Kathin prayatno se samagri Kavita (कठिन प्रयत्नों से सामग्री कविता)- सुभद्रा कुमारी चौहान

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Kathin prayatno se samagri Kavita, कठिन प्रयत्नों से सामग्री सुभद्रा कुमारी चौहान (subhadra kumari chauhan) द्वारा लिखित कविता है कठिन प्रयत्नों से सामग्री मैं बटोरकर लाई थी। बड़ी उमंगों से मन्दिर में, पूजा करने आई थी॥ पास पहुँचकर जो देखा तो आहा! द्वार खुला पाया। जिसकी लगन लगी थी उसके दर्शन का अवसर आया॥ Kathin … Read more

Koyal Kavita (कोयल कविता)- सुभद्रा कुमारी चौहान

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Koyal Kavita, कोयल सुभद्रा कुमारी चौहान (subhadra kumari chauhan) द्वारा लिखित कविता है. देखो कोयल काली है पर मीठी है इसकी बोली इसने ही तो कूक कूक कर आमों में मिश्री घोली कोयल कोयल सच बतलाना क्या संदेसा लायी हो बहुत दिनों के बाद आज फिर इस डाली पर आई हो Koyal Kavita क्या गाती … Read more

Kalah karan Kavita (कलह कारण कविता)- सुभद्रा कुमारी चौहान

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Kalah karan Kavita, कलह कारण सुभद्रा कुमारी चौहान (subhadra kumari chauhan) द्वारा लिखित कविता है कड़ी आराधना करके बुलाया था उन्हें मैंने। पदों को पूजने के ही लिए थी साधना मेरी॥ तपस्या नेम व्रत करके रिझाया था उन्हें मैंने। पधारे देव, पूरी हो गई आराधना मेरी॥ Kalah karan Kavita उन्हें सहसा निहारा सामने, संकोच हो … Read more

Ullas Kavita (उल्लास कविता)- सुभद्रा कुमारी चौहान

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Ullas Kavita, उल्लास सुभद्रा कुमारी चौहान (subhadra kumari chauhan) द्वारा लिखित कविता है शैशव के सुन्दर प्रभात का मैंने नव विकास देखा। यौवन की मादक लाली में जीवन का हुलास देखा।। जग-झंझा-झकोर में आशा-लतिका का विलास देखा। आकांक्षा, उत्साह, प्रेम का क्रम-क्रम से प्रकाश देखा।। Ullas Kavita जीवन में न निराशा मुझको कभी रुलाने को … Read more

Upeksha Kavita (उपेक्षा कविता)- सुभद्रा कुमारी चौहान

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Upeksha Kavita, उपेक्षा सुभद्रा कुमारी चौहान (subhadra kumari chauhan) द्वारा लिखित कविता है इस तरह उपेक्षा मेरी, क्यों करते हो मतवाले! आशा के कितने अंकुर, मैंने हैं उर में पाले॥ विश्वास-वारि से उनको, मैंने है सींच बढ़ाए। निर्मल निकुंज में मन के, रहती हूँ सदा छिपाए॥ मेरी साँसों की लू से कुछ आँच न उनमें … Read more

Iska Rona Kavita (इसका रोना कविता)- सुभद्रा कुमारी चौहान

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Iska Rona Kavita, इसका रोना- सुभद्रा कुमारी चौहान (subhadra kumari chauhan) द्वारा लिखित कविता है. तुम कहते हो – मुझको इसका रोना नहीं सुहाता है। मैं कहती हूँ – इस रोने से अनुपम सुख छा जाता है।। सच कहती हूँ, इस रोने की छवि को जरा निहारोगे। बड़ी-बड़ी आँसू की बूँदों पर मुक्तावली वारोगे।। 1।। … Read more

Aradhana Kavita (आराधना कविता)- सुभद्रा कुमारी चौहान

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Aradhana Kavita, आराधना सुभद्रा कुमारी चौहान (Subhadra kumari chauhan) द्वारा लिखित कविता है। नोट: यह ‘आराधना’ कविता ‘सुभद्रा कुमारी चौहान’ द्वारा लिखी गयी है. इसी ‘आराधना’ नाम से एक और कविता सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ ने लिखा है. इसलिए कंफ्यूज ना हों। जब मैं आँगन में पहुँची, पूजा का थाल सजाए। शिवजी की तरह दिखे वे, … Read more

Anokha dan Kavita (अनोखा दान कविता)- सुभद्रा कुमारी चौहान

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Anokha dan Kavita, अनोखा दान सुभद्रा कुमारी चौहान (subhadra kumari chauhan) द्वारा लिखित कविता है अपने बिखरे भावों का मैं गूँथ अटपटा सा यह हार। चली चढ़ाने उन चरणों पर, अपने हिय का संचित प्यार॥ डर था कहीं उपस्थिति मेरी, उनकी कुछ घड़ियाँ बहुमूल्य नष्ट न कर दे, फिर क्या होगा मेरे इन भावों का … Read more

Jhansi ki Rani Kavita (झाँसी की रानी कविता) – सुभद्रा कुमारी चौहान

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Jhansi ki Rani Kavita सिंहासन हिल उठे राजवंशों ने भृकुटी तानी थी, बूढ़े भारत में भी आई फिर से नयी जवानी थी, गुमी हुई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी, दूर फिरंगी को करने की सबने मन में ठानी थी। चमक उठी सन सत्तावन में, वह तलवार पुरानी थी, बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी … Read more

Subhadra Kumari Chauhan (सुभद्राकुमारी चौहान का जीवन परिचय)

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Subhadra Kumari Chauhan Biography in Hindi सुभद्रा कुमारी चौहान (Subhadra Kumari Chauhan) हिन्दी की सुप्रसिद्ध कवयित्री और लेखिका थीं। इनकी दो कविता संग्रह तथा तीन कथा संग्रह प्रकाशित हुए पर मुख्य रूप से इनकी प्रसिद्धि झाँसी की रानी कविता के कारण है। सुभद्रा कुमारी चौहान (Subhadra Kumari Chauhan) राष्ट्रीय चेतना की एक सजग कवयित्री रही … Read more

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