा (Mahadevi Verma) द्वारा लिखित कविता है. मैं नीर भरी दु:ख की बदली! स्पंदन में चिर निस्पंद बसा, क्रन्दन में आहत विश्व हंसा, नयनों में दीपक से जलते, पलकों में निर्झरिणी मचली! मेरा पग-पग संगीत भरा, श्वासों में स्वप्न पराग झरा, नभ के … Read more

Jane kis jivan ki sudhi le Kavita (जाने किस जीवन की सुधि ले कविता)- महादेवी वर्मा

Jane kis jivan ki sudhi le Kavita, जाने किस जीवन की सुधि ले, महादेवी वर्मा (Mahadevi Verma) द्वारा लिखित कविता है. लहराती आती मधु-बयार! रंजित कर ले यह शिथिल चरण, ले नव अशोक का अरुण राग, मेरे मण्डन को आज मधुर, ला रजनीगन्धा का पराग; यूथी की मीलित कलियों से अलि, दे मेरी कबरी सँवार। … Read more

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